वॉशिंगटन. अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। वे फरवरी 2019 तक पद से हट जाएंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को लिखे पत्र में मैटिस ने कहा, “क्योंकि आपको (ट्रम्प) अपने विचारों से मेल खाने वाले किसी व्यक्ति को रक्षा मंत्री रखने का अधिकार है। इसलिए मुझे यह पद छोड़ देना चाहिए।” पेंटागन की ओर से उनका पत्र जारी होने से ठीक पहले ट्रम्प ने कहा कि मैटिस सम्मान के साथ फरवरी के अंत तक रिटायर हो जाएंगे।
मैटिस सीरिया से सेना रखने के पक्ष में थे। हालांकि, ट्रम्प प्रशासन ने एक दिन पहले ही आईएस पर जीत का ऐलान करते हुए आतंक प्रभावित देश से सेना निकालने का ऐलान कर दिया। माना जा रहा है कि मैटिस ट्रम्प के इस फैसले से नाराज थे, इसीलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
सीरिया की स्थिति को लेकर दी थी चेतावनी
सीरिया में आईएस के घटते प्रभाव के बीच अभी करीब 2 हजार अमेरिकी सैनिक वहां मौजूद हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प लंबे समय से सैनिकों को वापस लौटाने की बात कह रहे थे। हालांकि, उन्हें इस मामले में अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस की राय अलग थी, जो कि सीरिया में लंबे समय तक सेना की तैनाती के पक्षधर थे। मैटिस सीरिया से सेना हटाए जाने की चर्चा को कूटनीतिक बेवकूफी बता चुके थे।
ईरान परमाणु समझौते पर भी था विवाद
मैटिस और ट्रम्प के बीच इसी साल ईरान परमाणु समझौते को लेकर भी विवाद उभरे थे। ट्रम्प ने मई में ईरान के साथ डील से हाथ खींच लिए थे, जबकि मैटिस ने समझौते की कुछ शर्तों का बचाव किया था। इसके अलावा ट्रम्प ने हाल ही में अंतरिक्ष में अमेरिकी सेना की अलग टुकड़ी- ‘स्पेस फोर्स’ बनाने का ऐलान किया था। जबकि मैटिस ने इसका भी विरोध किया था।
नए सहयोगी बनाने में मैटिस ने की मदद: ट्रम्प
ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा- “जिम के कार्यकाल के दौरान जबरदस्त तरक्की हुई, खासकर लड़ाई से जुड़े नए हथियारों की खरीद में। मेरे लिए नए सहयोगी बनाने और दूसरे देशों को उनका सैन्य दायित्व समझाने में भी मैटिस मददगार रहे। जल्द ही नए रक्षा मंत्री का ऐलान होगा। मैं जिम को उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद देता हूं।”
मैटिस के इस्तीफे की खबर पर रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति और देश की सेवा के लिए गर्व होना चाहिए। वे कट्टरवादी इस्लाम के खिलाफ लंबे समय से लड़ाई में शामिल थे। उन्होंने ट्रम्प को भी अहम सैन्य सलाह दीं।
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