Friday, 23rd May 2025

रोजगार / एचआर कंपनियों का अनुमान- अगले साल कॉरपोरेट जगत में 10 लाख नई नौकरियां आएंगी

Mon, Dec 24, 2018 7:01 PM

 

  • अगले साल कंज्यूमर गुड्स, ईकॉमर्स, फाइनेंस में नौकरियां ज्यादा मिलेंगी
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े सेक्टर में नौकरी के मौके कम मिलेंगे

 

नई दिल्ली. रोजगार भले हर राजनीतिक पार्टी का नारा हो, आम चनुाव की अनिश्चितता के कारण कंपनियां अगले साल पहली छमाही में नई भर्तियां कम करेंगी। सरकारी स्कीमों से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़क, एयरपोर्ट जैसे सेक्टर में कंपनियां नई भर्तियों में सावधानी बरतेंगी। लेकिन खपत और निर्यात वाले सेक्टर की कंपनियां अपनी विस्तार योजनाएं जारी रखेंगी, इसलिए इनमें नई भर्तियां बढ़ने की उम्मीद है। जानी-मानी एचआर कंपनियों के प्रमुखों ने यह राय व्यक्त की है। इन्होंने कॉरपोरेट जगत में 10 लाख नई नौकरियों की उम्मीद जताई है।

 

सोसायटी फॉर ह्मयून रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएचआरएम) में एडवाइजरी सर्विसेज के प्रमुख नीतीश उपाध्याय ने कहा कि पहली छमाही में नई भर्तियां कम रहने की आशंका है। भारत में हर साल 1.2 करोड़ लोग जॉब मार्केट में आ रहे हैं। जीडीपी विकास दर तेज होने के बावजूद इतनी नौकरियां नहीं निकल रही हैं। एसएचआरएम दुनिया की सबसे बड़ी एचआर प्रोफेशनल सोसायटी है। 165 देशों में इसके 3 लाख मेंबर हैं।

 

आईटी सेक्टर ने 2018 में अच्छा प्रदर्शन किया
एचआर फर्म रैंडस्टैड इंडिया के प्रमुख पॉल डी. के अनुसार दो साल भर्तियां कम रहने के बाद आईटी सेक्टर ने 2018 में अच्छा प्रदर्शन किया। ईकॉमर्स में निवेश बढ़ने और स्किल्ड लोग उपलब्ध होने के कारण भर्तियां बढ़ी हैं। 2018 में इन्फ्राट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल और एफएमसीजी में सुधार देखने को मिला। दूसरी तरफ बैंकिंग, फाइनशिेंयल सर्विसेज और टेलीकॉम में स्थिति खराब रही। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन की प्रमुख ऋतुपर्णचक्रवर्ती के अनुसार छोटे और मझोले शहरों में उपभोक्ताओं का खर्च बढ़ेगा। इसका फायदा रिटेल कंपनियों को मिलेगा।

 

कंपनियां खास स्किल वालों को रखने पर ध्यान दे रहीं
हायरिंग फर्म एऑन कोक्यूब्स में एंप्लॉयबिलिटी सॉल्यूशंस के डायरेक्टर समीर नागपाल के अनुसार कंपनियां खास स्किल वालों को रखने पर ध्यान दे रही हैं। तकनीकी रूप से दक्ष लोगों की मांग बनी रहेगी। इंडीड इंडिया के एमडी शशि कुमार ने बताया कि 2018 में कंपनियों को ऐसे लोगों की तलाश थी जो काम की बदलती प्रकृति के हिसाब से कंपनी को आगे बढ़ा सकें। ब्लॉकचने, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सिक्योरिटी में नौकरियां ज्यादा बढ़ीं। आगे भी इनमें डिमांड रहेगी।

 

नई टेक्नोलॉजी में स्किल्ड लोगों को 50% तक इन्क्रीमेंट संभव
एचआर विशेषज्ञों का कहना है कि 2018 में कर्मचारियों को औसतन 8-10% इन्क्रीमेंट मिला। 2019 में भी इन्क्रीमेंट की यही दर रहने के आसार हैं। एऑन कोक्यूब्स में एंप्लॉयबिलिटी सॉल्यूशंस के डायरेक्टर समीर नागपाल के अनुसार भारत में इन्क्रीमेंट 9-10% के आसपास स्थिर हो रहा है। यह एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे ज्यादा है। 2018 में औसत इन्क्रीमेंट 9.5% रहा। 2019 के लिए इसका अनुमान 9.6% का है। हालांकि ग्लोबल हंट के एमडी सुनील गोयल का मानना है कि औसत इन्क्रीमेंट 10-12% रहेगा। टॉप परफॉर्मर का इन्क्रीमेंट 15-20% और औसत परफॉर्म करने वालों का 5-8% रह सकता है। खास क्षेत्रों में दक्षता रखने वाले 30-50% तक इन्क्रीमेंट पा सकते हैं।

 

2018 का ट्रेंड कैसा रहा 

  • ईकॉमर्स में निवेश बढ़ने और स्किल्ड लोग आने से आईटी में भर्तियां बढ़ीं।
  • इन्फ्राट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल और एफएमसीजी में कंपनियों ने नई भर्तियां बढ़ाईं।
  • बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज में स्थिति खराब रही। टेलीकॉम में तो जॉब्स कम हुए।
  • जूनियर मैनेजमेंट और क्लर्क स्तर की नौकरियों में सबसे अधिक 23-25% गिरावट आई।


2019 में क्या हैं उम्मीदें 

  • बैंकिंग, लॉजिस्टिक्स, आईटी, ईकॉमर्स, कंज्यूमर गुड्स और हेल्थकेयर में सबसे ज्यादा ग्रोथ देखने को मिलेगी।
  • टेक्नोलॉजी से जुड़े क्षेत्रों ब्लॉकचेन, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सिक्योरिटी में आगे भी डिमांड रहेगी।
  • छोटे-मझोले शहरों में उपभोक्ता खर्च बढ़ने से रिटेल कंपनियों में नौकरियां बढ़ेंगी।

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