Friday, 6th June 2025

राजनीति / उपेंद्र कुशवाहा का मोदी कैबिनेट से इस्तीफा, एनडीए भी छोड़ी; कहा- महागठबंधन का विकल्प खुला

Mon, Dec 10, 2018 10:27 PM

 

  • कुशवाहा ने कहा- बिहार चुनाव में रालोसपा के साथ अन्याय हुआ, मोदीजी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे
  • 2019 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर हुए गठबंधन में कम सीटें मिलने से नाराज चल रहे थे उपेंद्र
  • लोकसभा 2014 में उपेंद्र की पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ा था चुनाव, पार्टी के तीन सांसद

 

पटना. रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। कुशवाहा केंद्र में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री हैं। उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया। कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मोदीजी प्रधानमंत्री बने तो बिहार को काफी उम्मीदें थीं। लेकिन, मोदीजी दलितों-ओबीसी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। कुशवाहा ने कहा कि हम एनडीए से अलग हुए हैं। हमारे लिए कई विकल्प खुले हुए हैं। महागठबंधन और थर्ड फ्रंट पर भी विचार कर सकते हैं।

बिहार आज भी वहीं है, जहां पहले था- कुशवाहा

  1.  

    कुशवाहा ने कहा- हमने उम्मीद की थी कि मोदीजी प्रधानमंत्री बनेंगे तो जिम्मेदारी वाली सरकार बनेगी और सामाजिक न्याय के प्रति अपनी बातों को याद रखेगी। बिहार के लोगों की भी इस सरकार से विशेष उम्मीदें थीं। स्पेशल पैकेज के लिए मोदीजी ने खुद घोषणा की थी। सबको लगा था कि अच्छे दिन आएंगे। 

     

     

  2.  

    उन्होंने कहा- एनडीए का हिस्सा होने के कारण मैं भी मंत्री परिषद का सदस्य बना। जो उम्मीद थी मेरी और बिहार के लोगों की, उन उम्मीदों की कसौटी पर मोदीजी प्रधानमंत्री के तौर पर खरे नहीं उतरे। स्पेशल पैकेज अभी तक नहीं मिला। बिहार आज भी वहीं खड़ा है,जहां पहले था। शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चौपट है।

     

  3.  

    उन्होंने कहा- जातीय जनगणना प्रकाशित होगी, यह हमारी मांग थी। जब एनडीए की सरकार आई तो कहा गया कि जातीय जनगणना का काम पूरी तरह से नहीं हुआ है, इसमें गड़बड़ियां हुई हैं। हमने कहा कि इसे सुधार कर रिपोर्ट प्रकाशित की जाए। हजारों करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी ओबीसी वर्ग के हाथ निराशा ही लगी है। जनगणना होती तो विकास के लिए योजनाएं तय की जातीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

     

  4. नीतीश का एजेंडा मुझे बर्बाद करने का- कुशवाहा

     

    2019 चुनाव के मद्देनजर जदयू के एनडीए में शामिल होने के बाद सीट शेयरिंग पर कुशवाहा सहमत नहीं थे। कुशवाहा के मुताबिक, गठबंधन में उन्हें कम सीटें मिल रही थीं। ऐसे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करने की कोशिश भी की थी, हालांकि उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया।

     

  5.  

    कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा- भाजपा के साथ उनकी सीटों को लेकर बात नहीं बनी। बिहार सरकार फेल हो गई। नीतीशजी का एजेंडा मुझे और मेरी पार्टी को बर्बाद करने का है। यह सब भाजपा ने शुरू किया। बिहार के चुनाव में सभी सहयोगी पार्टियों की सीटें बढ़ीं, लेकिन रालोसपा के साथ अन्याय किया गया। 

     

  6.  

    लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे पर कुशवाहा झुकने को तैयार नहीं हैं। कुशवाहा का कहना था कि रालोसपा ने 2014 में 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें 3 सीटों पर जीत हुई थी। इस बार हम 3 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। एक इंटरव्यू में तो कुशवाहा में यहां तक कह दिया था कि नीतीश को मुख्यमंत्री का पद छोड़ देना चाहिए।

     

  7. इन जिलों में कुशवाहा वोट का असर

     

    उपेंद्र कुशवाहा रोहसात जिले के काराकाट लोकसभा सीट से सांसद हैं। रोहसात के साथ समस्तीपुर, वैशाली, औरंगाबाद, भभुआ, अरवल और कैमूर में कुशवाहा वोटर्स का असर है।

     

  8. 2014 लोकसभा चुनाव परिणाम

     

    • भाजपा - 22
    • लोजपा - 06
    • रालोसपा - 03
    • जदयू - 02
    • कांग्रेस - 02
    • राजद - 04
    • एनसीपी - 01

     

  9. 2015 बिहार विधानसभा परिणाम

     

    • जदयू - 71
    • राजद - 80
    • कांग्रेस - 27
    • भाजपा - 53
    • लोजपा - 02
    • रालोसपा - 02
    • हम - 01

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