Saturday, 24th May 2025

छत्तीसगढ़ / मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर फंसा पेंच; बघेल, सिंहदेव, महंत अौर साहू दिल्ली तलब

Fri, Dec 14, 2018 7:30 PM

 

  • ताम्रध्वज पहले से दिल्ली में, रायपुर एयरपोर्ट से सुबह ही तीनों नेता एक साथ हुए रवाना
  • टीएस सिहंदेव और भूपेश बघेल के समर्थकों में गहमागहमी, बंगले पर भिड़ गए समर्थक

 

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को लेकर अभी तक संशय बरकरार है। प्रदेश में मिली ऐतिहासिक जीत के बावजूद अभी तक सीएम चेहरे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। इसे देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश के चारों बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है। जिसके बाद टीएस सिंहदेव, भूपेश बघेल और चरणदास महंत शुक्रवार सुबह रायपुर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। जबकि ताम्रध्वज साहू पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। हालांकि राजधानी में घने कोहरे के चलते फ्लाइट 4 घंटे देरी से रवाना हुई। इसके चलते कांग्रेस नेताओं काे एयरपोर्ट पर ही इंतजार करना पड़ा। 

नेता बोले-जो आलाकमान तय करेगा वही सीएम

  1.  

    दिल्ली रवाना होने से पहले तीनों नेताओं ने एक साथ कहा कि आलाकमान जो फैसला करेंगे वो सभी को स्वीकार्य होगा। वहीं चरणदास महंत ने ओबीसी कार्ड चलने की संभावना जताई है। सभी नेता दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकाम करेंगे। मुलाकात के बाद ही मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाई जाएगी। हालांकि माना जा रहा है कि सीएम की दौड़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के नाम ही आगे चल रहे हैं।

     

  2.  

    उधर, टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल के समर्थक उत्साह में हैं। इसी के चलते दोनों के बीच गुरुवार को गहमागहमी भी हो गई। हालात यहां तक आ गए कि दोनों ओर के समर्थक भिड़ते-भिड़ते बचे। बघेल के बंगले पर कार्यकर्ताओं में हाथापाई हो गई। प्रत्यदर्शियों के अनुसार एक कार्यकर्ता ने जातीय टिप्पणी की, उसके पीछे बैठे उसी जाति के कार्यकर्ता ने आपत्ति जताई। दोनों में मुंहवाद हुआ और भिड़ गए। 

     

  3. राहुल गांधी ने 3 लाख कार्यकर्ताओं से पूछी उनकी पसंद

     

    वहीं शक्ति ऐप से जुडे़ 3 लाख कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पसंद पूछी है। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब कांग्रेस विधायक दल के अलावा आम कार्यकर्ताओं से मुख्यमंत्री चयन को लेकर राय ली जा रही है।

     

  4.  

    इसके पहले भी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन के समय कांग्रेस अध्यक्ष ने 90 विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं से प्रत्याशियों के नाम पूछे थे। कांग्रेस ने उम्मीदवारों के आवेदन भी ब्लॉक में मंगवाए थे और बूथ स्तर के पदाधिकारियों से अनुशंसा मंगवाई थी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका बेहतर परिणाम मिला। 

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