भोपाल/जयपुर/रायपुर. मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की और 121 विधायकों के समर्थन का दावा किया। बहुमत के लिए 116 की संख्या जरूरी है। कांग्रेस को 114, भाजपा को 109 सीटें मिली हैं। कांग्रेस को सपा-बसपा ने समर्थन दिया है। राज्यपाल से मिलने के बाद कमलनाथ शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात करने पहुंचे। शिवराज ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
इस बीच, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर हम राजस्थान में भी कांग्रेस को समर्थन देंगे। राजस्थान में कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं। रालोद के एक विधायक के समर्थन से उसके पास बहुमत के लिए जरूरी 100 सीटें हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आज सीएम पद पर फैसला कर सकती है।
तीनों राज्यों की मौजूदा स्थिति
मध्यप्रदेश | शिवराज का इस्तीफा, सपा-बसपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया |
राजस्थान | कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू |
छत्तीसगढ़ | मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस आज चुन सकती है अपना नेता |
तीनों राज्यों में कौन हैं मुख्यमंत्री बनने के दावेदार
मध्यप्रदेश | कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया |
राजस्थान | अशोक गहलोत, सचिन पायलट |
छत्तीसगढ़ | भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव |
शिवराज ने कहा- कर्तव्य पथ पर जो भी मिले, ये भी सही वो भी सही
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी। हमारे पास बहुमत नहीं है। शिवराज ने कहा- ‘"अब मैं मुक्त हूं। न हार में, न जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं, कर्तव्य पथ पर जो भी मिले, ये भी सही वो भी सही।’’
सिंधिया ने कहा- पांचों राज्यों में भी भाजपा के पास 200 सीटें नहीं
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- ‘‘जनता ने जनादेश दिया है। उनकी आशाओं और अभिलाषाओं पर खरा उतरेंगे। हमारा लक्ष्य यही था कि भाजपा की भ्रष्ट सरकार को उखाड़ कर फेंकेंगे। पार्टी आलाकमान जो निर्देश देगा, उसी के मुताबिक मुख्यमंत्री का फैसला लेंगे। शिवराज और भाजपा को अहंकार छोड़कर जमीन पर चलना चाहिए। उनका नारा था कि अबकी बार 200 पार, लेकिन पांचों राज्यों की सीटें मिलाने पर भी वह 200 पार नहीं हो पा रही है। माफ करो शिवराज, अब जनता का राज।''
"कोई भी लड़ाई आसान नहीं होती। जिन्होंने हमें वोट दिया और जिन्होंने वोट नहीं दिया, उन सबको बधाई देता हूं। हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। भाजपा के 109 विधायकों को भी बधाई देता हूं। अब लड़ाई खत्म और काम करने का वक्त शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री पद के लिए नाम तय नहीं हुआ है। अगर मुझे जिम्मेदारी दी गई तो यह मेरा सौभाग्य होगा।''
कांग्रेस ने कैसे जुटाया 121 का आंकड़ा?
कांग्रेस के पास 114 सीटें हैं। उसने सात और विधायकों का समर्थन जुटाने का दावा किया है। इनमें चार निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा (बुरहानपुर), राणा विक्रम सिंह (सुसनेर), प्रदीप जायसवाल (वारासिवनी) और केदार चिदाभाई डावर (भगवानपुरा) हैं। इन चारों ने कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीता। कांग्रेस को सपा के राजेश कुमार (बिजावर) और बसपा के संजीव सिंह (भिंड) और रामबाई गोविंद सिंह (पथरिया) का भी समर्थन मिला है।
तीनों राज्यों में कांग्रेस विधायकों की बैठक
मध्यप्रदेश-राजस्थान में कांग्रेस का समर्थन करेंगे: मायावती
मायावती ने कहा- नतीजे दिखाते हैं कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में लोग पूरी तरह भाजपा और उसकी जन विरोधी नीतियों के खिलाफ हैं। इसीलिए जनता ने विकल्प की कमी के चलते कांग्रेस को चुना। हम कांग्रेस की कई नीतियों का समर्थन नहीं करते लेकिन मध्यप्रदेश में हम उसका समर्थन करेंगे और जरूरत पड़ी तो राजस्थान में भी हम कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं।
मप्र : ग्वालियर-चंबल, मालवा-निमाड़ में नुकसान
भाजपा को ग्वालियर-चंबल और मालवा-निमाड़ में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। दोनों अंचलों में भाजपा ने 42 सीटें गंवाईं। इनमें से 41 कांग्रेस के पास गई हैं। 1 सीट अन्य के खाते में आईं। यहां एससी-एसटी और सवर्ण आंदोलन के अलावा किसान आंदोलन का भी बड़ा असर रहा। इसके अलावा एंटी इन्कम्बेंसी फैक्टर ने भी भाजपा का नुकसान किया।
कांग्रेस ने भाजपा से ग्वालियर-चंबल रीजन की 13 सीटें छीनीं
ग्वालियर-चंबल (34 सीटें) | 2013 में सीटें | 2018 में सीटें | फायदा/नुकसान |
भाजपा | 20 | 07 | -13 |
कांग्रेस | 12 | 26 | +14 |
अन्य | 02 | 01 | -1 |
भाजपा ने मालवा-निमाड़ में 29 सीटें गंवाईं
मालवा-निमाड़ (66 सीटें) | 2013 में सीटें | 2018 में सीटें | फायदा/नुकसान |
भाजपा | 56 | 27 | -29 |
कांग्रेस | 09 | 36 | +27 |
अन्य | 01 | 03 | +02 |
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