Thursday, 22nd May 2025

चुनाव / तीनों राज्यों में डिप्टी सीएम के फॉर्मूले पर विचार, मप्र में सिंधिया और राजस्थान में सचिन को मनाना मुश्किल

Thu, Dec 13, 2018 7:44 PM

 

  • तीनों राज्यों के सीएम, डिप्टी सीएम तय करने के लिए राहुल के घर  बैठक, प्रियंका गांधी भी मौजूद
  • राजस्थान के पर्यवेक्षकों ने राहुल को रिपोर्ट सौंपी
  • मप्र से कमलनाथ-सिंधिया और राजस्थान से अशोक गहलोत-सचिन पायलट दिल्ली में

 

नई दिल्ली.  मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के दो-दो दावेदार हैं। इस वजह से कांग्रेस तीनों राज्यों में डिप्टी सीएम के फॉर्मूले पर विचार कर रही है। मध्यप्रदेश में कमलनाथ और राजस्थान में अशोक गहलोत की मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी मजबूत है। मप्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान में सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाने में कांग्रेस को मुश्किल हो सकती है, क्योंकि माना जा रहा है कि दोनों नेता मुख्यमंत्री के अलावा कोई अन्य पद स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होंगे। 

 

कमलनाथ, अशोक गहलोत, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंच गए। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास बैठक शुरू हुई। इसमें राहुल की बहन प्रियंका वाड्रा भी मौजूद थीं। बैठक में सबसे राजस्थान के पर्यवेक्षक केसी वेणुगोपाल और अविनाश पांडे ने राहुल को अपनी रिपोर्ट सौंपी। 

 

 

 

राहुल गांधी ने गुरुवार को दिल्ली में कहा- "पार्टी के अंदर कई नेताओं, विधायकों और कार्यकर्ताओं से इनपुट ले रहा हूं। मुख्यमंत्री का नाम जल्द ही आपके सामने होगा।''

 

तीनों राज्यों में कौन हैं मुख्यमंत्री बनने के दावेदार

 

मध्यप्रदेश कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया
राजस्थान अशोक गहलोत, सचिन पायलट
छत्तीसगढ़ भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव

 

राजस्थान: 

  • निर्दलीय विधायक महादेव सिंह खंडेला और राजकुमार गौर ने कहा कि अशोक गहलोत दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं। हम भी चाहते हैैं कि वे सीएम बनें। कांग्रेस के आलाकमान को भी ऐसा ही फैसला लेना चाहिए। 

  • दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के सामने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी की।

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  • अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुरुवार सुबह राहुल गांधी से मिलने के लिए दिल्ली पहुंच गए। उन्होंने कांग्रेस नेता अहमद से मुलाकात की। 
  • इससे पहले बुधवार को जयपुर में विधायक दल की बैठक हुई। करीब आठ घंटे की मशक्कत का नतीजा सिफर रहा। डीग-कुम्हेर से एमएलए विश्वेंद्र सिंह विधायक दल की बैठक बीच में छोड़कर चले गए। उन्होंने कहा कि जब फैसला आलाकमान को करना है तो यह बैठक क्यों? अगर सीएम पद पर निर्णय नहीं हो पा रहा है तो सिक्का उछालकर फैसला कर लो।  

 

आखिर क्यों नहीं हुई सीएम के नाम की घोषणा?
 
1. दावेदारी : मुख्यमंत्री पद से कम पर न पायलट मान रहे, न गहलोत, दोनों नेताओं ने आलाकमान को संदेश भेजा 
सीएम पद के लिए प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों की ओर से दावेदारी की जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सचिन पायलट सीएम पद से नीचे समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत तीसरी बार सीएम बनने के लिए मजबूत तरीके से दावेदारी पेश कर रहे हैं। गहलोत भी इसके लिए अड़े हुए हैं। इन दोनों ही नेताओं ने अपने-अपने तरीके से आलाकमान को मैसेज कर दिया है। 

 

2. नंबर गेम : गहलोत ने बागियों का समर्थन दिखाया तो पायलट के पक्ष में भी बसपा नेता का वीडियो आया 
सूत्रों का कहना है कि गहलोत विधायकों से पर्ची के जरिए सीएम चेहरा घोषित करने की बात कर रहे थे। गहलोत ने बागी होकर जीते विधायकों को समर्थन दिलाने का ऐलान किया। जैसे ही नंबर गेम की बात आई तो दोपहर बाद तीन बजे पायलट गुट की ओर से भी एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें बसपा के राजेंद्र गुढा... न केवल खुद बल्कि निर्दलीय विधायकों की ओर से भी पायलट को समर्थन की बात करते नजर आ रहे हैं। 

