रायपुर . राजधानी रायपुर को ओडीएफ प्लस प्लस घोषित किया गया है। केंद्रीय आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय ने शुक्रवार को देश के ऐसे शहरों की सूची जारी की है जो ओडीएफ प्लस प्लस के मापदंड पूरे करने में सफल हुए हैं।
घोषणा क्वालिटी काउंसिल आॅफ इंडिया (क्यूसीआई) की टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर की है। क्यूसीआई टीम हफ्तेभर पर पहले सर्वे के लिए रायपुर आई थी। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद रायपुर को तीन साल से खुले में शौच से मुक्त करने के लिए तैयार किया जा रहा है। दो साल पहले ही रायपुर को ओडीएफ घोषित किया गया।
2019 में रायपुर को तीसरी बार ओडीएफ घोेेषित किया गया है। राजधानी कागजों में तो ओडीएफ प्लस घोषित हो गई, लेकिन हकीकत में कुछ और है। इसलिए दैनिक भास्कर की टीम ने शहर के ओपन डेफिकेशन (ओडी) स्पॉट का जायजा लिया ताकि हमें मिले इस झूठे तमगे केब जाय सच्चा तमगा हासिल करें।
भास्कर ग्राउंड रिपोर्ट गुढ़ियारी, पार्वती नगर जैसे इलाकों में अब भी खुले में शौच जा रहे हैं लोग : ओडीएफ प्लस के झूठे तमगे की असलियत सामने लाने के लिए भास्कर टीम ने शहर के कुछ एेसे इलाकों का जायजा लिया, जहां आज भी लोग खुले में शौच के जाते हैं। सरोना में रेलवे क्रासिंग के पास खुले मैदान और आसपास का इलाका नगर निगम ने दो साल पहले खुले में शौच से मुक्त करने का दावा किया था। यहां आज भी सुबह-शाम लोग खुले में शौच के लिए जा रहे हैं। कुछ ऐसे ही हालात गुढ़ियारी खालबाड़ा के आसपास हैं। टीम जब इस इलाके में पहुंची तो पेट्रोल पंप से मंगल बाजार जाने वाली संकरी रोड पर खुले में शौच करते नजर आए। संतोषी नगर के आगे पुरानी धमतरी रोड पर कमल विहार के खाली मैदान में भी शौच के लिए लोगों का जमावड़ा लगता है। निगम जोन-6 अमले ने कुछ दिन पहले यहां कुछ लोगों पर कार्रवाई भी की, लेकिन यहां अब भी लोग यहां खुले में शौच के लिए पहुंचते हैं। पार्वती नगर, कचना फाटक, पंडरी तराई, दलदल सिवनी, सड्ढू, सरोना, रायपुरा आदि इलाकों में भी लोग खुले में शौच के लिए जाते नजर आते हैं।
ऐसे हुई ओडीएफ की घोषणा : ओडीएफ के लिए मापदंड है शहर में खुले में शौच में 70% खत्म हुई हो। निगम अफसरों ने 70 वार्डों में लगभग 90 ओडी स्पॉट चिन्हित किए थे। रायपुर का हर साल सर्वे होता है।
ये होता है ओडीएफ ++ : केंद्र सरकार ने ओडीएफ से आगे बढ़कर शहरों को ओडीएफ डबल प्लस में लाने की योजना बनाई। इसके लिए शहर के कुल सार्वजनिक शौचालयों में से 25% में महिलाओं के लिए वेंडिंग मशीन, छोटे बच्चों के लिए वॉश बेसिन, दिव्यांग व थर्ड जेंडर के लिए अलग व्यवस्था आदि की सुविधा होनी चाहिए। निगम का दावा है करीब 50 शौचालयों में ये सुविधाएं हैं। इसलिए ओडीएफ प्लस प्लस मिला है।
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