Thursday, 5th June 2025

चुनाव / मध्यप्रदेश में 5:30 बजे तक 69% मतदान; चुनाव आयोग ने कहा- 1545 खराब ईवीएम मशीनें बदली गईं

Thu, Nov 29, 2018 1:21 AM

 

  • राज्य के 18 शहरों के 200 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट में खराबी की शिकायतें
  • मुख्यमंत्री शिवराज ने पैतृक गांव जैत में और कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में वोट डाला
  • मिजोरम की 40 सीटों पर भी वोटिंग जारी, 3 बजे तक 58% मतदान

 

भोपाल.  मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 सीटों पर बुधवार को मतदान जारी है। राज्य में 5:30 बजे तक 69.08% मतदान हुआ। इस बीच भोपाल, होशंगाबाद, रीवा, ग्वालियर, जबलपुर, खंडवा समेत 18 शहरों से 200 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में खराबी की शिकायतें मिलीं। चुनाव आयोग ने बताया कि 1545 खराब ईवीएम मशीनों को बदला गया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव को खुद इस समस्या का सामना करना पड़ा। वे भोपाल के चार इमली बूथ पर वोट डालने पहुंचे, उसकी ईवीएम खराब थी। उन्हें वोट डालने के लिए 20 मिनट इंतजार करना पड़ा। ईवीएम बदलने के बाद ही वे वोट डाल पाए।

 

भोपाल में 15, होशंगाबाद में 20, रीवा में 20, ग्वालियर में 25, जबलपुर में 15, खंडवा में 46, बुरहानपुर में 15, खरगोन में 3, बड़वानी में 6, इंदौर में 17, शाजापुर में 2, उज्जैन में 6, देवास में 12, आगर-मालवा में 3, रतलाम में 15, झाबुआ में 5, मंदसौर में 2, आलीराजपुर में 9 ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में खराबी की शिकायतें मिलीं। मिजोरम की 40 सीटों पर भी मतदान जारी है। यहां 3 बजे तक 58% मतदान हुआ। परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे। 

 

शिवराज और कमलनाथ ने वोट डाला : इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैतृक गांव जैत में वोट डाला। वोट डालने से पहले उन्होंने नर्मदा नदी और कुलदेवी के मंदिर में पूजा की। उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ छिंदवाड़ा के हनुमान मंदिर पहुंचे और पूजा की।

मतदान अपडेट्स :

 

  • जैत गांव में वोट डालने के बाद शिवराज ने कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव पर तंज कसा। बोले- अरुण मेरे साथी हैं। कांग्रेस में उनके साथ बहुत नाइंसाफी हुई। पहले उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया, इसके बाद चुनाव लड़वाया। वे भी बुधनी से। मैं तो कहूंगा कि वे भी भाजपा को वोट दें, क्योंकि मध्य प्रदेश के विकास की बात है।

 

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  • कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के पोलिंग बूथ पर वोट डाला। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों पर उन्हें पूरा भरोसा है। यहां की जनता मासूम है, जिसे लंबे समय से भाजपा सरकार लूट रही है।

 

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  • इंदौर के नेहरू नगर स्थित पोलिंग बूथ पर पीठासीन अधिकारी कैलाश पटेल को सुबह दिल का दौरा पड़ा। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। कलेक्टर ने उनके परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। गुना में भी एक कर्मचारी की मौत की खबर है।
  • कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में वोट डाला। उन्होंने कहा कि ईवीएम में आ रही दिक्कतों की शिकायत हमने चुनाव आयोग से की है। हमारी मांग है कि जहां भी वोटिंग में परेशानी आए, वहां मतदान का समय बढ़ाया जाए। 
  • ज्योतिरादित्य की मांग पर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि वोटिंग का वक्त बढ़ाने का निर्वाचन नियमावली में प्रावधान है। स्थानीय अधिकारी इस मसले पर निर्णय ले सकते हैं।
  • सतना के रैगांव में टिकुरी कला स्थित मतदान केंद्र पर ईवीएम मशीन सुबह से खराब। दूसरी मशीन लगाई गई वह भी खराब हो गई।
  • भिंड में मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के मोहनपुरा गांव में पोलिंग बूथ पर प्रदीप सिंह नाम के एक युवक को गोली मारी। गोली चेहरे पर लगी। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रत्याशी डॉ. राजकुमार के समर्थकों पर गोली मारने का आरोप। प्रत्याशी डॉक्टर राजकुमार को मेहगांव थाने में किया गया नजरबंद।
  • सतना में चित्रकूट विधानसभा के रईया व बाल्हा गांव में ग्रामीणों ने तहसीलदार को बंधक बनाकर पीट दिया। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में सड़क नहीं होने से ग्रामीण चुनाव का बहिष्कार कर रहे थे। मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने ग्रामीणों को डराने का प्रयास किया। इस बात पर ग्रामीण भड़क गए। मौके पर भारी पुलिस बल को रवाना किया गया। 

 

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  • गुना जिले की चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के लखनवास गांव में मतदान केंद्र के सामने भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता भिड़ गए। इसमें सात लोग घायल हो गए। इस सीट से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह प्रत्याशी हैं।
  • भिंड के लहार में रायपुरा गांव के एक मतदान केंद्र में ईवीएम तोड़ी गई। तहसीलदार की गाड़ी को भी निशाना बनाया गया। इस केंद्र पर मतदान रोक दिया गया है। भिंड की अटेर विधानसभा में पोलिंग बूथ नंबर-109 पर दो पक्षो में खूनी संघर्ष हुआ। इसमें चार जख्मी हो गए। विवाद फर्जी मतदान की वजह से हुआ।
  • मप्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रदेश सरकार पर लोकतंत्र के चीरहरण की साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर मतदान को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग सरकार की कठपुतली के रूप में कार्य कर रहा है।

