रायपुर . प्रदेश के 24 जिलों में क्राइम ब्रांच और स्पेशल इंटेलिजेंस सेल (एसआईयू) को भंग कर दिया गया है। स्वतंत्र ईकाई रूप में काम करने वाली इन दोनों शाखाओं को भंग करने का आदेश शुक्रवार को डीजीपी डीएम अवस्थी ने जारी किया। क्राइम ब्रांच और एसआईयू में काम कर रहे कुछ कर्मियों की सेवाएं जिलों में लौटा दी गई हैं कुछ तो लाइन में भेज दिया गया है।
आदेश के बाद पुलिस महकमे में खलबली है। चर्चा है कि क्राइम ब्रांच के अधिकांश अफसर वसूली, रंगदारी और कुछ अफसरों का मातहत बनकर काम करने में लगे थे। इससे पुलिस की साख लगातार गिर रही थी, जिसे बचाने के लिए यह कार्रवाई की गई है। रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग के अलावा क्राइम ब्रांच राज्य के करीब हर जिले में काम कर रही थी। बस्तर में केवल बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिले को छोड़कर बाकी जिलों में क्राइम ब्रांच का गठन किया गया था।
अपराध नियंत्रण के लिए इसका गठन जिले में किया जाता था। टीम में 70 से 80 कर्मी होते थे। क्राइम ब्रांच के लिए शासन स्तर पर कोई अलग से नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया था। रेंज के आईजी और पुलिस अधीक्षक सुविधानुसार टीम बनाते थे। थानों से कर्मी चुनकर अटैच किए जाते थे।
एसआईयू | थानों में जमीन से जुड़े विवादों की शिकायतें सालों जांच के नाम पर लटकी रहती थीं, इस वजह से एसअाईयू का गठन किया गया था। लेकिन एसआईयू में जमीन के खास मामलों में जांच के बदले सेटलमेंट किए जाने की शिकायतें लगातार सामने आ रहीं थीं।
24 घंटे के अंदर सभी आईजी और एसपी को कंप्लायंस रिपोर्ट देनी होगी। अब सभी मामलों की जांच थाने के स्तर पर ही करवाई जाएगी। इसके लिए जरूरी पड़ने पर थानों में ही अलग-अलग विंग बनाकर उनके स्तर पर काम का बंटवारा किया जाएगा। - डीएम अवस्थी, डीजीपी
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