Saturday, 24th May 2025

नियम / एडमिशन शुरू होने से 60 दिन पहले कॉलेज बताएंगे- कितने काबिल हैं शिक्षक

Wed, Dec 19, 2018 8:05 PM

 

  • यूजीसी ने जारी किया रेगुलेशन, यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को वेबसाइट पर देनी होगी जानकारी
  • सीटों की संख्या, फीस, नियम, इंफ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य सुविधाएं भी करनी होंगी सार्वजनिक  
  • बिलासपुर यूनिवर्सिटी से संबद्ध ज्यादातर कॉलेजों में फैकल्टी की कमी

 

बिलासपुर. कॉलेज, इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी में छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) रेगुलेशन 2012 में बदलाव किया जा रहा है। अब यूजीसी (ग्रिवांस रेड्रेसल) रेगुलेशन-2018 का ड्राफ्ट कर सार्वजनिक किया गया है। इसके तहत एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने से यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को 60 दिन पहले कोर्स, सीट संख्या, फीस, पात्रता नियम आदि जानकारी वेबसाइट पर सार्वजनिक करनी होगी। टीचिंग फेसिलिटी की जानकारी भी देनी होगी। उनके यहां कितनी रेगुलर व विजिटिंग फैकल्टी हैं, उनकी योग्यता और अनुभव कितना है। यह सब बातें छात्र को एडमिशन से पहले बतानी होगी। इंफ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य सुविधाएं भी सार्वजनिक करनी होंगी। 

प्रदेश में ज्यादातर यूनिवर्सिटी की वेबसाइट अपडेट नहीं

  1.  

    प्रदेश में ज्यादातर यूनिवर्सिटी और उनसे संबद्ध कॉलेजों की वेबसाइट अपडेट नहीं हैं। नए नियमों के अनुसार, अब उन्हें पूरी जानकारी वेबसाइट पर डालकर उसे अपडेट करना पड़ेगा। अटल बिहार वाजपेयी यूनिवर्सिटी से संबद्ध 184 कॉलेज हो गए हैं। इन सभी कॉलेजों की बात करें तो अधिकांश में पूरी फैकल्टी ही नहीं है। वहीं कई कॉलेजों की अधोसंरचना भी नहीं है। वहीं कुछ कॉलेजों में तो प्राचार्य ही नहीं है।

     

  2.  

    इसके अलावा यूजीसी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को सारे डिटेल पोर्टल पर अपलोड करने के लिए नोटिस जारी की है। अटल यूनिवर्सिटी से संबद्ध अधिकांश कॉलेजों ने वेबसाइट ही बनीं बनाई है। वहीं जिन कॉलेजों की वेबसाइट बनी भी है तो वह अपडेट नहीं है। यहां तक की ऑटोनॉमस कॉलेज बिलासा गर्ल्स और साइंस कॉलेज की वेबसाइट भी अपडेट नहीं है। 

     

  3. छात्रों की समस्या सुलझाने चार कमेटी 

     

    यूजीसी के अनुसार छात्र की विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए डिपार्टमेंट से लेकर यूनिवर्सिटी स्तर तक चार सेपरेट कमेटियां बनाई जाएंगी। हर एक कमेटी को सिर्फ 15 दिन में छात्र की शिकायत पर रिपोर्ट तैयार कर अपनी अथॉरिटी को देनी होगी। इसमें छात्र की समस्या का निदान करने के लिए अनुशंसा भी करनी होगी।

     

  4.  

    खास बात यह है कि कमेटी द्वारा लिए गए निर्णय को लेकर पीड़ित लोकपाल के पास अपील भी कर सकेगा। यूजीसी ने बताया है ऐसा शैक्षणिक परिसर में अनुशासन बनाए रखने के लिए किया जा रहा है। इससे छात्रों को काफी राहत मिलेगी। 

     

  5. इंस्टीट्यूशन ग्रिवांस रेड्रेसल कमेटी 

     

    यदि शिकायत डीजीआरसी से संबंधित नहीं है तो वह उसे आईजीआरसी को भेजेगा। इसमें डीन या इंस्टीट्यूट के सीनियर एकेडमिशियन चेयरमैन होंगे। इसके अलावा डीन स्टूडेंट वेलफेयर, दो सीनियर एकेडमिशियन व प्रॉक्टर सदस्य होंगे। इसे भी छात्र की समस्या को लेकर 15 दिन में रिपोर्ट सौंपनी होगी। 

     

  6. डिपार्टमेंट ग्रिवांस रेड्रेसल कमेटी 

     

    डीजीआरसी के अंतर्गत डिपार्टमेंट का एचओडी दो साल के लिए चेयरमैन होगा। एक दूसरे डिपार्टमेंट का प्रोफेसर होगा। वहीं चेयरमैन द्वारा एक नॉमिनेट फैकल्टी होगी। इस कमेटी काे छात्र की समस्या 15 दिन में हल कर रिपोर्ट प्रिंसिपल को सौंपनी होगी। 

     

  7. कॉलेज ग्रिवांस रेड्रेसल कमेटी 

     

    छात्र की समस्या आने पर सीजीआरसी कमेटी इस पर कार्रवाई करेगी। इसमें कॉलेज के प्रिंसिपल चेयरमैन और दो सदस्य होंगे। 

     

  8. यूनिवर्सिटी ग्रिवांस रेड्रेसल कमेटी 

     

    सीजीआरसी समस्या हल नहीं कर पाती है तो यह यूजीआरसी के पास पहुंचेगी। 5 सदस्यों की यह कमेटी हर एक कॉलेज के लिए अलग बनाई जा सकती है या कॉलेजों के एक समूह के लिए। इसमें यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसर चेयरमैन होंगे। डीन स्टूडेंट वेलफेयर के अलावा संबद्ध कॉलेजों के तीन प्राचार्य शामिल होंगे। 

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery