Friday, 12th September 2025

मंदसौर / भाजपा नेता की हत्या का आरोपी गिरफ्तार, एनकाउंटर के डर से भागा था राजस्थान

Sat, Jan 19, 2019 7:44 PM

 

  • 10 दिन पहले मनीष के ऑफिस में रची गई थी नगर पालिक अध्यक्ष बंधवार की हत्या की साजिश
  • 5 लाख रुपए को लेकर बंधवार से चल रहा था मनीष का विवाद, इसी के चलते हत्या की

मंदसौर. नगर पालिक अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के आरोपी मनीष बैरागी को राजस्थान के प्रतापगढ़ से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मंदसौर पुलिस द्वारा एनकाउंटर के डर से वह राजस्थान भाग गया था। वहां प्रतापगढ़ की कोतवाली में उसकी सरेंडर करने की प्लानिंग थी। बैरागी ने बताया कि उसे पता चला था कि प्रतापगढ़ जेल में मोबाइल चलाने को मिलता है। इसीलिए वह वहां सरेंडर करना चाहता था। 

 

10 दिन पहले बनाई थी हत्या की साजिश
पुलिस ने बताया कि मनीष बैरागी ने 10 दिन पहले ही बंधवार की हत्या की साजिश बना ली थी। उसका पांच लाख रुपए को लेकर बंधवार से विवाद चल रहा था। वह कई बार बंधवार को कह चुका था- 'दादा रुपए लौटा दो वरना कभी भी नपा के उपचुनाव करवा दूंगा।' हत्या के पीछे कारण रुपयों का लेन-देन सामने आया है। बंधवार के चुनाव में मनीष ने 5 लाख रुपए ब्याज पर लेकर खर्च किए थे। बंधवार वह रुपए नहीं लौटा रहे थे। 

हत्या के बाद बुलेट छोड़कर भाग गया था आरोपी 

बीते गुरुवार की शाम को प्रहलाद बंधवार (56) शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे। वो नई आबादी इलाके में अपने मित्र लोकेंद्र कुमावत की दुकान पर रुके। उन्होंने लोकेंद्र के नौकर को लिफाफा और 500 रुपए खुल्ले कराने भेजा। दुकान के बाहर ही खड़े रहकर नौकर का इंतजार कर रहे थे। तभी बुलेट (सीआईयू 1834) पर सवार होकर एक युवक पहुंचा। उसने नगर पालिक अध्यक्ष की को गोली मार दी और बुलेट छोड़कर वहां से भाग गया।

 

आरोपी मनीष बैरागी का अपराधों से पुराना नाता।


पहले नमस्ते किया फिर मार दी गोली

सीएसपी राकेश मोहन शुक्ला के अनुसार प्रत्यक्षदर्शी लोकेंद्र कुमावत ने बताया कि वारदात का आरोपी मनीष बुलेट पर सवार हाेकर आया था। उसने पहले बंधवार से नमस्ते किया। इसके बाद कुछ बात कर रहा था तभी दोनों के बीच कहासुनी हो गई। इस दौरान मनीष ने जेब से पिस्टल निकाली और बंधवार पर दो फायर किए। पुलिस को भी मौके से दो खाली खोखे मिले हैं।

 

 

दिसंबर 2015 में प्रहलाद बंधवार नपाध्यक्ष चुने गए तब मनीष बैरागी ही विजय जुलूस में शामिल वाहन का सारथी था।

 

मनीष हथियार तस्करी का भी आरोपी

 

  • 2004 में सिटी कोतवाली ने चोरी का केस दर्ज किया।
  • 2008 मनीष ने गोल चौराहा स्थित कुमावत मेडिकल संचालक मुकेश कुमावत पर फायर किया। उसके घर दबिश में 40 किलो डाइकोफिन मिला। पुलिस ने एनडीपीएस की धाराओं में केस दर्ज किया।
  • 2017 में रतलाम जिले के रिंगनोद थाने में भी अवैध हथियार खरीद-फरोख्त का केस दर्ज हैं।

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