Saturday, 24th May 2025

हॉकी वर्ल्ड कप / पूल के आखिरी मैच में कनाडा से भिड़ेगा भारत, क्वार्टर फाइनल में पहुंचने पर नजर

Sat, Dec 8, 2018 9:43 PM

 

  • पूल सी के एक अन्य मैच में दक्षिण अफ्रीका और बेल्जियम होंगे आमने-सामने
  • भारतीय टीम अगर कनाडा को हरा देती है तो वह क्वार्टर फाइनल में पहुंच सकती है

Dainik Bhaskar

Dec 08, 2018, 06:03 AM IST

भुवनेश्वर (ओडिशा). भारत हॉकी विश्व कप में शनिवार को यहां कलिंगा स्टेडियम में पूल के अपने आखिरी मुकाबले में कनाडा के खिलाफ उतरेगा। उसने पहले दो में से एक में जीत हासिल की है, जबकि एक ड्रॉ खेला है। ऐसे में उसकी नजर कनाडा को हराकर सीधे क्वार्टर फाइनल में पहुंचने पर होगी। विश्व कप फॉर्मेट के मुताबिक, पूल में शीर्ष पर रहने वाली टीम सीधे क्वार्टर फाइनल में पहुंचेगी। वहीं, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीमें क्रॉस ओवर मैच खेलेंगी। क्रॉसओवर मैच जीतने वाली टीम पहले से क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी दूसरे पूल की टीम से भिड़ेगी।

 

कनाडा के खिलाफ भारत का सक्सेस रेट 68%

भारत और कनाडा के बीच अब तक 38 मुकाबले हुए हैं। इसमें से भारत ने 26 जीते, आठ हारे और चार ड्रॉ खेले हैं। भारतीय टीम को कनाडा के खिलाफ आखिरी हार पिछले साल जून में वर्ल्ड कप क्वालिफायर में मिली थी। तब, कनाडा ने भारत को 3-2 से हराया था। वैसे, वर्ल्ड कप में भारत और कनाडा के चार मुकाबले हुए हैं। दोनों दो-दो बार जीती हैं। भारत ने 1986 और 1990 वर्ल्ड कप में कनाडा को हराया था। कनाडा को 1978 और 1998 में जीत मिली। 

 

कनाडा की टीम में तीन भारतवंशी

दोनों टीमें के बीच ओवरऑल मैच की बात करें तो भारत ने कनाडा को तीन बार चार गोल के अंतर से हराया है। उसकी कनाडा पर सबसे बड़ी जीत 7-3 की रही है। यह पर्थ में 1979 में मिली थी। कनाडा की भारत पर सबसे बड़ी जीत 1998 वर्ल्ड कप में 4-1 से रही है। कनाडा की मौजूदा टीम के तीन खिलाड़ियों के वंशज भारतीय हैं। मिडफील्डर बलराज पनेसर और सुखी पनेसर दोनों भाई हैं, जबकि कीगन परेरा मुंबई में जन्में थे। 

 

अर्जेंटीना-ऑस्ट्रेलिया पहले ही क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुके हैं

इस विश्व कप में पूल ए से ओलिंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना और पूल बी से दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया क्वार्टर फाइनल में जगह बना चुके हैं। पूल सी और पूल डी की शीर्ष टीमों का फैसला होना बाकी है। पूल सी में भारत दो मैच में चार अंक लेकर शीर्ष पर है। दुनिया की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम के भी दो मैच में चार अंक हैं, लेकिन वह गोल औसत में पिछड़कर दूसरे स्थान पर है।

 

पूल में टॉप पर पहुंचने के लिए जीत जरूरी

पूल में शीर्ष स्थान हासिल करने के लिए भारत और बेल्जियम दोनों को ही जीतना जरूरी है। हालांकि, बेल्जियम को भारत के मुकाबले बड़ी जीत हासिल करने की जरूरत होगी। दोनों टीमों के एक बराबर अंक होने पर गोल औसत के आधार पर पूल की रैंकिंग तय होगी। भारत ने दो मैच में सात गोल किए और दो गोल खाए हैं। बेल्जियम ने चार गोल किए और तीन गोल खाए हैं। भारत का गोल औसत +5 और बेल्जियम का +1 है। ऐसे में बड़ी जीत के बिना बेल्जियम का काम नहीं चलेगा। 

 

बेल्जियम-दक्षिण अफ्रीका मैच के नतीजे से तय होगी भारत की रणनीति

शनिवार को इस पूल में पहला मुकाबला बेल्जियम और दक्षिण अफ्रीका का होगा। इसके बाद भारत और कनाडा की टीमें भिड़ेंगी। बेल्जियम-दक्षिण अफ्रीका के मैच के  नतीजे से भारत के सामने स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि उसे अपने मुकाबले में क्या करना है? अगर बेल्जियम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार गोल से जीत हासिल की, तो कनाडा को एक गोल से हराते ही भारत क्वार्टर फाइनल में पहुंच जाएगा। हालांकि, अगर बेल्जियम पांच, छह, सात, आठ या नौ गोल से जीता तो भारत को कनाडा के खिलाफ क्रमश: दो, तीन, चार, पांच या छह गोल से हराना होगा।

 

दक्षिण अफ्रीका-कनाडा के लिए करो या मरो का मुकाबला

बेल्जियम का प्रतिद्वंद्वी दक्षिण अफ्रीका विश्व रैंकिंग में 15वें स्थान पर है। दक्षिण अफ्रीका और कनाडा दोनों टीमों का लक्ष्य कम से कम तीसरे स्थान पर आना होगा, ताकि वे क्रॉसओवर मैच खेलने की स्थिति में आ सकें। कनाडा और दक्षिण अफ्रीका दोनों के 2-2 मैच में 1-1 अंक हैं। उनके लिए यह करो या मरो के मुकाबले होंगे। ऐसी स्थिति में  दोनों ही टीमें अपना सबकुछ झोंकना चाहेंगी।

 

पिछले मैच जैसी गलती भारत को भारी पड़ेगी

भारत ने अपना पिछला मुकाबला बेल्जियम से 2-2 से ड्रॉ खेला था। भारत के पास 56वें मिनट तक 2-1 की बढ़त थी, लेकिन आखिरी मिनटों की कमजोरी से जीत भारत  के हाथों से निकल गई। भारत को कनाडा के खिलाफ जीत का तगड़ा दावेदार माना जा रहा है, लेकिन फ्रांस के उलटफेर के बाद जूनियर विश्व कप विजेता हरेंद्र सिंह की सीनियर टीम को सतर्क रहना होगा और अपना शत प्रतिशत खेल दिखाना होगा।

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