नई दिल्ली. मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के दो-दो दावेदार हैं। इस वजह से कांग्रेस तीनों राज्यों में डिप्टी सीएम के फॉर्मूले पर विचार कर रही है। मध्यप्रदेश में कमलनाथ और राजस्थान में अशोक गहलोत की मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी मजबूत है। मप्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान में सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाने में कांग्रेस को मुश्किल हो सकती है, क्योंकि माना जा रहा है कि दोनों नेता मुख्यमंत्री के अलावा कोई अन्य पद स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होंगे।
कमलनाथ, अशोक गहलोत, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंच गए। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास बैठक शुरू हुई। इसमें राहुल की बहन प्रियंका वाड्रा भी मौजूद थीं। बैठक में सबसे राजस्थान के पर्यवेक्षक केसी वेणुगोपाल और अविनाश पांडे ने राहुल को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
राहुल गांधी ने गुरुवार को दिल्ली में कहा- "पार्टी के अंदर कई नेताओं, विधायकों और कार्यकर्ताओं से इनपुट ले रहा हूं। मुख्यमंत्री का नाम जल्द ही आपके सामने होगा।''
तीनों राज्यों में कौन हैं मुख्यमंत्री बनने के दावेदार
मध्यप्रदेश | कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया |
राजस्थान | अशोक गहलोत, सचिन पायलट |
छत्तीसगढ़ | भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव |
राजस्थान:
निर्दलीय विधायक महादेव सिंह खंडेला और राजकुमार गौर ने कहा कि अशोक गहलोत दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं। हम भी चाहते हैैं कि वे सीएम बनें। कांग्रेस के आलाकमान को भी ऐसा ही फैसला लेना चाहिए।
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के सामने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी की।
आखिर क्यों नहीं हुई सीएम के नाम की घोषणा?
1. दावेदारी : मुख्यमंत्री पद से कम पर न पायलट मान रहे, न गहलोत, दोनों नेताओं ने आलाकमान को संदेश भेजा
सीएम पद के लिए प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों की ओर से दावेदारी की जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सचिन पायलट सीएम पद से नीचे समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत तीसरी बार सीएम बनने के लिए मजबूत तरीके से दावेदारी पेश कर रहे हैं। गहलोत भी इसके लिए अड़े हुए हैं। इन दोनों ही नेताओं ने अपने-अपने तरीके से आलाकमान को मैसेज कर दिया है।
2. नंबर गेम : गहलोत ने बागियों का समर्थन दिखाया तो पायलट के पक्ष में भी बसपा नेता का वीडियो आया
सूत्रों का कहना है कि गहलोत विधायकों से पर्ची के जरिए सीएम चेहरा घोषित करने की बात कर रहे थे। गहलोत ने बागी होकर जीते विधायकों को समर्थन दिलाने का ऐलान किया। जैसे ही नंबर गेम की बात आई तो दोपहर बाद तीन बजे पायलट गुट की ओर से भी एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें बसपा के राजेंद्र गुढा... न केवल खुद बल्कि निर्दलीय विधायकों की ओर से भी पायलट को समर्थन की बात करते नजर आ रहे हैं।
3. रायशुमारी : पर्यवेक्षकों ने नाम तय करने के लिए विधायकों से पर्चियां लीं, आलाकमान पर छोड़ा फैसला
राय शुमारी के बाद भी तस्वीर साफ नहीं हो पाई। इस दौरान दोनों ही गुटों के विधायकों ने अपने-अपने नेता को सीएम बनाने की बात कही। पार्टी को संभावित नुकसान के बारे में भी बताया। ऐसे में पर्यवेक्षकों के लिए भी किसी एक नाम को तय करना मुश्किल बन गया, जिसके चलते विधायकाें से गहलोत-पायलट के नाम की पर्चियां ली गईं।
4. अंत में पायलट और गहलोत दोनों बोले : राहुल का फैसला मानने को हम तैयार
कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों में से किसी भी एक को नाराज करना नहीं चाहता। दोनों नेताओं को संतुष्ट करना चाहता है, जिससे लोकसभा चुनाव में पार्टी का नुकसान न होने पाए। ऐसे में अब राहुल गांधी के स्तर पर फैसला छोड़ दिया गया। दोनों नेता बोले- राहुल के फैसले को मानने के लिए तैयार हैं।
मध्यप्रदेश:
छत्तीसगढ़
बघेल इसलिए मजबूत दावेदार
सिंहदेव इसलिए प्रबल दावेदार
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