इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि जंग कश्मीर मसले का हल नहीं है। यह मसला सिर्फ बातचीत से हल हो सकता है। उन्होंने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व विदेश मंत्री नटवर लाल ने उनसे कहा था कि 2004 के लोकसभा चुनाव में अगर भाजपा न हारती तो कश्मीर मसला हल हो जाता।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इमरान ने मीडिया से बातचीत में कहा- जब तक दोनों देशों के बीच बातचीत नहीं होती, कश्मीर के विकल्पों पर चर्चा नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि कश्मीर मसले पर दो या तीन समाधान हैं, जिस पर चर्चा होनी है। पाक पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते बनाने के प्रति गंभीर है। भारत अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के चलते पाकिस्तान से बातचीत के लिए तैयार नहीं है।
करतारपुर कॉरिडोर खोलना स्पष्ट और सच्चा फैसला
पाक प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘करतारपुर कॉरिडोर खोलना एक सच्चा प्रयास है, यह कोई गुगली नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कोई दोहरा रवैया नहीं है, यह स्पष्ट फैसला है। इस्लामाबाद सच्ची नीयत से नई दिल्ली के साथ शांतिपूर्ण संबंध स्थापित करना चाहता है।’’ पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में भारत द्वारा दो केंद्रीय मंत्री भेजे जाने पर कहा था कि इमरान की गुगली में भारत फंस गया। इमरान ने गुगली फेंकी और भारत को करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास में शामिल होना पड़ा।
सरकार के 100 दिन पूरे होने पर इमरान ने 28 नवंबर को पाक की तरफ वाले करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास किया था। इसमें भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर, हरदीप सिंह पुरी और पंजाब के मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हुए थे।
सुषमा ने कहा था- आपके बयान से सब उजागर हुआ
कुरैशी के इस बयान पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को ट्वीट किया था, ‘‘पाकिस्तान के विदेश मंत्री महोदय- आपके गुगली वाले बयान से आश्चर्यजनक रूप से सब उजागर हो गया। यह दिखाता है कि पाक सिखों की भावनाओं की कद्र नहीं करता। आप केवल गुगली फेंकते हैं। मैं आपको बताना चाहती हूं कि भारत आपकी गुगली में नहीं फंसा? हमारे दो सिख मंत्री करतारपुर गुरुद्वारे में अरदास करने गए थे।’’
फटकार के बाद कुरैशी ने दी थी सफाई
भारत से फटकार के बाद कुरैशी ने सफाई दी थी। कुरैशी ने ट्वीट किया था, ‘‘मेरे बयान को सिख भावनाओं से जोड़ना गलतफहमी पैदा करने और गुमराह करने की कोशिश है। मैंने जो कुछ भी कहा, वह भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत को लेकर था। हम सिख भावनाओं का सम्मान करते हैं, कितना भी विवाद हो इसे नहीं बदला जा सकता। सिख समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखकर करतारपुर कॉरिडोर खोलने का फैसला किया गया।’’
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