भोपाल. छह माह के एक्सटेंशन के साथ दो साल दो महीने मुख्य सचिव रहे बीपी सिंह 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं। उनका कहना है कि किसी भी सरकार में यह पद महत्वपूर्ण होता है। जब किसी को मुख्य सचिव बनाया जाता है तो सरकार उस पद की योग्यता के साथ व्यक्ति का चयन करती है। सीनियर तभी सुपरसीड (वरिष्ठता दरकिनार) होता है जब सरकारों को लगता है कि जूनियर इस पद के लिए ज्यादा बेहतर हो सकता है।
तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने सिंह को छह वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की वरिष्ठता दरकिनार करके मुख्य सचिव बनाया था। इससे पहले शिवराज सिंह ने ही राकेश साहनी को 10 अफसरों को सुपरसीड करके मुख्य सचिव बनाया था।
मीडिया से चर्चा में खुद को छह माह एक्सटेंशन दिए जाने के सवाल पर बीपी सिंह ने कहा कि सरकार को जरूरत होती है तभी कार्यकाल बढ़ाया जाता है। पूर्व में जब केंद्र सरकार में गृह और रक्षा सचिव का कार्यकाल दो साल किया जा रहा था, तब राज्यों के मुख्य सचिव के बारे में भी यही प्रस्ताव था, लेकिन कई लोग तैयार नहीं हुए। बाद में छह माह एक्सटेंशन देने का नियम बनाया। जहां तक जरूरत की बात है तो पहला तर्क तो यही है कि मेरे दो साल पूरे नहीं हुए थे। रिटायरमेंट के बाद फिर पोस्टिंग को लेकर उन्होंने कहा कि कई पद ऐसे हैं, जिनमें जरूरत होती है।
इतनी क्षमता और शक्ति नहीं की सीएम का सीआर बताऊं : शिवराज सिंह के कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मेरे अंदर इतनी क्षमता व शक्ति नहीं है कि मैं एक सीएम के कामों की सीआर बताऊं। लेकिन यह भी सही है कि ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर जब भी तर्कपूर्ण बात रखी तो उसे माना गया। खुद का कोई एजेंडा न हो तो बात सुनी जाती है। मुझे कभी अपनी बात कहने से रोका भी नहीं गया। रेवेन्यू के मामले निपटाने का बड़ा काम करने वाले सिंह ने कहा कि यह मेरी कोई उपलब्धि नहीं, बल्कि टीम का काम है। मैं अकेले क्रेडिट लूंगा तो यह गुनाह होगा।
मुझसे बेहतर होंगे नए मुख्य सचिव
बीपी सिंह ने यह भी कहा कि नए मुख्य सचिव हर हाल में उनसे बेहतर होंगे। जरूरत पड़ी तो मैं उनकी भी राय लूंगा। संभावना जताई जा रही है कि एसआर मोहांती को प्रदेश का नया मुख्य सचिव बनाया जा सकता है।
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