आशीष दुबे। बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में एक महीने से दवाओं की जांच बंद पड़ी है। खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों ने 27 जिलों में ड्रग इंस्पेक्टर को अभी दवा की जांच नहीं करने के निर्देश दिए हैं। लैब में कुछ मशीनों के खराब होने और दवा जांचने वाले अधिकारियों का हटना इसका कारण बताया जा रहा है। इसके चलते ही कहीं भी दवाओं की सैंपल नहीं उठाए जा रहे हैं। इससे नकली और एक्सपायर्ड मेडिसिन के बिकने की आशंका बढ़ गई है।
ड्रग कंट्रोलर पीवी नरसिंग राव का कहना है कि अभी लैब में टाइल्स सहित दूसरे निर्माण काम चल रहे हैं। इसके चलते दवाओं के सैंपल में धूल या इससे जुड़ी कोई दूसरी बात सामने नहीं आए इसलिए ये व्यवस्था की गई है। उनके मुताबिक यदि कोई भी ड्रग इंस्पेक्टर अपने जिले से दवा के सैंपल भेजेगा तो उसे रखा ही जाएगा। उन्होंने ऐेसी किसी तरह की बातों के लिए चिट्ठी चलाने से इनकार किया है।
इधर, कुछ ड्रग इंस्पेक्टर नाम नहीं छापने की शर्त पर बता रहे हैं कि उन्हें मौखिक के अलावा लैब के अधिकारियों ने स्पष्ट तौर पर यह कह दिया है कि वे अभी दवा के सैंपल नहीं ही भेजें तो बेहतर है। रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, अंबिकापुर, दुर्ग सहित कई जगहों पर ऐसा करने से ना तो भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट आ रही है और ना लैब से जुड़े कोई दूसरे काम हो रहे हैं।
सरकारी नियमों के हिसाब से हर महीने ड्रग इंस्पेक्टर को दवा भेजना जरूरी है, फिर भी उन्होंने पिछले कई दिनों से किसी भी मेडिकल कॉम्पलेक्स या मेडिकल स्टोर की जांच नहीं की है। उनका कहना है कि जब लैब में दवा की जांच नहीं हो रही तो उनका किसी भी ऐसे संस्थानों में दवा का सैंपल लेना गलत है। उनके पास इसे रखने की जगह भी नहीं है।
गलत दवाओं के चलते ही बिलासपुर में नसबंदी कांड की बात सामने आ चुकी है। इसके बाद ही पूरे प्रदेश में दवाओं के सैंपल और इसकी रिपोर्ट भेजने की बात कही गई है। इसके अलावा हर साल अमानक दवा बिकने की बात भी सामने आ चुकी है। कई कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। उनसे स्प्ष्टीकरण भी मांगा जा रहा है।
लैब से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर ड्रग कंट्रोलर देशभर में ड्रग एलर्ट के निर्देश देते हैं। ड्रग एलर्ट वह प्रक्रिया है, जिससे किसी दवा के अमानक मिलने पर उसका उपयोग फौरन बंद करने या उसे तत्काल लौटाने की बात होती है। फिलहाल यह प्रक्रिया भी बंद पड़ी है। मेडिकल स्टोर वाले इस बात का फायदा उठा रहे हैं। इसका आने वाले दिना में असर देखने को मिल सकता है।
रायपुर स्थित दवा जांचने के लैब में टाइस बिछाए जा रहे हैं। इसके चलते ही फिलहाल यह प्रक्रिया बंद है। किसी भी स्थान से दवा के सैंपल नहीं भेजने जैसे कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। यह बात गलत है। हां, दवा के नमूने पर धूल वगैरह ना जमें यह सोचकर जरूर दवा के सैंपल नहीं हौजने की बात कही गई है।
पीवी नरसिंह राव, ड्रग कंट्रोलर, रायपुर, छत्तीसगढ़
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