रायगढ़. शहर के कई इलाकों में छोटे से लेकर बड़े बैंको के संचालन में किराया में देने वाले मकान मालिक तो लाखों रुपए प्रतिमाह कमा रहे हैं, लेकिन शहर के लेाग बैंको की अव्यवस्था से रोजाना हालकान हो रहे हैं। सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार तथा इनसे लगने वाले जाम से आम जनता तो परेशान होती ही है। साथ ही साथ छोटे-मोटी दुर्घटनाए भी आम हो चुकी है।
पुराने यातायात थाना से लेकर किरोड़ीमल चौक तक करीब एक दर्जन से अधिक बैंको का संचालन हो रहा है और इसी मार्ग पर करीब तीन से अधिक स्कूल हैं। इसके बाद भी किसी के पास खुद की पार्किंग व्यवस्था नहीं है। सुबह हो या शाम इस सड़क पर जाम ही जाम नजर आता है। लोग घंटो इस जाम से जुझते हुए ट्रेफिक विभाग को कोसते हैं। जबकि नगर निगम ने इस मामले में कभी सुध तक नहीं ली कि कैसे इस मार्ग में संचालित होने वाले निजी बैंको के संचालन के नाम से लाखों रुपए का किराया तो मकान मालिक ले लेते हैं और इन मकान मालिकों के द्वारा बैंको को सड़क पर जाम करने की खुली छुट दे दी जाती है। किरोड़ीमल चौक से लेकर पुराने ट्रेफिक थाना तक रोजाना होने वाले जाम से स्थानीय दुकानदार भी काफी परेशान हैं। अब इस स्थिति के चलते आम लोगों ने नगर निगम के उपर सीधा-सीधा दोष लगाते हुए कहा है कि जिस बिल्डिंग में या काम्पलेक्स में बैंक संचालित हैं उनमें पार्किंग की व्यवस्था नहीं होती है और बड़े आराम से यहां बिना पार्किंग के बैंक का संचालन शुरू हो जाता है। हाल ही में इस मार्ग पर बैंको की बढ़ती संख्या ने शहर के ट्रफिक को भी इस कदर प्रभावित किया है कि वाहन सड़क पर ही दिखाई देते हैं। क्योंकि बैंक आने वाले ग्राहकों को पार्किंग की सुविधा नहीं मिलती है। जिसके चलते वे अपनी वाहनों को सड़कों पर ही बेतरतीब ढंग से खड़ी कर देते हैं।
दिखावें की हो रही जांच
समय समय पर ट्रेफिक विभाग कार्रवाई करती तो है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होने से सड़कों पर जाम का सिलसिला बदस्तुर जारी है। हाल ही में शराब सेवन कर वाहन चलाने वालों की जांच बीच बीच में की जा रही है, लेकिन जाम की बड़ी समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए पुलिस के अधिकारी कुछ भी नहीं कर रहे हैं और सिर्फ दिखावें की कार्रवाई कर खुद अपनी ही पीठ थपथपा रहे हैं। इससे भी लोग काफी परेशान हैं, पर उन्हें इस बात की जरा भी परवाह नहीं।
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