Tuesday, 15th July 2025

छत्तीसगढ़ / बघेल ने सीएम पद की शपथ लेते ही किसानों का 6100 करोड़ रु. का कर्ज माफ किया

Tue, Dec 18, 2018 7:56 PM

 

  • झीरम घाटी मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का आदेश, हमले में 29 लोग मारे गए थे
  • मुख्यमंत्री सचिवालय में भी फेरबदल, गौरव द्विवेदी सचिव तो टामन सिंह बनाए गए विशेष सचिव
  • शपथ लेने के बाद बघेल ने मंच पर मौजूद मनमोहन सिंह, मोतीलाल वोरा और पीएल पुनिया के पैर छिए

 

रायपुर. भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद वादे के मुताबिक किसानों को राहत दी। उन्होंने 16.65 लाख किसानों का सरकारी बैंकों से लिया गया 6100 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने का ऐलान किया। अन्य मदों में बैंकों से लिए गए कर्ज को भी जांच के बाद माफ करने का भरोसा दिलाया। 

 

बघेल ने धान पर समर्थन मूल्य भी 2500 रुपए प्रति क्विंटल करने की घोषणा की। अभी किसानों को 1750 रु. प्रति क्विंटल के हिसाब से समर्थन मूल्य मिलता है। अब इसमें 750 रुपए प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि और शामिल की जाएगी। मुख्यमंत्री ने झीरम घाटी हमले की जांच के लिए भी एसआईटी के गठन के आदेश दिए हैं। 2013 में हुए इस नक्सली हमले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नंद कुमार पटेल समेत 29 लोग मारे गए थे। 

 

गौरव सचिव, टामन होंगे विशेष सचिव

बघेल ने मुख्यमंत्री सचिवालय में भी फेरबदल किया है। अब मुख्यमंत्री के सचिव आईएएस गौरव द्विवेदी होंगे। गौरव अभी शिक्षा विभाग में सचिव हैं और दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार की सेवा में रह चुके हैं। बस्तर के कमिश्नर टामन सिंह सोनवानी को विशेष सचिव बनाया गया है, जबकि ओएसडी प्रवीण शुक्ला बनाए गए हैं। 

 

टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू बने मंत्री
सोमवार को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भूपेश बघेल को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। बघेल के अलावा टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू ने मंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई अन्य दलों के नेता मंच पर मौजूद रहे। बघेल ने मंच पर मौजूद मनमोहन सिंह, मोतीलाल वोरा और पीएल पुनिया के पैर छुए। शपथ से कुछ घंटे पहले ही बारिश के चलते समारोह स्थल बदल दिया गया था। पहले शपथ ग्रहण साइंस कॉलेज मैदान में होना था। बाद में यह बलवीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में हुआ।

ये नेता भी रहे मौजूद

शपथ ग्रहण में कांग्रेस से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, नारायण सामी, सचिन पायलट, राज बब्बर, जतिन प्रसाद, नवीन जिंदल, राजीव शुक्ला, आनंद शर्मा, गुरुदास कामत, मोहसिना किदवई, प्रमोद तिवारी और नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद थे। इनके अलावा लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और झारखंड विकास मोर्चा के प्रमुख बाबूलाल मरांडी मौजूद थे। 

 

भूपेश के चयन के 3 बड़े कारण

 

 

  • छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मजबूती देने में योगदान। राहुल ने जो भी जिम्मा सौंपा, बघेल उस पर खरे उतरे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर पिछले 5 साल में कांग्रेस को मजबूती दी।
  • बघेल ने बोल्ड स्टैंड लिया और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित को पार्टी से बाहर किया। संगठन को एकजुट बनाए रखा।
  • भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रामक रहे। भाजपा नेताओं के साथ कभी मंच साझा नहीं किया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से हाथ नहीं मिलाया। विधानसभा में विपक्ष की मजबूत तस्वीर पेश की।

 

जोगी कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं बघेल

23 अगस्त 1961 को जन्मे बघेल 80 के दशक में यूथ कांग्रेस से राजनीति में आए। 2000 में जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना तो वह पाटन सीट से विधायक थे। जोगी सरकार में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया। 2003 में कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने पर बघेल को विपक्ष का उपनेता बनाया गया। 2013 में झीरम घाटी हमले के बाद कांग्रेस को एक बार फिर से खड़ा करने में बघेल ने अहम भूमिका निभाई। 2014 में उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। हालांकि, वे सीडी कांड की वजह से भी सुर्खियों में रहे। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।

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