भोपाल. प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी या व्यापमं) की ग्रुप- 4 की भर्ती परीक्षा में हुईं गड़बड़ियों की जांच नई सरकार ने शुरू कर दी है। परीक्षा के दौरान केंद्रों पर सीसीटीवी लगाए गए थे, इन केंद्रों में से 10 को संदिग्ध माना है। इन कैमरों के फुटेज सरकार ने मंगाए हैं।
वीडियो फुटेज से सरकार यह पता लगाएगी कि परीक्षा में शामिल उम्मीदवार कौन थे? गड़बड़ी किस स्तर पर हुई? पीईबी पर यह आरोप है कि कई अपात्र उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे, जो 12 दिसंबर को घोषित रिजल्ट में क्वालिफाई बताए गए हैं।
मुख्यमंत्री से मिलकर छात्रों ने की थी जांच की मांग
मंगलवार दोपहर विधायक कुणाल चौधरी आरोप लगाने वाले छात्रों को साथ लेकर सीएम कमलनाथ से मिलने पहुंचे थे। छात्रों ने पीईबी के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया। इसके बाद सरकार ने पीईबी की ग्रुप - 4 भर्ती परीक्षा की जांच कराने का फैसला किया। परीक्षा में शामिल हुए प्रशांत सिंह बाघेला ने बताया कि पीईबी ने यह परीक्षा जुलाई 2018 में कराई थी। लेकिन, बिना कारण बताए परीक्षा निरस्त कर दी थी।
बाद में इस परीक्षा को दोबारा कराया गया। जिस दिन परीक्षा हुई, उसी दिन परीक्षा शुरू होने के कुछ घंटों बाद ही सोशल मीडिया पर एक परीक्षा केंद्र में नकल कराए जाने का वीडियो वायरल हो गया। पीईबी ने ग्रुप-4 भर्ती परीक्षा के परीक्षा नियमों को 5 से ज्यादा बार बदला। इससे परीक्षा की पारदर्शिता पर शुरूआत से ही सवाल उठ रहे थे।
लेकिन, राज्य में भाजपा सरकार होने के कारण पीईबी इसकी जांच नहीं करा रहा था। बकौल प्रशांत मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद परीक्षार्थियों ने व्यापमं के सामने कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी की अगुआई में प्रदर्शन किया। साथ ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर दोपहर में भर्ती परीक्षा की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
जुलाई में चार दिन हुई थी परीक्षा
पीईबी पर ये भी हैं आरोप
जांच की जाएगी
ग्रुप-4 भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोप लगे हैं। इसकी जांच कराई जा रही है। 10 परीक्षा केंद्रों से सीसीटीवी फुटेज मंगाए गए हैं। इन फुटेज से परीक्षा में हुईं गड़बड़ियों की जांच की जाएगी।
चंद्रमोहन ठाकुर, डायरेक्टर, पीईबी
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