Saturday, 7th June 2025

प्रत्यर्पण / भारत लाया जा सकता है 26/11 मुंबई हमलों की साजिश रचने वाला तहव्वुर राणा

Mon, Jan 14, 2019 7:39 PM

 

  • पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है तहव्वुर हुसैन राणा
  • अमेरिकी अदालत ने 2013 में राणा को जेल की सजा सुनाई थी

 

वॉशिंगटन/नई दिल्ली. मुंबई पर 26 नंवबर 2008 को हुए आतंकी हमलों की साजिश रचने वाले तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाया जा सकता है। वह अभी अमेरिका की जेल में सजा काट रहा है। हालांकि, न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि उसे सजा पूरी होने से पहले ही प्रत्यर्पित किया जा सकता है।

 

मुंबई हमलों में 166 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में कुछ अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। हमले के आरोप में अमेरिका ने राणा (58) को 2009 में गिरफ्तार किया था। उसे 2013 में जेल की सजा सुनाई गई थी। 

 

प्रत्यर्पण के लिए 26/11 हमलों का हवाला नहीं दे सकता भारत
अधिकारियों के मुताबिक, भारत राणा को प्रत्यर्पित करने के लिए 26/11 हमलों का हवाला नहीं दे सकता। इसकी वजह यह है कि अमेरिका में एक ही अपराध के लिए दो बार सजा नहीं दी जा सकती। ऐसे में पहले ही अमेरिका में जेल की सजा काट चुके राणा को भारत लाना मुश्किल हो जाएगा। 

 

भारत इस स्थिति से निपटने के लिए राणा के दूसरे अपराधों को आधार बनाकर प्रत्यर्पण की अपील कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, राणा पर नई दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज और चाबड़ हाउसेज पर हमले की साजिश रचने का आरोप है। इसके अलावा उस पर धोखाधड़ी का भी एक केस दर्ज है। इन्हीं मामलों को अधिकारियों के सामने रखकर भारत राणा को भारत लाने की कोशिश करेगा।

 

अमेरिका से प्रत्यर्पण चुनौतीपूर्ण

भारत सरकार इस वक्त ट्रम्प प्रशासन के साथ मिलकर जरूरी दस्तावेजी कार्यवाही पूरी कर रही है, ताकि जितना जल्दी हो सके राणा को भारत लाया जा सके। हालांकि, अमेरिका की जटिल नौकरशाही और न्यायिक व्यवस्था के चलते जरूरी पेपरवर्क समय पर पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। 

 

ट्रम्प ने किया था मदद का वादा

मुंबई आतंकी हमले की 10वीं बरसी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट भी किया था। उन्होंने लिखा था, “न्याय के लिए अमेरिका भारत के लोगों के साथ खड़ा है। हम कभी भी आतंकियों को जीतने नहीं देंगे या जीत के करीब नहीं आने देंगे।” ट्रम्प के अलावा विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी मुंबई हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति की जानकारी देने पर 50 लाख डॉलर (करीब 35 करोड़ रुपए) के इनाम का ऐलान किया था।

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