Saturday, 24th May 2025

छत्तीसगढ़ / प्रदेश के 27 जिलों में एक भी कलेक्टर ऐसे नहीं जिन्होंने कांग्रेस सरकार में काम किया हो

Fri, Dec 14, 2018 7:34 PM

 

  • इनमें से सभी की नियुक्ति 2003 के बाद हुई, कलेक्टरों के बीच इस बात को लेकर चर्चा व चिंता
  • राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकांश अधिकारियों को भी कांग्रेस सरकार की कार्यशैली का पता नहीं 

 

सुनील शर्मा। बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के किसी भी जिले के कलेक्टर ऐसे नहीं हैं, जिन्हें कांग्रेस सरकार के साथ काम करने का अनुभव हो। यानी सभी 2003 के बाद कलेक्टर बने हैं और वे सभी भाजपा सरकार के साथ ही काम किए हैं। ज्यादातर के पास तो कलेक्टरी का भी ज्यादा अनुभव नहीं है। अधिकांश की पदस्थापना 2005 से 2015 के बीच हुई है।

प्रशासनिक अमले में हलचल के साथ चिंता भी

  1.  

    छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटें जीतकर पूरे 15 साल बाद सत्ता में वापसी की है। 2003 चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस से सत्ता छीन ली और 2008 के बाद 2013 में भी उसे सत्ता से दूर रखा। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद प्रशासनिक खेमे में हलचल तेज हो गई है। 

     

  2.  

    अब तक अफसरों ने कांग्रेस को विपक्ष की भूमिका में ही देखा है। कांग्रेस सरकार किस तरह काम करती है? यह छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों के कलेक्टरों को नहीं पता। इनमें से एक भी ऐसे नहीं है, जिनकी नियुक्ति कांग्रेस सरकार रहते हुई हो। इस बात को लेकर कलेक्टरों के बीच चर्चा व चिंता भी शुरू हो गई है।

     

  3. चार जिलों के कलेक्टरों पर लगा था भाजपा एजेंट होने का आरोप

     

    वर्तमान में धमतरी कलेक्टर सीआर प्रसन्ना की नियुक्ति जरूर 2004 में हुई थी। कांग्रेस ने बिलासपुर, दुर्ग, धमतरी व सुकमा कलेक्टर पर भाजपा के एजेंट होने का आरोप लगाया था। 

     

    जिला कलेक्टर  नियुक्ति  जिला कलेक्टर नियुक्ति
    रायपुर बसवाराजू एस 2007 जांजगीर-चांपा नीरज कुमार बंसोड 2008
    बिलासपुर पी दयानंद 2006 सरगुजा सारांश मित्तल 2010
    जशपुर प्रियंका शुक्ला 2009 कोरबा मोहम्मद कैसर अब्दुल  हक 2007
    रायगढ़ शम्मी आबिदी 2007 कोरिया नरेंद्र कुमार दुग्गा 2015
    दुर्ग उमेश अग्रवाल 2012 राजनांदगांव भीम सिंह 2008
    कबीरधाम अवनीशा कुमार शरण 2009 धमतरी सीआर प्रसन्ना 2004
    महासमुंद हिमशिखर गुप्ता 2007 बस्तर डाॅ. तंबोली अय्याज फकीर भाई 2009
    दंतेवाड़ा सौरभ कुमार 2009 कांकेर रानू साहू 2010
    नारायणपुर टोपेश्वर वर्मा 2015 बीजापुर केडी कुंजाम 2015
    सुकमा जय प्रकाश मौर्य 2010 कोंडगांव नीलकंठ टेकाम 2015
    बलौदाबाजार-भाटापारा जेपी पाठक 2015 गरियाबंद श्याम धावड़े 2015
    बेमेतरा महादेव कावरे 2015 बालोद किरण कौशल 2009
    मुगेली डी सिंह 2015 सूरजपुर केसी देवसेनापति 2007
    बलरामपुर हीरालाल नायक 2015      

     

  4. पांचों संभाग के आयुक्तों की नियुक्ति भी 2003 के बाद 

     

    बिलासपुर संभागायुक्त की नियुक्ति 2007 में तो रायपुर संभागायुक्त गोविंद राम चुरेंद्र, सरगुजा संभागायुक्त टामन सिंह सोनवानी और बस्तर संभागायुक्त धनंजय देवांगन की नियुक्ति 2012 में हुई। ये प्रोमोटिव होने की वजह से पहले अपर कलेक्टर जैसे पदों पर काम कर चुके हैं। उनके पास भी कांग्रेस सरकार की कार्यशैली का अनुभव नहीं है। दुर्ग संभागायुक्त दिलीप वासनीकर की नियुक्ति 2010 में हुई है। 

     

  5.  

    जिन अफसरों के राजनीतिक आका हैं और जो उनके निर्देश पर काम करते हैं, उन्हें ही तकलीफ होगी। बाकी को इसलिए नहीं होगी क्योंकि प्रदेश में प्रशासनिक तंत्र काम करता है। पार्टी चाहे कोई भी हो तंत्र के संचालन के लिए बनाए गए नियमों के तहत काम करने पर कोई परेशानी नहीं होती। अफसर संविधान की शपथ लेते हैं इसलिए उनकी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति होनी चाहिए, किसी दल या नेता के प्रति नहीं। 

    डॉ.सुशील त्रिवेदी, रिटायर्ड आईएएस 

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