रायपुर. विधानसभा की शीतकालीन सत्र की कार्यवाही में मंगलवार को सदन शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा कर दिया। विपक्ष ने अनुपूरक बजट पर चर्चा का जमकर विरोध किया। विपक्ष का तर्क है कि ये सदन में गलत परंपरा की शुरुआत हो रही है। पहले राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष ने अनुपूरक बजट पर चर्चा रोकने की मांग की। हालांकि हंगामे के बाद अनुपूरक बजट पेश किया गया। इसपर विपक्ष ने तीखा हमला किया। पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह ने कहा कि ये बजट जनता को निराश करेगा।
विधानसभा का सत्र श्रद्धांजलि के साथ शुरू हुआ। इसमें अविभाजित छत्तीसगढ़ में दिवंगत एमपी-एमएलए को श्रद्धंजलि के बाद सदन की शुरुआत की गई। अनुपूरक बजट पर चर्चा की शुरुआत में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल बिखरा हुआ है। मंत्री कुछ बोलते हैं और मुख्यमंत्री कुछ और। एक अधिकारी का ट्रांसफर हो गया और गृहमंत्री कहते हैं उन्हें पता नहीं है। इसपर जवाब देते हुए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा कि अधिकारी के ट्रांसफर के बारे में उन्हें पता नहीं है। जहां तक ट्रांसफर और पदस्थापना का सवाल है तो सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए सीएम किसी भी अधिकारी का ट्रांसफर और पदस्थापना कर सकते हैं।
शून्यकाल मे भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले के लिए धन्यवाद प्रस्ताव लाने की मांग की। बृज मोहन ने पूछा- क्या इस फैसले से कांग्रेस सहमत है ? इसके बाद पक्ष-विपक्ष में नोकझोंक हो गई।
अनुपूरक बजट निराशा लाएगा- रमन
सदन के बाहर पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि सरकार ने सारे विकास कार्यों को रोक दिया है। पुल, सिंचाई, सड़क आदि काम बंद हो गए हैं। पुराने पैसे को लेकर जो व्यवस्था की है उससे अराजकता की स्थिति हो गई है। जांजगीर क्षेत्र में पलायन की स्थिति हो गई। ग्रामीण बैंकों के शॉर्ट टर्म लोन को माफ किया गया, लेकिन राष्ट्रीयकृत बैंक के कर्ज माफ नहीं हुए हैं। अधिकांश किसान छूट गए हैं। ऐसा वित्तीय प्रबंधन सरकार का है। सरकार ने शराबबंदी की घोषणा की थी। अब मुकर गई है। बेरोजगारों को भत्ता देने की बात थी, लेकिन नहीं दिया। 10 हजार 700 करोड़ के अनुपूरक बजट में बिजली बिल, शराबबंदी, विधवा पेंशन समेत कई मुद्दों का जिक्र नहीं हुआ। इसलिए ये बजट निराशा लाएगा।
किसानों का दर्द नहीं समझती भाजपा
कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने रमन सिंह का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति ने गांव-गांव जाकर लोगों से मिलकर घोषणा-पत्र तैयार किया था। लोगों ने घोषणा-पत्र पर विश्वास कर हमें यहां पहुंचाया है। शर्मा ने रमन सिंह को कहा कि वे उन्हें नसीहत न दें। यदि वे 15 साल तक काम करते तो जनता उन्हें घर न बैठाती। भाजपा किसानों के मुद्दे पर हमेशा विरोध करती है। उनका दर्द नहीं समझती है।
बदलापुर की राजनीति कर रही है सरकार
सदन के बाहर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि ये सरकार बदलापुर की राजनीति कर रही है। आरोपी के कहने पर नान ( नागरिक आपूर्ति निगम घोटला) के लिए एसआईटी जांच हो रहा है। गौरतलब है कि घोटाले के मुख्य आरोपी बनाए गए अनिल टुटेजा ने शासन को 11 बिंदुओं के साथ लिखें पत्र में कहा था कि इस मामले में ईओडब्लू ने जांच सही तरीके से नहीं किया है। इसके बाद एसआईटी गठित करने की बात की गई थी।
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