देश के फार्मा सेक्टर में पहली बार दो भाइयों के बीच हाथापाई
नई दिल्ली. फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर भाइयों मलविंदर मोहन सिंह (45) और शिविंदर मोहन सिंह (43) के बीच झगड़ा तेज हो गया है। बड़े भाई मलविंदर ने आरोप लगाया है कि शिविंदर ने बुधवार को उन पर हमला किया। उधर, शिविंदर ने उल्टा आरोप लगाते हुए कहा कि मलविंदर ने उनसे मारपीट की।
मलविंदर ने वॉट्सऐप पर तस्वीर और वीडियो पोस्ट कर कहा कि 5 दिसंबर की शाम करीब 6 बजे दिल्ली के 55, हनुमान रोड पर शिविंदर ने उनसे मारपीट की। मलविंदर का कहना है कि शिविंदर ने उन्हें चोट पहुंचाई और धमकी भी दी। जब तक टीम ने आकर अलग नहीं किया शिविंदर उनसे झगड़ते रहे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलविंदर का कहना है कि शिविंदर प्रियस रियल एस्टेट कंपनी की बोर्ड मीटिंग में दखल देने की कोशिश कर रहे थे। प्रियस ने गुरिंदर सिंह ढिल्लन की कंपनियों और उनके परिवार को 2,000 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। ढिल्लन राधा स्वामी सत्संग ब्यास के आध्यात्मिक गुरु हैं और मलविंदर-शिविंदर का परिवार उनका अनुयायी है।
मलविंदर का कहना है कि ढिल्लन ग्रुप से पैसे की रिकवरी के लिए कंपनी की बोर्ड मीटिंग बुलाई गई थी। लेकिन, शिवंदर ने ऑफिस पहुंचकर मीटिंग में बाधा पहुंचाई, जबकि वो प्रियस के बोर्ड मेंबर भी नहीं हैं। मलविंदर का कहना है कि सूचना मिलने पर वे ऑफिस पहुंचे जहां शिविंदर ने उन पर हमला कर दिया।
शिविंदर का कहना है कि मलविंदर के आरोप झूठे और बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि मलविंदर ने ही उन पर हमला किया था। उन्होंने पुलिस से भी कंप्लेन की थी। लेकिन, मां और परिवार के दूसरे सदस्यों के कहने पर शिकायत वापस ले ली।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलविंदर का कहना है कि वे इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल गए थे। वहां उन्हें हाथ और घुटने में आंतरिक चोट का पता चला। मलविंदर ने भी यही कहा कि परिवार की अपील पर उन्होंने शिविंदर के खिलाफ शिकायत नहीं की।
शिविंदर ने सितंबर में बड़े भाई मलविंदर पर फोर्टिस को डुबोने का आरोप लगाते हुए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में याचिका दायर की थी। हालांकि, बाद में वापस ले ली। शिविंदर का कहना था कि मां और परिवार के अन्य सदस्यों ने मिल बैठकर विवाद सुलझाने की सलाह दी। जिसके बाद शिविंदर ने याचिका वापस लेने का फैसला किया।
शिविंदर और मलविंदर सिंह ने 1996 में फोर्टिस हेल्थकेयर की शुरुआत की थी। फिलहाल 10,000 बेड की क्षमता और 314 डायग्नोस्टिक सेंटर्स के साथ फोर्टिस 45 शहरों में अपनी सुविधाएं दे रहा है। दुबई, मॉरिशस और श्रीलंका में भी इसका नेटवर्क है।
साल 2016 में दोनों भाइयों ने फोर्ब्स की 100 सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में 92वें नंबर पर जगह बनाई थी। उस वक्त दोनों की संपत्ति 8,864 करोड़ रुपए थी। इस साल की शुरुआत में शिविंदर और मलविंदर सिंह पर आरोप लगा कि उन्होंने कंपनी बोर्ड के अप्रूवल के बिना 500 करोड़ रुपए निकाल लिए। फरवरी 2018 तक मलविंदर फोर्टिस के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और शिविंदर नॉन-एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन थे।
नवंबर में मलेशिया की कंपनी आईएचएच हेल्थकेयर ने 4,000 करोड़ रुपए में फोर्टिस में 31.1% हिस्सेदारी खरीद ली थी। फोर्टिस में 26% अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के लिए भी सेबी से मंजूरी मिल चुकी है। ओपन ऑफर के जरिए 3,350 करोड़ रुपए में यह हिस्सेदारी खरीदी जाएगी। वित्तीय संकट से जूझ रही फोर्टिस को लंबे समय से निवेशक की तलाश थी।
Comment Now