Wednesday, 4th June 2025

बुलंदशहर / इंस्पेक्टर की हत्या का मुख्य आरोपी बजरंग दल नेता गिरफ्तार, इसी ने गोकशी का केस दर्ज कराया था

Tue, Dec 4, 2018 7:10 PM

 

  • गोकशी के शक में शहर में हिंसा भड़की, इसी दौरान इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी
  • 2 एफआईआर दर्ज; 27 नामजद, 60 अज्ञात लोगों के नाम, चार गिरफ्तार

 

बुलंदशहर.  गोकशी के शक में भड़की हिंसा के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के आरोप में पुलिस ने मंगलवार को मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी योगेश राज बजरंग दल का नेता है। इसी ने सोमवार को गोकशी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।


चिंगरावठी इलाके में सोमवार को गोकशी के शक में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान जब पुलिस दंगाइयों को रोकने पहुंची तो भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस दौरान इंस्पेक्टर सुबोध की गोली लगने से मौत हो गई थी। गोली लगने के बाद भी भीड़ इंस्पेक्टर को पीटती रही। हिंसा में एक युवक भी मारा गया। 

 

दो एफआईआर दर्ज, 27 नामजद

पुलिस ने मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर स्लॉटर हाउस पर और दूसरी हिंसा को लेकर दर्ज हुई है। एफआईआर में 27 नामजद और 60 अज्ञात आरोपी हैं। इनमें बजरंग दल का नेता योगेश राज, भाजपा युवा अध्यक्ष शिखर अग्रवाल, विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव भी नामजद है।

 

बेटे ने कहा- हिंदू-मुस्लिम विवाद में मेरे पिता की जान गई

इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के बेटे अभिषेक ने कहा कि पिता ने मुझे हमेशा अच्छा इंसान बनने की सलाह दी। उन्होंने मुझे हमेशा धर्म के नाम पर होने वाली हिंसा से दूर रहने को कहा। लेकिन आज हिंदू-मुस्लिम विवाद में मेरे पिता की जान गई, कल किसी और के पिता को मार दिया जाएगा।

500 लोगों ने किया हमला

हिंसा के दौरान मौके पर मौजूद उप निरीक्षक सुरेश कुमार ने दावा किया कि लगभग 300 से 500 लोगों ने पूरे पुलिस बल पर हमला किया था। बुलंदशहर के डीएम अनुज झा ने बताया कि इंस्पेक्टर सुबोध की मौत गोली लगने से हुई।


योगी ने मदद का किया ऐलान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिवंगत इंस्पेक्टर की पत्नी को 40 लाख रुपए और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। उन्होंने आश्रित परिवार को पेंशन और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी आश्वासन दिया।  


अखलाक केस की जांच में शामिल थे इंस्पेक्टर सुबोध

सुबोध ग्रेटर नोएडा में हुए अखलाक हत्याकांड की जांच में शामिल थे। वे 28 सितंबर 2015 से 9 नवंबर 2015 तक इस मामले में जांच अधिकारी थे। 28 सितंबर 2015 को ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में कुछ युवकों ने अखलाक की हत्या कर दी थी। हमलावरों को शक था कि अखलाक के घर में गोमांस रखा गया था।

 

अखिलेश ने कहा- प्रदेश में अराजकता

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- बुलंदशहर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच संघर्ष में इंस्पेक्टर की मौत का समाचार बेहद दुखद है। उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि। भाजपा के शासन में प्रदेश अराजकता के दौर से गुजर रहा है। वहीं, आजम खान ने कहा- अगर वहां मवेशियों के शव मिले हैं, तो पुलिस को मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। क्योंकि जिस क्षेत्र में यह हिंसा हुई वहां, मुस्लिम आबादी नहीं है।

 

तेलंगाना में जहर उगल रहे योगी- सिब्बल

कपिल सिब्बल ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि जिस तरह से भीड़ ने अखलाक मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसर को मार दिया। इन लोगों को कानून हाथ में लेने का अधिकार किसने दिया? राज्य की स्थिति पर ध्यान देने की बजाय योगी तेलंगाना में जहर उगल रहे हैं।


एसआईटीम गठित, हिंसा की वजहों को तलाशा जाएगा

एडीजी (मेरठ जोन) प्रशांत कुमार ने कहा- गोकशी मामले में सात लोगों सुदैफ चौधरी, इलयास, शराफत, अनस, साजिद, परवेज और सरफुद्दीन के खिलाफ गोवध अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है। 2 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है। जांच के एंगल में यह भी देखा जाएगा कि हिंसा क्यों हुई और क्यों पुलिसकर्मियों ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़ दिया।

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