Friday, 6th June 2025

अगस्ता वेस्टलैंड / यूएई से भारत लाया गया बिचौलिया मिशेल, आज किया जाएगा कोर्ट में पेश

Wed, Dec 5, 2018 10:44 PM

  • 3600 करोड़ रुपए की वीआईपी हेलिकॉप्टर डील में आरोपी है क्रिश्चियन मिशेल
  • यूपीए-2 सरकार में हुई थी 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने की डील
  • दुबई. 3600 करोड़ रुपए के अगस्ता-वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले मेें बिचौलिये ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल (57) को मंगलवार रात को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत लाया गया। सीबीआई, रॉ और विदेश मंत्रालय के अफसर दुबई से उसे गल्फ स्ट्रीम के जेट विमान से लाए। दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर 10:35 बजे पहुंचते ही सीबीआई ने उसे हिरासत में ले लिया। इमिग्रेशन प्रक्रिया के बाद उसे सीबीआई मुख्यालय ले जाया गया। वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में मिशेल पर 225 करोड़ रुपए की दलाली लेने का आरोप है।

     

    इस मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी भी आरोपी हैं। सीबीआई ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के दिशा-निर्देश में चलाए गए ऑपरेशन से क्रिश्चियन मिशेल को देश लाने में यह कामयाबी मिली। सीबीआई ने एक बयान में यह बात कही है। सीबीआई अधिकारियों ने कार्यकारी निदेशक एम. नागेश्वर राव के समन्वय से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर ए साई मनोहर प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को अंजाम देने दुबई गए थे।

    भाजपा ने इस वीवीआईपी चॉपर केस को कूटनीतिक जीत बताया है। साथ ही कहा कि मामले से कांग्रेस को मुसीबत हो सकती है।

    ऑपरेशन का नाम था यूनीकॉर्न

    सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल के मुताबिक- इस ऑपरेशन को यूनीकॉर्न नाम दिया गया था। यूएई से मिशेल को भारत वापस लाने के लिए सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर साईं मनोहर की अगुआई में वहां टीम गई थी। मिशेल पर आरोप था कि उसने बिचौलिए की भूमिका निभाते हुए भारतीय अफसरों को गलत तरीक से पैसा दिया था। पिछले साल सितंबर में मिशेल के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। 24 सितंबर 2015 को उसके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया गया था। फरवरी 2017 में उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। 

     

    मिशेल को दुबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह यूएई की जेल में ही था। दुबई कोर्ट ने मिशेल के वकीलों की तरफ से दायर दो आपत्तियों को खारिज कर दिया था। साथ ही उसे भारतीय अफसरों को सौंपे जाने का फैसला सुरक्षित रख लिया था।

     

    आपराधिक साजिश का आरोप

    मिशेल पर आपराधिक साजिश का आरोप लगा था, जिसमें पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी, उनके परिवार के सदस्यों और अफसरों को भी शामिल किया गया था। यह भी कहा गया कि अधिकारियों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करके वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की सर्विस सीलिंग 6 हजार मीटर से 4500 मीटर तक कम करा ली थी। 

     

    सीलिंग कम होने के बाद 556.262 मिलियन यूरो (करीब 44 लाख करोड़ रुपए) के हेलिकॉप्टर कॉन्ट्रैक्ट पर सहमति बनी थी। इसके लिए रक्षा मंत्रालय (यूपीए 2) ने 8 फरवरी 2010 को 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों के लिए पैसे दिए थे।  

     

    रक्षा सौदों में बिचौलिए की भूमिका निभाता था मिशेल

     

    मिशेल कंपनी में 1980 से काम कर रहा था। उसके पिता भी कंपनी में भारतीय क्षेत्र के मामलों के लिए सलाहकार रहे थे। सीबीआई का कहना है कि मिशेल काफी भारत आता-जाता था और रक्षा सौदों में वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाता था। मिशेल को वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के अफसरों से सूचनाएं मिलती थीं। प्राप्त जानकारियों को वह इटली और स्विट्जरलैंड फैक्स के जरिए भेजता था। इस मामले में चीफ एसपी त्यागी को 2016 में गिरफ्तार किया गया था। त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने डील को इस तरह प्रभावित किया कि कॉन्ट्रैक्ट इटली की अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को ही मिले।

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