भिंड . मतदान के लिए भरे जाने वाले मॉक पोल प्रमाण-पत्र मतगणना से ठीक एक दिन पहले कलेक्टोरेट के पार्क में भरते हुए कुछ पीठासीन अधिकारियों को भिंड विधानसभा से बसपा प्रत्याशी संजीव सिंह कुशवाह, कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रमेश दुबे और वर्तमान विधायक व सपा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह कुशवाह ने पकड़ लिया।
इसके बाद प्रत्याशियों जमकर हंगामा किया। उनके समर्थकों ने कलेक्टर मुर्दाबाद के नारे लगाए। कलेक्टर धनराजू एस ने मीडिया से कहा कि जिसने यह बेवकूफी की है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हंगामा होते देख अधिकांश पीठासीन अधिकारी दाएं-बाएं होकर निकल लिए। जबकि सात पीठासीन अधिकारियों को प्रत्याशियों ने घेरकर बैठा लिया, जिन्हें प्रत्याशियों ने जमकर खरी-खोटी सुनाई।
बसपा प्रत्याशी ने छुड़ाए मॉक पोल प्रमाण-पत्र : भिंड विधानसभा क्षेत्र के पोलिंग बूथों पर नियुक्त पीठासीन अधिकारी सोमवार की दोपहर कलेक्टोरेट के पार्क में बैठकर मॉक पोल के प्रमाण पत्र भर रहे हैं। यह खबर जैसे ही बसपा प्रत्याशी संजीव सिंह कुशवाह को मिली वे अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए। उन्होंने वहां कुछ पीठासीन अधिकारियों को पकड़कर मॉक पोल के प्रमाण-पत्र छुड़ा लिए।
तभी कांग्रेस प्रत्याशी और सपा प्रत्याशी भी अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए, जिन्होंने भिंड एसडीएम एवं रिटर्निंग ऑफिसर एचबी शर्मा को भी घेर लिया। सपा प्रत्याशी नरेंद्रसिंह कुशवाह ने जमकर पीठासीन अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने पीठासीन अधिकारियों से पूछा वे यहां क्यों आए हैं और किसने बुलाया है। इस पर पीठासीन अधिकारियों ने जवाब दिया कि उन्हें सेक्टर मजिस्ट्रेट ने बुलाया है। इस पर उन्होंने गर्म होते हुए सख्त लहजे में कहा कि तुम्हें पहले ही मना किया था कि गड़बड़ी मत करना, वरना ठीक नहीं होगा। कांग्रेस प्रत्याशी रमेश दुबे ने इस मामले की शिकायत लिखित में निर्वाचन आयोग में भेजी है।
कलेक्टर से कहा- पहले से प्लानिंग थी : हंगामे के बाद कलेक्टर सभी प्रत्याशियों को लेकर अपने चैंबर में बैठे। जहां उन्होंने प्रत्याशी और उनके समर्थकों को समझाने का प्रयास किया। कांग्रेस प्रत्याशी रमेश दुबे ने कहा कि यह सब हम जानते हैं। इसी तरह के मामले में पूर्व कलेक्टर इलैया राजा टी गए थे।
आप भी वही कर रहे हो। नरेंद्र सिंह बोले कि आप पीठासीन अधिकारियों को बुला रहे हो तो हमें जानकारी होना चाहिए। प्रत्याशियों के सवालों पर कलेक्टर बोले कि इस बेवकूफी की कोई आवश्यकता नहीं थी। लेकिन जो हुआ है उसमें दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। तभी रमेश दुबे ने कहा कि हमें जो 17 सी प्रमाण-पत्र दिया गया उसमें मशीन का नंबर नहीं दिया गया। इसका मतलब पहले से प्लानिंग थी। कलेक्टर ने कहा कि आप कुछ भी आरोप लगा सकते हैंं। यह है मॉक पोल : मतदान के पूर्व एजेंटों की मौजूदगी में वोट डालकर ईवीएम की टेस्टिंग की जाती है, इसी प्रक्रिया को मॉक पोल कहते हैं।
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