वॉशिंगटन. अमेरिका के कॉलिन ओ'ब्रेडी (33) अंटार्कटिका महाद्वीप को अकेले और बिना किसी मदद के पार करने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बन गए हैं। उन्होंने 54 दिन में उत्तर से दक्षिण अंटार्कटिका तक 1600 किमी की दूरी पार की।
ओ'ब्रेडी ने इंस्टाग्राम पर लिखा- "अंटार्कटिका को अकेले और बिना किसी मदद के पार करने वाला मैं इतिहास में पहला व्यक्ति बन गया हूं।'' ब्रेडी ने अंतिम 124.7 किमी की दूरी 32 घंटे में तय की।
कोलिन ओ'ब्रेडी ने लिखा- "वो 32 घंटे मेरी जिंदगी के सबसे चुनौतीपूर्ण रहे। इस दौरान मैंने बेहतरीन पलों को जिया। मैं हमेशा लक्ष्य पर निगाहें टिकाए रहा। मैं यह सब इसलिए लिख पाया क्योंकि अभी तक सोया नहीं।'' ब्रेडी के अभियान पर जीपीएस से नजर रखी जा रही थी। उनकी वेबसाइट कोलिनब्रेडी डॉटकॉम लगातार ट्रिप के अपडेट्स भी दिए गए।
ओ'ब्रेडी और ब्रिटेन के कैप्टन लुई रड (49) ने 3 नवंबर को अलग-अलग यूनियन ग्लेशियर से अंटार्कटिका की यात्रा शुरू की थी। 1996-97 में नॉर्वे के बोर्ग ऑसलैंड पहली बार अकेले अंटार्कटिका पार करने वाले व्यक्ति बने थे लेकिन उन्होंने हवा की दिशा की जानकारी के लिए पतंगों की मदद ली थी।
ओ'ब्रेडी ने करीब 180 किलो सामान खींचा। वह दक्षिण ध्रुव पर 12 दिसंबर (यात्रा के 40वें दिन) को पहुंच गए थे। प्रशांत महासागर में स्थित फिनिशिंग पॉइंट रॉस आइस शेल्फ पर वह 26 दिसंबर को पहुंचे। रड उनसे दो दिन पीछे चल रहे हैं।
इंस्टाग्राम पर ओ'ब्रेडी लिखते हैं- जैसे ही मैंने नाश्ता किया, दिमाग में एक ही सवाल घूम रहा था कि क्या मैं बाकी बचा रास्ता एक ही बार तय कर पाऊंगा? इसके बाद मैंने अपने जूते बांधे और असंभव को जीतने (124 किमी की बची दूरी) निकल पड़ा।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने ओ'ब्रेडी के अभियान को ध्रुवीय जीत के इतिहास में सबसे उल्लेखनीय बताया। लिखा- अंतिम 124 किमी की दूरी एक बार में तय करना आसान नहीं था, वह भी तब जब व्यक्ति (ओ'ब्रेडी) 53 दिन में हजारों किमी की दूरी तय कर चुका हो। उन्होंने अपने लिए ऐसा मानदंड तय किया, जिसे अक्सर लोग छोड़कर निकल जाया करते हैं।
अंटार्कटिका पर सबसे पहले नॉर्वे के रोआल्ड एमंडसेन और उनके बाद ब्रिटेन के रॉबर्ट फाल्कन स्कॉट पहुंचे थे। 2016 में ब्रिटिश आर्मी अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल हेनरी वॉर्स्ले भी अकेले दक्षिण ध्रुव पार करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उनकी मौत हो गई।
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