रायपुर. छत्तीसगढ़ की पांचवीं विधानसभा के पहले सत्र का दूसर दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद हंगामा होने से विधानसभा मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही शुरू होने से पहले ये उम्मीद जताई जा रही थी कि विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा की जाएगी।
दरअसल, राज्यपाल के 13 मिनट के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस सरकार के शराबंदी के वादों का जिक्र नहीं था। ऐसे में विपक्ष ने सरकार से वादों से मुकरने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष ने धारा 144 लागू होने पर भी कांग्रेसियों के प्रदर्शन पर आपत्ति दर्ज कराई। कहा कि कांग्रेस ने सरकार में आते ही गलत परंपरा शुरू कर दी है।
सदन में विपक्ष के हंगामें पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अजय चंद्राकर से कहा कि इतनी बौखलाहट क्यों ? आप किसकी अनुमति से खड़े हुए हैं? मुख्यमंत्री बघेल ने ये भी कहा कि व्यवस्था के अनुरूप ही सदन चलेगा। हमने देखा है आपने कितनी संसदीय परंपराओं का अनुसरण किया है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा पहले सदन में नेता को तो बोलने दें।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने भाषण में कहा कि छत्तीसगढ़ के पुरखों के सपने को गढ़ने का काम सरकार करेगी। सरकार ने जो वादा किया है उसे पूरा करेगी। यह सरकार गांव, गरीब, किसानों की सरकार है। सरकार की प्राथमिकता में नरवा, गरवा, घुरुवा बारी हैं।
सरकार छत्तीसगढ़ के महान विभूतियों शहीद वीरानारायण सिंह, बाबा गुरु घासीदास, शहीद गुण्डाधुर, शहीद गैंद सिंह, पं. सुंदरलाल शर्मा, खूबचंद बघेल के सपनों का छत्तीसगढ़ बनाएगी. सबका साथ, सबका विकास, मनखे-मनखे एक बरोबर के नारे को संकल्प के साथ पूरा करेगी।
राज्यपाल ने पं. जवाहल लाल नेहरू के वक्तव्य का जिक्र किया कि आप दीवार के चित्रों को बदलकर इतिहास के तथ्यों को नहीं बदल सकते हैं। सरकार भारत की गरिमामय विरासत का सम्मान करते हुए कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के अनुरूप जनहित के नए इतिहास रचेगी।
उन्होंने सरकार के जनघोषणापत्र को लेकर कहा कि सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता से किए संकल्पों को पूर्ण करने के लिए पहले दिन से ही निर्णय लेने की शुरूआत कर दी है। 16.65 लाख से अधिक किसानों का 6100 करोड़ से अधिक अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने के निर्देश दिए। इसमें समस्त किसानों का 30 नवंबर 2018 तक का अल्पकालीन लोन माफ किया जाना है।
लिंकिंग के तहत हुई धान खरीदी के एवज में 1248 करोड़ रुपए की राशि 3.57 लाख किसानों के खाते में जमा कर दी गई है। आगामी चरणों में शेष प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कर ली जाएगी। राष्ट्रीयकृत बैंकों से संबंधित अल्पकालीन कृषि ऋणों के परीक्षण उपरांत कार्यवाही शीघ्र की जाएगी।
सरकार का मानना है कि किसानों की आर्थिक समृद्धि से ही ग्रामीण जन-जीवन में खुशहाली और विकास का रास्ता बनेगा। इसलिए मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में ही वर्ष 2018-19 में 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी का निर्णय भी लिया गया। धान की फसल छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है।
वर्ष 2013 में घटित झीरम घाटी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण आदिवासी अंचलों में लोकतांत्रिक मूल्यों और कानून और व्यवस्था के प्रति आस्था को बड़ा धक्का लगा था। इस घटना में शहीद हुए नेताओं के परिवारों व जनसामान्य में इस बात को लेकर भी रोष था। ऐसे में ही झीरम घाटी घटना के विभिन्न पहलुओं की जांच एसआईटी से कराने का निर्णय लिया है।
इसके साथ ही सरकार की ओर से छोटी इकाईयों को बढ़ाने, औद्योगिक नीति बेहतर करने, स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने, रोजगार, चिटफंड कंपनी की धोखाधड़ी, भेल, अनुसूचित जाति, जनजाति, आवास, शिक्षा, अधिकार, खाद्य सुरक्षा, तेंदुपत्ता, सड़क, रेल, परिवहन, हवाई, डिजिटल कनेक्टिविटी, पर्यावरण, पत्रकार, वकील, डॉक्टरों की सुरक्षा, कानून व्यवस्था को सुदृड़ा करने की बात कही।
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