Saturday, 24th May 2025

दावा / भारत के सैन्य बेस बनाने की खबरें झूठी, 700 करोड़ रु. मदद जैसा कोई प्रस्ताव नहीं: मालदीव

Fri, Nov 30, 2018 11:15 PM

 

  • जापान के अखबार निक्केई एशियन रिव्यू का दावा- मालदीव में ज्यादा सैनिक रखना चाहता है भारत 
  • मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा- सरकार को अपमानित करने के लिए किए जाते हैं आधारहीन दावे

 

माले. मालदीव सरकार ने भारत द्वारा सैन्य बेस बनाए जाने की रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है। इनमें कहा गया था कि भारत ने मालदीव में सैन्य बेस स्थापित करने के लिए उसे 1 अरब डॉलर (करीब 700 करोड़ रुपए) की मदद की पेशकश की है। मालदीव के विदेश मंंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि वे कभी देश को किसी विदेशी मिलिट्री बेस के तौर पर इस्तेमाल नहीं होने देंगे। दरअसल, कुछ दिनों पहले ही जापान के एक अखबार ने रिपोर्ट में कहा था कि भारत मालदीव में अपनी सुरक्षा बढ़ाना चाहता है। इसलिए उसने मालदीव के सामने मदद का प्रस्ताव रखा है।

शाहिद ने ट्विटर पर मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा- “इस तरह के आधारहीन दावे सिर्फ सरकार को अपमानित करने के लिए किए जाते हैं। क्योंकि सरकार लगातार अपने पड़ोसियों और बाकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रिश्ते बढ़ाने में लगी है। हम अपने लोगों को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि सरकार सिर्फ देशहित में ही काम करेगी और देश की स्वायत्तता और आजादी से छेड़छाड़ करने वाले किसी अंतरराष्ट्रीय मुद्दे से नहीं जुड़ेगी। 

 

भारत दौरे पर आ चुके हैं शाहिद
अब्दुल्ला शाहिद हाल ही में नई दिल्ली के दौरे पर आए थे। यहां उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात भी की थी। शाहिद ने इस मुलाकात के बाद भारत को अपना सबसे सच्चा साझेदार बताया था। साथ ही दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय रिश्तों पर भी जोर दिया था। 

 

मालदीव में चीन समर्थक सरकार की हार के बाद विदेश मंत्री बने शाहिद
मालदीव में दो महीने पहले हुए चुनाव में चीन समर्थक मोहम्मद यामीन सरकार की हार हुई थी। नए राष्ट्रपति बने मोहम्मद सोलिह भारत के साथ मजबूत संबंध के हिमायती रहे हैं। इसी के चलते प्रधानमंत्री मोदी हाल ही में उनके शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने मालदीव गए थे। सोलिह भी ‘इंडिया फर्स्ट’ नीति के तहत 17 दिसंबर को भारत आएंगे।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery