इंदौर. कलेक्टर को ज्ञापन देने गए 70 वर्षीय ट्रांसपोर्ट कारोबारी की कलेक्टोरेट में ही दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। दौरा आने के बाद वे अचेत होकर मुंह के बल गिर पड़े। उनके सिर और नाक से खून बहने लगा। लेकिन कलेक्टाेरेट में फर्स्ट एड बॉक्स ही नहीं था। एक अफसर की कार से उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया, पर तब तक वे दम तोड़ चुके थे।
घटना बुधवार शाम 5.45 बजे की है। ट्रांसपोर्ट कारोबारी कुलवंत सिंह संधु 40 लोगों के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ कलेक्टर से मिलने गए थे। सभी पहली मंजिल स्थित ऑफिस के बाहर इंतजार कर रहे थे। शाम 5.45 बजे कलेक्टर आए। जैसे ही उनसे मिलने के लिए प्रतिनिधि मंडल खड़ा हुआ, तभी संधु मुंह के बल गिर पड़े।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल राजू भाटिया ने बताया कि पिपल्याराव गुरुद्वारा में चुनाव कराने को लेकर हम कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव से मिलने गए थे, लेकिन इस बीच यह हादसा हो गया। फर्स्ट एड नहीं मिला तो हमने कुलवंत की पगड़ी से उनका खून पोंछा और लिफ्ट तक ले गए। वहां पता चला कि लिफ्टमैन जा चुका था। फिर लिफ्ट चालू कर उन्हें नीचे ले गए।
एंबुलेंस को कॉल किया। उसके आने में देरी हो रही थी तो कलेक्टर के पीए ने एक अधिकारी की गाड़ी में निजी अस्पताल भेजा। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक आया था, जिससे उनकी मौत हो गई। यदि समय पर इलाज मिल जाता तो शायद वह बच सकते थे। उन्हें पहले से हार्ट की परेशानी थी। इसके बाद उनके परिजनों को सूचना दी गई। शव को निजी अस्पताल में रखा गया है।
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