 

3. रायशुमारी : पर्यवेक्षकों ने नाम तय करने के लिए विधायकों से पर्चियां लीं, आलाकमान पर छोड़ा फैसला 
राय शुमारी के बाद भी तस्वीर साफ नहीं हो पाई। इस दौरान दोनों ही गुटों के विधायकों ने अपने-अपने नेता को सीएम बनाने की बात कही। पार्टी को संभावित नुकसान के बारे में भी बताया। ऐसे में पर्यवेक्षकों के लिए भी किसी एक नाम को तय करना मुश्किल बन गया, जिसके चलते विधायकाें से गहलोत-पायलट के नाम की पर्चियां ली गईं। 

 

4. अंत में पायलट और गहलोत दोनों बोले : राहुल का फैसला मानने को हम तैयार 
कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों में से किसी भी एक को नाराज करना नहीं चाहता। दोनों नेताओं को संतुष्ट करना चाहता है, जिससे लोकसभा चुनाव में पार्टी का नुकसान न होने पाए। ऐसे में अब राहुल गांधी के स्तर पर फैसला छोड़ दिया गया। दोनों नेता बोले- राहुल के फैसले को मानने के लिए तैयार हैं।

 

मध्यप्रदेश:

 

  • कांग्रेस नेता कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंचे।
  • पर्यवेक्षक एके एंटनी गुरुवार को राहुल गांधी को रिपोर्ट सौंपेंगे। इसकेे बाद एंटनी गुरुवार को फिर भोपाल आएंगे। वे यहां पीसीसी में शाम 4 बजे होने वाली विधायकों की बैठक में शामिल होंगे। यहीं विधायक दल के नेता का एेलान भी कर दिया जाएगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक 14 दिसंबर को नए मुख्यमंत्री शपथ ले सकते हैं। 
  • एंटनी ने बुधवार को विधायक दल की बैठक में कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय खेमे के विधायकों से अलग-अलग चर्चा की। हालांकि इसमें मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो पाया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री पद के लिए कमलनाथ और सिंधिया को अपनी पसंद बताया। अब राहुल ही मुख्यमंत्री पर अंतिम फैसला लेंगे।

 

छत्तीसगढ़

 

  • मुख्यमंत्री पद के दावेदार टीएस सिंह देव ने कहा कि बैठक में जो बात हुई है, मैं  उसका खुलासा नहीं कर सकता। विधायकों के अपने मत हो सकते हैं। यह उनका अधिकार है। मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। 
  • छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया भी पर्यवेक्षक खड़गे के साथ दिल्ली पहुंचे गए हैं। सूत्रों ने बताया कि दोपहर में राहुल गांधी के साथ उनकी मीटिंग है।
  • इससे पहले बुधवार को रायपुर में विधायक दल की बैठक में डॉ. चरणदास महंत ने प्रस्ताव रखा कि सीएम को लेकर फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी करें, ताम्रध्वज साहू ने महंत के प्रस्ताव का समर्थन किया। इसलिए अब छत्तीसगढ़ का सीएम कौन होगा इसकी घोषणा दिल्ली से ही होगी। इससे पहले खड़गे ने सभी विधायकों से एक-एक कर चर्चा की। राज्य में सीएम पद के दावेदार भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव हैं।

 

बघेल इसलिए मजबूत दावेदार

 

  • झीरम कांड के बाद कांग्रेस को मजबूती दिलाई। 
  • भाजपा के खिलाफ हर मोर्चे पर मुकाबला किया। 
  • लगातार 5 साल तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखा। 
  • पहली बार कांग्रेस संगठन को बूथ तक ले गए। 
  • आरोपों के बावजूद चुनाव में पूरी ताकत से प्रचार करते रहे।


सिंहदेव इसलिए प्रबल दावेदार

 

  • प्रभावी घोषणा-पत्र बनाकर नजर में आए। 
  • सदन में सरकार के खिलाफ लगातार मुखर। 
  • सरगुजा संभाग में भाजपा का सफाया किया। 
  • साफ छवि व मिलनसार व्यक्तित्व। 
  • चुनाव के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में धुआंधार दौरे किए। लेकिन भूपेश का पलड़ा भारी है। 

 

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