Friday, 23rd May 2025

LIVE: टीम गहलोत की ताजपोशी, राज्‍यपाल कल्‍याण सिंह दिला रहे शपथ

Mon, Dec 24, 2018 7:23 PM

जयपुर, एजेंसी। जयपुर, एजेंसी। राजस्थान मंत्रिमंडल विस्तार में 23 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा रही है। मंत्रिपरिषद में 22 कांग्रेसी विधायक और राष्ट्रीय लोकदल के एक विधायक को जगह दी जा रही है। तीन दिन चले मंथन के बाद राजस्थान का मंत्रिमंडल तय हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ चर्चा के बाद 23 मंत्री तय किए हैं। राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह शपथ दिला रहे हैं। इनमें 13 कैबिनेट व 10 राज्यमंत्री होंगे।

 

LIVE Updates...ये विधायक ले रहे शपथ

- राज्य मंत्री: सुभाष गर्ग, कांग्रेस के गठबंधन आरएलडी से जीत कर आए हैं। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं और पहली बार विधायक बने हैं।

- राज्य मंत्री: राजेंद्र यादव, जयपुर जिले की कोटपूतली सीट से विधायक हैं। पहले भी विधायक रह चुके हैं, लेकिन मंत्री पहली बार बने हैं।
- राज्य मंत्री: भजन लाल जाटव, पिछले विधानसभा में उपचुनाव जीतकर पहुंचे थे। इस बार फिर विधायक बने।
- राज्य मंत्री: अशोक चांदना, दूसरी बार चुनाव जीते हैं। युवक कांग्रेस के अध्यक्ष और तेजतर्रार युवा नेता हैं।
- राज्य मंत्री: सुखराम बिश्नोई, जालौर जिले के सांचौर सीट से विधायक हैं। पिछली बार भी जीते थे और काफी सक्रिय विधायकों में उनकी गिनती होती थी।
- राज्य मंत्री: भंवर सिंह भाटी बीकानेर के कोलायत सीट से विधायक हैं। पिछली बार विधायक थे और भाजपा के दिग्गज नेता देवी सिंह भाटी को हरा कर विधानसभा पहुंचे थे। इस बार भाटी की बहू पूनम कवर को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं।
- राज्य मंत्री: अर्जुन बामणिया विधायक रह चुके हैं बांसवाड़ा से जीत कर आए हैं वहां कांग्रेस ने इस बार महेंद्रजीत सिंह मालवीय जैसे दिग्गज नेता की जगह बामणिया को चुना है।
राज्य मंत्री: श्रीमती ममता भूपेश, गहलोत मंत्रिमंडल का एकमात्र महिला चेहरा हैं गहलोत के पिछले कार्यकाल में संसदीय सचिव रह चुकी हैं। 
राज्य मंत्री: गोविंद सिंह डोटासरा पिछले विधानसभा में कांग्रेस के सचेतक रहे हैं और काफी सक्रिय विधायक रहे। सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ से विधायक हैं।

- साले मोहम्मद: जैसलमेर के पोकरण सीट से चुनाव जीत कर आए हैं। वह मुस्लिम धर्मगुरु गाजी फकीर के पुत्र हैं और जैसलमेर के बड़े धर्म गुरु प्रताप पुरी को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं। विधायक पहले भी रह चुके हैं मंत्री पहली बार बने।
- प्रताप सिंह खाचरियावास: दूसरी बार विधायक बनकर आए हैं और जयपुर के सिविलयन सीट से विधायक हैं। जयपुर में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे हैं। पार्टी ने प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी भी सौंपी है और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खास लोगों में में गिने जाते हैं।

- विश्वेंद्र सिंह: भरतपुर राज परिवार के महाराजा हैविश्‍वेंद्र सिंह। सांसद रह चुके हैं, विधायक रह चुके हैं, लेकिन मंत्री बनने का मौका पहली बार मिला है। अपने स्वतंत्र विचारों के लिए जाने जाते हैं और खुलकर टिप्पणियां करते हैं।
- हरीश चौधरी: बाड़मेर के बायतु से चुनकर आए हैं और कांग्रेस के घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष थे।
- रमेश चंद्र मीणा: भूतपूर्व सरकार में संसदीय सचिव थे, उस समय बसपा से चुनाव लड़कर विधायक बने थे, बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इस बार सपोटरा से चुनाव जीत कर आए हैं। वहां उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी को हराकर चुनाव जीता है।
- उदयलाल आंजना: चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा से चुनाव जीत कर आए हैं, पहले विधायक रह चुके हैं। मंत्री बनने का मौका पहली बार मिला है।
- अब प्रमोद जैन शपथ ले रहे, जो भाया पुर सरकार में मंत्री रहे लेकिन बीच में उन्‍हें हटा दिया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्वाचन क्षेत्र के नजदीक से आते हैं।
- अगला नाम रघु शर्मा का है, जो केकड़ी से विधायक है। इस वर्ष लोकसभा का अजमेर से उपचुनाव जीता था, इन्‍हें कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में गिना जाता है।
- शपथ लेने वाले विधायकों में अगला नाम लालचंद कटारिया है। वह केंद्र में मंत्री रह चुके हैं और जयपुर के झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनकर गए हैं।
- मास्टर भंवरलाल मेघवाल सुजानगढ़ से जीतकर आए हैं, गहलोत की पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री रहे थे।
- परसादी लाल मीणा लालसोट से विधायक है, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। परसादी पहले भी मंत्री रह चुके हैं और लालसोट से छठी बार चुनाव जीते हैं दो बार मंत्री रह चुके हैं।
- शांति कुमार धारीवाल कोटा से विधायक रहे हैं गहलोत की पिछली सरकार में ग्रह और स्वास्थ्य शासन विभाग के मंत्री रहे और सबसे दमदार मंदिरों में गिने जाते थे
- बीडी कल्ला ले रहे शपथ: बीकानेर से विधायक रहे हैं बीडी कल्ला, टिकट को लेकर काफी विवाद हुआ था उसने दो चुनाव हार चुके हैं, लेकिन फिर भी इस बार टिकट मिला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और पहले शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट 17 दिसंबर को शपथ लेने के बाद तीन दिन तक नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मंत्रिमंडल के गठन को लेकर बैठक करने के बाद रविवार जयपुर लौटे। 

सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल के गठन के लिये आयोजित बैठकों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे, कांग्रेस के पर्यवेक्षक के सी वेणुगोपाल और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी भी शामिल थे। कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर सियासी समीकरण बैठाने की कोशिश की है। 

 

 

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