जगदलपुर. हर व्यक्ति को बिजली का कनेक्शन देने के बाद अब विद्युत वितरण कंपनी ने टीम मजबूत करने पर काम शुरू कर दिया है। दफ्तरों में बैठकर लोगों के बिजली बिल सुधारने से लेकर नए कनेक्शन देने की औपचारिकता पूरे करने वाले जूनियर इंजीनियरों को इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है।
जूनियर इंजीनियर अब फील्ड में उतर कर लोगों की बिजली सप्लाई से जुड़ी हुई दिक्कतों को दूर करेंगे। इतना ही नहीं जिस किसी क्षेत्र में बार- बार सप्लाई प्रभावित होती है वहां उसका स्थाई हल निकाल कर लोगों की दिक्कतों को दूर करेंगे।
जूनियर इंजीनियर स्तर के अधिकारी कमर्शियल कामों से दूर रहेंगे और इनकी क्षमता का फायदा टेक्निकल कार्यों में ही लिया जाएगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस प्रयोग को सबसे पहले छत्तीसगढ़ में बस्तर में ही किया गया है। यहां इस को शुरुआती सफलता मिलते देख 1 अप्रैल 2019 से प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।
बस्तर संभाग के 7 जिलों में बिजली कंपनी के 51 डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर थे। हर केंद्र पर एक जूनियर इंजीनियर जिम्मेदारी संभालता है। एक साल में अकेले बस्तर जिले में ही 53 हजार से ज्यादा नए कनेक्शन बढ़ने के बाद कंपनी का कामकाज बढ़ गया है। 22 डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर खोलने की संभाग में मंजूरी मिल गई है।
शहर में अभी तक फ्यूज कॉल जैसी शिकायतों को दूर करने के लिए दो शिफ्ट में कंपनी के 4-4 कर्मचारी काम करते थे। अब इसमें एक शिफ्ट और बढ़ा दी गई है। इससे कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है। विद्युत वितरण कंपनी के चीफ इंजीनियर हर्ष गौतम ने बताया कि नए सेंटर खोलने से जूनियर इंजीनियरों की संख्या भी बढ़ेगी और अब वे दफ्तर के कामकाज तक सीमित नहीं रहेंगे।
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