Saturday, 7th June 2025

फटकार / सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आईटी की धारा 66ए में गिरफ्तारी करने वाले अफसरों को जेल भेज देंगे

Mon, Jan 7, 2019 8:44 PM

 

  • सुप्रीम कोर्ट ने ही 24 सितंबर 2015 में आईटी की धारा 66ए समाप्त करने का आदेश दिया था
  • इस धारा में वेबसाइट पर कथित अपमानजनक सामग्री साझा करने वाले की गिरफ्तारी करने का प्रावधान था

 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में खत्म की गई आईटी की धारा 66ए के तहत अब भी हो रहीं गिरफ्तारियों को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार को फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर इसे नहीं रोका गया तो ऐसा करने वाले अफसरों को जेल जाना होगा। समाप्त की गई धारा के तहत किसी भी व्यक्ति को वेबसाइट पर कथित तौर पर अपमानजनक सामग्री साझा करने पर गिरफ्तारी का प्रावधान था।

सरकार को 4 हफ्ते का वक्त

  1.  

    इस मामले में मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पीपुल्स यूनियस फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने जनहित याचिका दायर की है। जस्टिस आरएफ नरीमन की बेंच ने इस पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को चार हफ्ते का समय दिया है। 

     

  2.  

    जस्टिस नरीमन ने कहा, ‘‘अगर इन्होंने (याचिकाकर्ता) जो आरोप लगाए हैं वह सही हैं तो आप लोगों को कड़ी से कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने उन लोगों की सूची दी है जिन पर मुकदमा चलाया गया है। हम उन सभी लोगों को जेल में भेज देंगे जिन्होंने गिरफ्तारी का आदेश दिया था। हम सख्त कदम उठाने वाले हैं।’’

     

  3.  

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आईटी कानून की धारा 66ए को समाप्त करने के उसके आदेश का उल्लंघन किया गया तो संबंधित अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

     

  4.  

    पीयूसीएल ने अपनी याचिका में कहा है कि आईटी कानून की धारा 66ए को खत्म किए जाने के बाद भी इस मामले में 22 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दायर किए गए हैं।

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