भोपाल। प्रदेश में हाड़ कंपा देने वाली ठंड के तेवर और तीखे होने जा रहे हैं। उत्तर से आ रहीं बर्फीली हवाओं से भोपाल समेत पूरे प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों मे शीतलहर और 14 जिलों में पाला पड़ने का अलर्ट जारी किया है। वहीं 19 से ज्यादा शहरों में रात का तापमान चार डिग्री से नीचे पहुंच गया है।
बीते 24 घंटों में प्रदेश में सबसे कम तापमान 1.0 डिग्री उमरिया और खजुराहों में दर्ज हुआ। नरसिंहपुर में कोल्ड डे रहा यहां रविवार को अधिकतम तापमान 19.0 डिग्री रहा। वहीं भोपाल में अधिकतम तापमान 22.6 और न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार पूरे प्रदेश में कुछ दिन मौसम का मिजात ऐसा ही रहेगा। रविवार की रात राजगढ़, देवास, शाजापुर, रतलाम, उज्जैन, उमरिया, मंडला बालाघाट, सिवनी, छतरपुर, दमोह, ग्वालियर, दतिया एवं होशंगाबाद जिलों में पाला पड़ सकता है।
पाला क्या है: आमतौर पर शीतकाल की लंबी रातें ज्यादा ठंडी होती हैं और कई बार तापमान हिमांक पर या इस से भी नीचे चला जता है ऐसी स्थिति में जलवाष्प बिना द्रव रूप में परिवर्तित हुए सीधे ही सुक्ष्म हिमकणों में परिवर्तित हो जाते हैं इसे पाला कहते हैं पाला फसलों और वनस्पतियों के लिए बहुत हानिकारक होता है। पाले से सामान्य तौर पर हल्की सफेद चादर जमीन पर जमने लगती है। हवा की रुख जिस ओर होता है वहां की फसल पूरी तरह से बरबाद हो जाती है।
ओस क्या है: वायु मंडल में जल वाष्प मौजूद होती हैं पृथ्वी धरातल रात्रि में विकिरण द्वारा ऊष्मा त्याग कर शीतलीकरण प्रक्रिया संपन्न करती है। तब इन शीतलीकृत तलों पर संचित जल की बूंदों को ओस कहते हैं। ओस वायु में उपस्थित जल वाष्प के धरातल पर संघनित (वाष्प का द्रव बनना) होने से उत्पन्न होती है। स्वच्छ और शांत रातों में जब धरातल तीव्र गति से ठंडा होता है तब ओस उत्पन्न होती है, जब रात्रि बादलों युक्तहो तो बादलों वाली रात को ओस नहीं पड़ती।
कोहरा क्या है: कोहरा वास्तव में एक निम्न स्तरीय मेघ ही होता है वायु मंडल में उपस्थित जलवाष्प जब ओसांक से नीचे जाती है पर हिमांक से ऊपर रहती है। उस स्थिति में पानी की छोटी-छोटी बूंदे वायुमंडल में देर तक लटकी रहती हैं। इस स्थिति में दृश्यता बहुत कम हो जाती है। इस प्रकार का कोहरा शीतकाल में उत्तरी भारत में देखा जा सकता है। कई बार जब कोई गर्म और आद्र वायु ठंडे धरातलीय इलाके से गुजरती है तो संघनित हो कर कोहरे का रूप लेती है। इसे अभिवहन कोहरा कहते हैं।
धुंध क्या है: कुहासा अथवा धुंध भी एक प्रकार का कोहरा ही होता है बस दृश्यता का अंतर होता है यदि दृश्यता की सीमा एक किमी या एक किमी से कम हो तो उसे कुहासा या धुंध कहते हैं। कई बार धूल कणों के मिलने के कारण दृश्यता विसिबिलिटी बहुत कम यानी कुछ मीटर तक ही रह जाती है इस स्थिति में वाहनों की दुर्घटनाएं होती हैं ऐसे समय में रेल और वायु परिवहन बाधित होता है। धुंध की स्थिति में सूर्य की किरणों को धरातल तक पहुँचने में अधिक समय लगता है।
आगे क्या : मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो एक पश्चिमी विक्षोभ अभी पाकिस्तान के आस-पास बना हुआ है। ऐसे में भोपाल सहित लगभग पूरे प्रदेश में 31 दिसंबर की रात का तापमान 5 से 6 डिग्री के बीच रह सकता है।
कहां कितना पारा: खजुराहो 1.0, उमरिया 1.0, डिंडोरी 2.00, अनूपपुर 2.00, उज्जैन 2.50, दतिया 2.60, दमोह 3.00, नौगांव 3.10, शाजापुर 3.20, खरगोन 3.50, रीवा 3.50, ग्वालियर 3.60, राजगढ़ 3.60, जबलपुर 3.80, मंडला 4.00, टीकमगढ़ 4.10 डिग्री रहा।
यहां शीतलहर चली : भोपाल, बैतूल, दतिया, धार, गुना, होशंगाबाद, खंडवा, खरगोन, शाजापुर, उज्जैन, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, सागर, छिंदवाड़ा, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, रीवा, सतना, सीधी, टीकमगढ़, ग्वालियर, इंदौर और सिवनी।
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