रायपुर. कांग्रेस में कैबिनेट गठन के लिए माथापच्ची बढ़ रही है। दिल्ली पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल गठन के लिए शुक्रवार दोपहर प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और मोतीलाल वोरा से मिले। उनके साथ विधायक सत्यनारयण शर्मा, अमरजीत भगत, जयसिंह अग्रवाल और सलाहकार राजेश तिवारी, विनोद वर्मा और रुचिर गर्ग भी थे।
वहीं, मंत्री के लिए दर्जनभर विधायक पहले से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को शिमला से लौटकर मंत्रियों के नाम फाइनल कर सकते हैं। भूपेश गुरुवार को ही कह चुके कि वे मंत्रियों की लिस्ट लेकर ही लौटेंगे। बघेल रविवार लौट सकते हैं। बघेल मल्लिकार्जुन खड़गे और शरद यादव से भी मिले।
संवैधानिक बाध्यता करा रही मशक्कत
भूपेश 68 में से सिर्फ 13 विधायकों को ही मंत्री बना सकते हैं। इनमें से खुद भूपेश बतौर सीएम और टीएस सिंहदेव व ताम्रध्वज साहू मंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं। अब बचे 10 मंत्री पद। 68 विधायकों में से 20 तो ऐसे हैं जो 2 से 8 बार चुने गए हैं। भाजपा के दिग्गजों को हराकर पहली बार के विधायक भी मंत्री बनने की दौड़ लगा रहे हैं, कुछ को राहुल गांधी ने भरोसा भी दिया है।
...और राजनीतिक उलझन
कांग्रेस को बस्तर संभाग से 11 सीट मिली हैं। इसलिए बस्तर से दो और 20 सीटों वालेे सरगुजा से कम से कम 5 मंत्री बनाने का दबाव है। पर ये फिलहाल संभव नहीं।
बघेल कर रहे इन 3 बातों पर विचार
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