लंदन. ब्रिटेन में ब्रेग्जिट डील गिरने के कारण संकट में आई थेरेसा मे सरकार को बुधवार देर रात बड़ी राहत मिली। सरकार के खिलाफ ब्रिटिश संसद में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव देर रात 1:30 बजे 19 मतों से गिर गया। प्रधानमंत्री थेरेसा की ब्रेग्जिट डील खारिज होने के बाद विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। इस पर वोटिंग हुई। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 306 वोट और विरोध में 325 वोट पड़े। हाउस ऑफ कॉमन्स में 650 सदस्य हैं।
मंगलवार देर रात ब्रेग्जिट डील यानी यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने की थेरेसा की योजना को संसद ने भारी बहुमत से खारिज कर दिया था। थेरेसा ने खुद डील के समर्थन में सभी सांसदों से वोट की अपील की थी। ब्रेग्जिट डील के विरोध में 432 और पक्ष में सिर्फ 202 सांसदों ने वोट दिया था। यानी 230 मतों से सरकार की हार हुई।
थेरेसा की कंजरवेटिव पार्टी के 118 सांसदों ने भी डील के खिलाफ वोट किया। ब्रिटेन की संसद में किसी बिल या मसौदे पर ये किसी भी मौजूदा सरकार की सबसे बड़ी हार थी। ब्रिटेन के 311 साल के संसदीय इतिहास में कभी भी कोई सरकार इतने बड़े अंतर से नहीं हारी।
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद थेरेसा मे ने कहा कि ब्रिटेन की जनता सेकिए हुए वादेनिभाएंगी और विपक्षी नेताओं से इस मसले पर आगे की रणनीति तय करने के लिए बातचीत करेंगी। हालांकि लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने थेरेसा की अपील को खारिज कर दिया।
थेरेसा ने ईयू के साथ ट्रेड, कानून, सीमा आदि मसलों से जुड़े समझौतेकिए थे। इनकी मंजूरी के लिए ही उन्होंने संसद में यह मसौदा पेश किया था।
हार्ड ब्रेग्जिट : थेरेसा मे सरकार अब बच गई है, ऐसे में पीएम ब्रेग्जिट को मूल स्वरूप में ही लागू कर सकती है, जिसे ‘हार्ड ब्रेग्जिट’ कहा जा रहा है। यानी 29 मार्च को ब्रिटेन ईयू से अलग हो जाएगा। फिर दोनों में कैसा संबंध रहता है, इसे लेकर एक नए समझौतेपर चर्चा शुरू करेंगे।
संसद में चर्चा : सरकार संसद में ईयू के साथ नए सिरे से चर्चा का सुझाव रख सकती है। पर इसमें समय लगेगा। 29 मार्च की समयसीमा भी बढ़ानी पड़ सकती है। पर इसके लिए ब्रिटेन को ईयू के पास नए सुझाव आग्रह भेजना होगा। सरकार को एग्जिट-डे की परिभाषा बदलनी होगी।
आम चुनाव : थेरेसा मे विश्वास मत हासिल करने के बाद ब्रेग्जिट पर गतिरोध खत्म करने के लिए आम चुनाव का भी फैसला ले सकती हैं। हालांकि समय से पहले चुनाव के लिए थेरेसा को हाउस ऑफ कॉमन्स में दो-तिहाई सांसदों का समर्थन हासिल करना होगा।
फिर जनमत संग्रह : सरकार ब्रेग्जिट पर दोबारा जनमत संग्रह करवाने का फैसला भी कर सकती है। इसके लिए भी उन्हें संसद की अनुमति लेनी होगी। हालांकि जनमत संग्रह तत्काल नहीं हो सकता। इसके लिए जरूरी प्रक्रिया पूरा करने में जितना समय चाहिए, वह अब नहीं बचा है।
23 जून, 2016: जनमत संग्रह में 52% जनता ने ईयू से अलग होने के पक्ष में वोट किया
जनमत संग्रह में ब्रिटेन में यूरोपीय यूनियन (ईयू) से अलग होने को लेकर वोटिंग हुई। इसमें 52% जनता ने पक्ष में वोट किया। अगले ही दिन पीएम डेविड कैमरन ने इस्तीफा दिया।
कंजरवेटिव पार्टी की थेरेसा मे, डेविड कैमरन के बाद ब्रिटेन की 99वीं प्रधानमंत्री बनीं। उन्होंने दो साल में ब्रेग्जिट प्रक्रिया को पूरा करने के वादे के साथ शपथ ली।
सरकार ने ईयू की सदस्यता छोड़ने के लिए आर्टिकल 50 के लागू किया। इसके तहत 2 साल के अंदर ब्रिटेन के पास समझौते के साथ या बिना समझौते के ईयू छोड़ना होगा।
जून में आम चुनाव हुए, इसमें थेरेसा मे की कंजरवेटिव पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। 26 जून 2018 को संसद में ब्रिटेन के ईयू से अलग होने का बिल पेश हुआ।
8 जुलाई को ब्रेग्जिट मंत्री डेविड डेविस ने इस्तीफा दिया। 14 नवंबर को थेरेसा सरकार ब्रेक्जिट डिवोर्स सेटलमेंट पर राजी हुई। 15 नवंबर को 4 अन्य मंत्रियों ने इस्तीफा दिया।
साल | प्रधानमंत्री | बिल/मसौदा | मत से हार |
2019 | थेरेसा मे | ब्रेग्जिट डील | 230 |
1924 | मैकडोनाल्ड | कैंपबेल केस | 166 |
1924 | मैकडोनाल्ड | कैंपबेल केस | 161 |
1924 | मैकडोनाल्ड | हाउसिंग बिल | 140 |
1979 | जिम कैलाघन | फायरआर्म्स | 89 |
(ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में 650 सदस्य हैं। सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के 317 सांसद हैं)
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