Friday, 6th June 2025

आम्रपाली मामला / सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ये आला दर्जे का झूठा ग्रुप, इसके सारे होटल-मॉल-फैक्ट्री नीलाम करो

Thu, Dec 6, 2018 7:37 PM

 

  • कोर्ट ने निदेशकों को एक मौका दिया, कहा- खरीदारों का पैसा अगर आपके पास है तो 10 तारीख तक लौटा दें
  • बेंच ने कहा- 24 घंटे में व्यापारिक लेन-देन के मौलिक दस्तावेज ऑडिटर को उपलब्ध कराएं

 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देशों का पालन ना करने पर बुधवार को आम्रपाली ग्रुप को आला दर्जे का झूठा कहा। अदालत ने दिल्ली के ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) को निर्देश दिए कि देशभर में ग्रुप के फाइव स्टार होटल, सिनेमा हॉल, मॉल, फैक्ट्रियों और दफ्तरों को जब्त कर उन्हें नीलाम किया जाए। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने ग्रुप से कहा- आप साफ झूठ बोलने वाले और दुनिया के सबसे बदतर किरदार हैं। 

 

आम्रपाली ग्रुप पर 42 हजार खरीदारों को वक्त पर घर का पजेशन न दे पाने का आरोप है। खरीदारों ने घर मिलने में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

कॉरपोरेट ऑफिस भी नीलाम करने का आदेश

  1.  

    बेंच ने डीआरटी से कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा स्थित ग्रुप के चार शानदार कॉरपोरेट ऑफिसों को भी जब्त कर नीलाम किया जाए।

     

  2.  

    कोर्ट ने ग्रुप के निदेशकों और उनके परिवारवालों को एक मौका देते हुए कहा कि अगर आपके पास खरीदारों का पैसा है, तो उसे 10 दिसंबर तक लौटा दें। यह भी बताएं कि खरीदारों के 3 हजार करोड़ रुपए दूसरे मकसद के लिए डायवर्ट क्यों किए गए? 

     

  3.  

    बेंच ने ग्रुप के सीएमडी अनिल शर्मा और निदेशक, मुख्य वित्तीय अधिकारी और ऑडिटर अनिल मित्तल को नोटिस जारी किया। बेंच ने पूछा- आपके खिलाफ विश्वास तोड़ने के लिए आपराधिक मामला दर्ज क्यों नहीं किया जाना चाहिए?

     

  4.  

    आम्रपाली ग्रुप ने अदालत को बताया कि हम पैसा जुटाने के लिए नर्सरी स्कूल और नर्सिंग होम को बेचना चाहते हैं। 

     

  5.  

    अदालत ने ग्रुप से कहा- आप दुनिया के सबसे बदतर किरदार हैं। आप शुरू से ही खरीदारों के साथ धोखा करते रहे और अब आप उनके लिए बनाई गई चीजों को बेचना चाहते हैं। आपने खरीदारों के लिए जिन सुविधाओं का निर्माण किया वो कोई समाजसेवा नहीं थी।

     

  6.  

    बेंच ने कहा- हम आपको 24 घंटे देते हैं। आप कंपनी के व्यापारिक लेनदेन के मौलिक दस्तावेज हमारी ओर से नियुक्त किए गए फॉरेंसिक ऑडिटर को उपलब्ध कराएं। 

     

  7.  

    फॉरेंसिक ऑडिटर को 2015-18 के बीच का व्यापारिक लेन-देन का ब्योरा ना दिए जाने पर बेंच ने ग्रुप से कहा- आप पक्के झूठे हैं। आप आला दर्जे के झूठे हैं। हमारे कहने के बावजूद आपने विस्तृत ब्योरा नहीं दिया। हम आपके हलफनामे से संतुष्ट नहीं हैं। आप खाली चीजों में हेरफेर करना चाहते थे। 

     

  8.  

    आम्रपाली ग्रुप के हलफनामे में बताया गया कि हमने खरीदारों के 1100 करोड़ रुपए अपनी सहयोगी कंपनी के शेयर खरीदने में निवेश किए। सीएमडी शर्मा ने यह भी कहा कि 2996 करोड़ रुपए ग्रुप की दूसरी कंपनियों में लगाए गए। 

     

  9.  

    इस पर बेंच ने कहा- आप ऐसा कैसे कर सकते हैं। ये प्रमोटरों का पैसा नहीं था। अगर उन्होंने कंपनी में पैसा लगाया होता तो बात समझ में आती। लेकिन, घर खरीदारों का पैसा शेयर खरीदने में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। 

     

  10.  

    जब बताया गया कि इस मामले में बेनामी खरीदारों की भी आशंका है, क्योंकि उन्होंने मामूली रकम देकर घर बुक कराए। इस पर बेंच कहा- फॉरेंसिक ऑडिटर इस मामले की जांच करें। फ्लैट के मालिक को नोटिस भेजा जाए और अगर कोई जवाब ना मिले तो इस संपत्ति को नीलाम किया जाना चाहिए। 

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