जांजगीर-चांपा. जिले के जैजैपुर विसक्षेत्र में एक निर्दलीय प्रत्याशी ऐसे चुनाव चिह्न से चुनाव लड़ गया जिसे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ के नेता अजीत जोगी ने अपने उम्मीदवारों के लिए चुनाव आयोग से अधिकृत कराया था। नामांकन की अवधि खत्म होने पर इस ओर बसपा के प्रत्याशी का ध्यान गया, लेकिन तब तक कोई सुधार की गुंजाइश नहीं थी। बसपा और जोगी कांग्रेस ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है।
विधानसभा चुनाव के लिए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता अजीत जोगी ने खेत में हल जोतता किसान चिह्न को अपने लिए चुनाव आयोग से निर्धारित कराया था। यह चिह्न 16 जुलाई 2018 को यानि चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने से लगभग 3 माह पहले ही उन्हें चिह्न आवंटित हो गया था। यह सिंबॉल उन्होंने सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों के लिए लिया था।
हालांकि बहुजन समाज पार्टी और सीपीआई से समझौता होने से उनकी पार्टी 63 विधान सभा क्षेत्रों में लड़ी। 2 पर सीपीआई और 35 पर बहुजन समाज पार्टी के सिंबॉल पर उनके उम्मीदवार खड़े थे। जांजगीर-चांपा जिला की सभी छह सीटें समझौता के तहत बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई थी इसलिए यहां उनका कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं था।
जैजैपुर विधान सभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार रेशम लाल खूंटे को वही चुनाव चिन्ह दे दिया गया जो जोगी की पार्टी ने अपने लिए सुरक्षित रखा था। हालांकि इस चुनाव चिन्ह से रेशम लाल खूंटे काे कितना फायदा हुआ यह तो रिजल्ट बताएगा।
चुनाव चिन्ह का आबंटन पंजीकृत राजनीतिक दलों के बी फॉर्म के अाधार पर होता है। जैजैपुर विस क्षेत्र में वह चुनाव चिन्ह आबंटित हो गया और पहले इसकी जानकारी न तो जोगी कांग्रेस के नेताओं को हुई और न ही गठबंधन के उम्मीदवार केशव चंद्रा को हो पाई। बाद में चंद्रा को भी जानकारी हाेती तो वह भी आपत्ति कर सकते थे।
मुझे पहले जानकारी नहीं थी कि उस सिंबॉल से कोई चुनाव लड़ रहा है, इसलिए मैंने ध्यान नहीं दिया। वैसे उसे उसका कोई फायदा नहीं मिलेगा।
केशव चंद्रा, गठबंधन उम्मीदवार, जैजैपुर
हमें हमारी पार्टी के लिए रिजर्व सिंबॉल से किसी के चुनाव लड़ने की जानकारी नहीं थी। वैसे अब कानून के जानकारों से सलाह ले रहे हैं।
इब्राहिम मेमन, जिलाध्यक्ष जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़
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