Friday, 6th June 2025

बुलंदशहर हिंसा / एसआईटी की रिपोर्ट के बाद एसएसपी समेत तीन पुलिस अधिकारी हटाए गए

Sat, Dec 8, 2018 9:03 PM

बुलंदशहर. बुलंदशहर हिंसा मामले में जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट के बाद शनिवार को एसएसपी, स्याना सीओ और चिंगरावठी चौकी प्रभारी को हटा दिया गया है। हालांकि आरोपी सैनिक जितेंद्र मलिक को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।आर्मी चीफ ने मामले में कहा कि अगर जितेंद्र के खिलाफ सबूत मिलते हैं और पुलिस उसे आरोपी स्वीकार करती है तो जितेंद्र को उनके हवाले कर दिया जाएगा। हम पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे। 3 दिसंबर को स्याना इलाके के चिंगरावठी गांव में कथित गोकशी के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध और गांव के युवक सुमित की मौत हुई थी।

 

इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारने के आरोपी सैनिक जितेंद्र मलिक (जीतू फौजी) की गिरफ्तारी को यूपी एसटीएफ ने भी खारिज किया है। डीजीपी के प्रवक्ता आरके गौतम ने बताया कि एक वीडियो वायरल हो रहा है और इसमें जितेंद्र नाम का जवान कट्टे के साथ दिखाई दे रहा है। शक है कि यह घटनास्थल पर मौजूद था। जीतू वारदात के बाद अपनी यूनिट के लिए जम्मू रवाना हो गया। यूपी की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने सेना के अधिकारियों से बातचीत के बाद उसे (जीतू) गिरफ्तार करने के लिए टीम जम्मू रवाना की थी। उधर, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या को महज हादसा करार दिया। उन्होंने दावा किया कि यूपी में मॉब लिंचिंग जैसी कोई घटना नहीं हुई। 

गोकशी के शक में भड़की थी हिंसा
बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी के शक में हिंसा फैली थी। आरोप है कि इसकी अगुआई बजरंग दल के नेता योगेश राज ने की थी। पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर योगेश की शिकायत पर गोकशी की है। इसमें सात लोगों के नाम हैं। वहीं, दूसरी एफआईआर हिंसा और इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में दर्ज की गई है। इसमें 27 के नाम हैं, 60 से ज्यादा अज्ञात हैं। अब तक इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

 

उप्र में मॉब लिंचिंग की कोई घटना नहीं हुई। बुलंदशहर की घटना एक हादसा है और कानून अपना काम कर रहा है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। यूपी में गोहत्या प्रतिबंधित है।’  -सीएम योगी (मीडिया हाउस के कार्यक्रम में)

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