नई दिल्ली/भोपाल. नौ बार से छिंदवाड़ा से सांसद कमलनाथ (72) ने शुक्रवार को राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया। उनके साथ प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया और अरुण यादव भी मौजूद रहे। गुरुवार रात को ही कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम का ऐलान हुआ था। वे सोमवार को भाेपाल के लाल परेड ग्राउंड पर शपथ लेंगे। विधानसभा चुनाव से करीब छह महीने पहले कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का जिम्मा संभाला था। कांग्रेस ने इस फैसले के साथ यह भी साफ कर दिया कि राज्य में कोई उप-मुख्यमंत्री नहीं होगा।
इस बीच, राजस्थान को लेकर सस्पेंस कायम है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी की पसंद गहलोत हैं, लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि पायलट इसके लिए राजी नहीं हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के मामले में राहुल शुक्रवार को फैसला करेंगे। वहां टीएस सिंहदेव का नाम आगे चल रहा है। भूपेश बघेल और ताम्रध्वज साहू भी दौड़ में हैं।
मतदाताओं ने सच का साथ दिया- कमलनाथ
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने नाम का औपचारिक ऐलान होने के बाद कहा- मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि मध्यप्रदेश की जनता के विश्वास के काबिल बना रहूं। कांग्रेस सरकार में मध्यप्रदेश सुरक्षित रहेगा। इस नई शुरुआत में मैं सभी को आश्वासन देना चाहता हूं कि हम अपने शपथ पत्र का हर वादा पूरा करेंगे। मध्यप्रदेश के मतदाताओं ने सच्चाई का साथ दिया। शपथ ग्रहण के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात के बाद फैसला करेंगे।
इंदिरा ने कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा माना था
नौ बार से छिंदवाड़ा के सांसद कमलनाथ को इंदिरा गांधी ने अपना तीसरा बेटा माना था। वे उन नेताओं में से हैं, जिन्होंने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया। वे पहली बार नरसिम्हा राव सरकार में 1991 में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने। वे कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), केंद्रीय उद्योग मंत्री, परिवहन व सड़क निर्माण मंत्री, शहरी विकास, संसदीय कार्य मंत्री भी रहे। मनमोहन सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्री भी रहे।
राहुल ने ट्वीट की नाथ-सिंधिया के साथ तस्वीर
सिंधिया और कमलनाथ के साथ बैठक के दौरान राहुल ने ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की थी। इसमें उन्होंने सिंधिया-नाथ के हाथ थाम रखे थे।
सभी यहां लोगों की सेवा के लिए हैं: सिंधिया
ज्योतिरादित्य ने दिल्ली से भोपाल रवाना होने से पहले कहा- ये कोई रेस नहीं है। ये कुर्सी के लिए नहीं है। हम सब यहां मध्यप्रदेश के लोगों की सेवा के लिए आए हैं।
फैसला राहुल को लेना था, मंथन के लिए सोनिया-प्रियंका भी पहुंचीं
मप्र-छग-राजस्थान में मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों पर फैसले के लिए गुरुवार सुबह करीब 10 बजे से ही राहुल गांधी के आवास पर नेताओं का आना शुरू हो गया था। मध्यप्रदेश से कमलनाथ-सिंधिया और राजस्थान से गहलोत-पायलट भी बैठक में शामिल होने पहुंचे। दोनों राज्यों के पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट राहुल को सौंपी। इसके बाद प्रियंका वाड्रा दो बार राहुल से मिलने आईं। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राहुल से मिलने उनके आवास पहुंचीं। कहा यह जा रहा था कि प्रियंका मप्र में सिंधिया को सीएम बनाए जाने पर जोर दे रही थीं।
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