रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए 4 सलाहकार नियुक्त किए गए हैं। कैबिनेट विस्तार के लिए गुरुवार शाम दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन नियुक्तियों पर मुहर लगाई। इनमें दो पूर्व पत्रकार विनोद वर्मा राजनीतिक सलाहकार और रुचिर गर्ग को मीडिया सलाहकार होंगे।
वहीं कांकेर से कांग्रेस नेता राजेश तिवारी को संसदीय सलाहकार और प्रदीप शर्मा को योजना नीति, कृषि और ग्रामीण विकास के मामलों का सलाहकार बनाया गया है। राज्य में पहली बार मुख्यमंत्री के लिए 4 सलाहकारों में से पहली बार मीडिया और राजनीतिक सलाहकार बनाए गए हैं।
रायपुर से लेकर दिल्ली और बीबीसी लंदन में पत्रकारिता कर चुके विनोद वर्मा कांग्रेस पार्टी में प्रशिक्षण विशेषज्ञ रहे हैं। वर्मा पिछले साल में उस वक्त सुर्खियों में जब पूर्व मंत्री राजेश मूणत की कथित अश्लील सीडी के मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया था। वहीं गर्ग ने हाल में विस चुनाव से पहले पत्रकारिता छोड़ कांग्रेस की सदस्यता ली थी।
वे रायपुर के प्रमुख अखबारों के संपादक के साथ न्यूज चैनलों के प्रमुख और एडिटर्स गिल्ड के सदस्य भी रहे। दोनों बघेल का करीबी रहे हैं। इसी तरह से पूर्व में कांग्रेस विधायक दल के स्थायी सचिव रहे कांकेर के युवा नेेता राजेश तिवारी को संसदीय सलाहकार होंगे। जीएडी से जारी आदेशानुसार चारों ही सलाहकारों को विशेष सचिव स्तर की सुविधाएं और 1.20 लाख रुपए वेतन का पात्रता होगी। पूर्ववर्ती सरकार में तीन सलाहकार रहे हैं।
पत्रकार विनोद वर्मा को साल 2017 के अक्टूबर महीने में राज्य के एक तत्कालीन मंत्री की कथित सेक्स सीडी मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने उनके गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में स्थित घर से गिरफ्तार किया था। उन्हें रायपुर पुलिस की एक टीम ने वर्मा को ब्लैकमेलिंग और उगाही के केस में गिरफ्तार किया था।
इसके बाद से ही पत्रकार वर्मा जेल में थे। हालांकि 28 दिसंबर 2017 को उनकी जमानत याचिका सीबीआई की विशेष अदालत ने स्वीकार कर ली और उन्हें एक लाख रुपये के बंध पत्र और उतनी की राशि का मुचलका पेश करने पर सशर्त सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
इधर राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश के निगम मंडल आयोग और बोर्ड में की गई सभी राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त कर दिया है। पिछली सरकार ने 50 से अधिक निगम-मंडलों का गठन कर करीब 150 नेताओं के कैबिने और राज्यमंत्री के पद देते हुए सत्तासुख दिया था। इनमें से कुछ ने तो नतीजों के बाद से स्वयं ही इस्तीफे दे दिए थे। इस आदेश के बाद अब नई सरकार कांग्रेस के नेताओं को उपकृत कर सकेगी। इनमें से बड़े बजट के निगम -मंडलों में विधायकों की नियुक्ति के संकेत हैं। ये नियुक्तियां अगले दो -तीन दिनों में कर दी जाएंगी।
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