Saturday, 7th June 2025

विधानसभा चुनाव / कमलनाथ 17 दिसंबर को लेंगे शपथ, मंत्रियों के नाम पर मंथन

Sat, Dec 15, 2018 8:48 PM

 

  • कर्नाटक की तर्ज पर भोपाल में दिखेगी महागठबंधन की ताकत 
  • ममता, माया, अखिलेश, चंद्रबाबू, केजरीवाल हो सकते हैं शामिल 

 

भोपाल . कांग्रेस विधायक दल के नेता कमलनाथ 17 दिसंबर को दोपहर 1:30 बजे भेल के जंबूरी मैदान पर प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इधर, मंत्रियों के नाम तय करने को लेकर शुक्रवार को दिग्गज नेताओं में मंथन शुरू हो गया है।

इस बारे में नाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह से चर्चा की। वहीं, वे अलग-अलग मंत्री पद के दावेदारों से भी मिले। नाथ से मिलने अजय सिंह, एनी प्रजापति, तरुण भानौत और ब्रजेंद्र सिंह राठौर और हर्ष यादव पहुंचे। नाथ के साथ मंत्रिमंडल के शपथ लिए जाने के बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। 


माना जा रहा है वे अलग से मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे : 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस कर्नाटक की तर्ज पर शपथ ग्रहण समारोह  के जरिए भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की ताकत दिखाने की तैयारी में है। समारोह में शामिल होने प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, कर्नाटक सीएम कुमार स्वामी, डीएमके नेता स्टालिन को न्योता भेजा गया है। 

 

इनके अलावा बड़ी संख्या में धर्माचार्यों को भी आमंत्रित किया गया है। यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कांग्रेस के बड़े नेता भी समारोह में मौजूद रहेंगे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को कांग्रेस के सरकार बनाने के दावे को स्वीकार करते हुए कमलनाथ को शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया है।

 

 राज्यपाल से मिलने कमलनाथ के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सांसद विवेक तन्खा,अजय सिंह, अरुण यादव पहुंचे।  कांग्रेस की ओर से राज्यपाल को सौंपे गए पत्र में 121 विधायकों के समर्थन की जानकारी दी गई है। इसमें कांग्रेस के 114 विधायकों के अलावा बसपा के दो, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक शामिल हैं।  

 

शुक्रवार को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल ने कमलनाथ से मुलाकात कर उन्हें तमाम जानकारी दी। इसी बीच मुख्य सचिव, डीजीपी के साथ ब्यूरोक्रेसी के सीनियर अधिकारी भी देर शाम तक उनके निवास पर पहुंचे। शाम को नाथ से मिलने अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव और गौरी सिंह भी पहुंची थी।


युवाओं को रोजगार देना सरकार का फोकस होगा : नाथ ने यहां मीडिया से चर्चा में कहा कि हमने वचन पत्र में जो भी वादे किए गए हैं, उन्हें पूरा करेंगे। मैं प्रदेश की जनता को विश्वास दिलाता हूं कि हम उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। हमारी प्राथमिकता कृषि क्षेत्र को मजबूत करना होगी, जिससे कृषि आधारित व्यवस्था मजबूत हो सके। सरकार का फोकस युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था करना और महिलाओं को सुरक्षित माहौल देना होगा।

 

इंदौर से पटवारी को मिलेगा मौका, डॉ. गोविंद सिंह बन सकते हैं विधानसभा अध्यक्ष : कमलनाथ अपने मंत्रिमंडल में युवा चेहरों, जातिगत गणित एवं क्षेत्रीय संतुलन के साथ आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल के चेहरे तय करेंगे। कमलनाथ के साथ शपथ लेने वालों में आरिफ अकील, सज्जन सिंह  वर्मा, तुलसी सिलावट, गोविंद राजपूत, हुकुम सिंह कराड़ा, विजय लक्ष्मी साधौ, बिसाहूलाल सिंह, डॉ. प्रभुराम चौधरी, जीतू पटवारी, पीसी शर्मा, लक्ष्मण सिंह/जयवर्द्धन सिंह, हिना कांवरे, कमलेश्वर पटेल, तरुण भनोत और निर्दलीय प्रदीप जायसवाल के नाम चर्चा में हैं। डॉ. गोविंद सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है।

 

अंचल से शिवराज सरकार में 7 मंत्री थे, कमलनाथ भी इतने ही रखेंगे? 

 

कमलनाथ मंत्रिमंडल में ग्वालियर अंचल के 5 जिलों से 7 चेहरे शामिल हो सकते हैं। इनमें से दो पहले भी मंत्री रहे हैं। संभावना यह भी है कि पहले चरण में चार में से दो या तीन नाम ही शामिल किए जाएं। बाकी नाम विस्तार में जोड़े जाएं। शिवराज सरकार में भी अंचल के पांच जिलों से सात मंत्री रहे हैं। इनमें से एक को टिकट नहीं दिया। चार हार गए। दो ही जीते। 


कांग्रेस सरकार के संभावित चेहरे 
 

ग्वालियर जिला- प्रद्युम्न सिंह तोमर: जयभान सिंह पवैया को हराया। दूसरी बार के विधायक। इमरती देवी: लगातार तीसरी जीत। अजा चेहरा। मुन्नालाल गोयल: पहली बार विधायक बने लेकिन वैश्य समाज का चेहरा। लाखन सिंह यादव:

 

लगातार तीसरी बार जीते :  सांसद अनूप मिश्रा को हराया।
 

शिवपुरी जिला- केपी सिंह: लगातार छठवीं जीत। 
 

मुरैना जिला- एंदल सिंह कंसाना: तीसरी बार विधायक।
 

दतिया जिला- घनश्याम सिंह: तीसरी बार विधायक।


शिवराज सरकार में जयभान सिंह पवैया, माया सिंह, नारायण सिंह कुशवाह, नरोत्तम मिश्रा, यशोधरा राजे सिंधिया, लाल सिंह आर्य और रुस्तम सिंह मंत्री थे।

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