 

मालवा-निमाड़, मध्यभारत की 105 सीटें अहम :

मध्यप्रदेश में भाजपा पिछले 15 सालों से सत्ता में है। कांग्रेस उसे कड़ी टक्कर दे सकती है। वजह मालवा-निमाड़ और मध्य भारत की 105 सीटें हैं। अगर यहां वोट स्विंग होता है, तो फिर नतीजे किसी भी तरफ पलट सकते हैं। लगातार तीन चुनावों से यहां बढ़त बनाकर भाजपा सरकार बनाती आ रही है। 2013 में मालवा-निमाड़ की 66 सीटों में से भाजपा को 56 और कांग्रेस को नौ सीटें मिली थीं और अन्य के खाते में एक सीट गई थी। वहीं, मध्य भारत की 39 में से भाजपा को 32, कांग्रेस को छह और अन्य को एक सीट मिली थी।

 

मालवा-निमाड़ में बढ़त बनाकर उमा-शिवराज ने बनाई सरकार : 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मालवा-निमाड़ से 47 सीट जीतकर सरकार बनाई थी। तब कांग्रेस को 50% वोट मिले थे। भाजपा 44% वोट शेयर पाने के बाद भी 16 सीटें ही जीत पाई थी। इसी तरह 2003 में भाजपा ने 51 सीटें जीती थीं। उमा के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया और वे सीएम बनीं। कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार को एंटीइंकम्बेंसी का सामना करना पड़ा था। पार्टी को सिर्फ 12 सीटें ही मिली थीं। 2008 में कांग्रेस को 24 सीटें जीतीं। वहीं, भाजपा के खाते में 41 सीटें गई थीं। भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब रही।

 

 

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महिला मतदाता 2 करोड़ से ज्यादा

 

कुल प्रत्याशी:  2907 
मतदाता: 5 करोड़, 4 लाख से ज्यादा 
पुरुष मतदाता: 2 करोड़ 62 लाख
महिला मतदाता: 2 करोड़ 41 लाख  
थर्ड जेंडर मतदाता: 1389

2013 में मध्यप्रदेश में 70.8% मतदान हुआ था। वहीं, मिजोरम में 82.9% वोट डाले गए थे।

 

आप और सपाक्स का पहला चुनाव
भाजपा सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस ने एक सीट अपने साझेदार लोकतांत्रिक जनता दल को छोड़कर 229 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। आम आदमी पार्टी और सपाक्स ऐसी पार्टियां हैं, जो प्रदेश में पहली बार चुनावी मैदान में हैं। आप 207 सीटों, सपाक्स 109, बसपा 227, गोंगपा 73 और सपा 52 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

 

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6 सीटों पर रहेगी नजर


1. बुधनी :  शिवराज सिंह (भाजपा) vs  अरुण यादव (कांग्रेस): शिवराज यहां से पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। अरुण पूर्व उप मुख्‍यमंत्री सुभाष यादव के बड़े बेटे हैं। यह उनका पहला विधानसभा चुनाव है। पहले सांसद रह चुके हैं। 
2. होशंगाबाद: सीतासरण शर्मा (भाजपा) vs सरताज सिंह (कांग्रेस)। सरताज के कांग्रेस में शामिल होने पर यह सीट भाजपा के लिए काफी अहम हो गई है।
3. इंदौर 3: आकाश विजयवर्गीय (भाजपा) vs अश्विन जोशी (कांग्रेस)। आकाश, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं। 
4. भोजपुर: सुरेंद्र पटवा (भाजपा) vs सुरेश पचौरी (कांग्रेस)।  पिछले चुनाव में पचौरी को पटवा ने 20,149 वोट से हराया था।
5. चाचौड़ा : ममता मीणा (भाजपा) vs लक्ष्मण सिंह (कांग्रेस)। लक्ष्मण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं। 
6. विजयराघवगढ़: संजय पाठक (भाजपा) vs (पद्मा शुक्ला)। पाठक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए है। पाठक सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। वहीं, पद्मा ने पिछले दिनों भाजपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ली है।

 

मोदी ने 10, राहुल ने 21 तो शिवराज ने 149 सभाएं कीं 
प्रधानमंत्री मोदी ने 10, तो अमित शाह ने 23 सभाएं और 6 रोड शो किए। वहीं, राहुल गांधी ने 21 सभाएं और दो रोड शो किए। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 149 सभाएं और करीब एक दर्जन रोड शो किए। कमलनाथ ने 55, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 110 सभाएं और 12 रोड शो किए। शाह ने अपने दौरों में महाकाल, मैहर सहित कई मंदिरों में पूजा अर्चना की। वहीं राहुल ने महाकाल, दतिया के पीतांबरा पीठ के दर्शन किए। ग्वालियर प्रवास के दौरान उन्होंने मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा में भी मत्था टेका।

 

मिजोरम: 40 सीट के लिए 209 उम्मीदवार मैदान में 
मिजोरम की 40 सीटों के लिए 8 राजनीतिक पार्टियों के 209 कैंडिडेट मैदान में हैं। इनमें सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट के सबसे ज्यादा 40-40, भाजपा के 39, नेशनल पीपुल्स पार्टी के 9 और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के 5 प्रत्याशी हैं। जो 8 दल चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें से सिर्फ कांग्रेस (34 विधायक), एमएनएफ (5 विधायक) और मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (अब जोराम पीपुल्स मूवमेंट का हिस्सा) ही ऐसी हैं, जिनके पास मौजूदा विधानसभा में सीटें हैं। मिजोरम में सत्ताधारी कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद अहम है। कांग्रेस मिजोरम के अलावा पंजाब, पुडुचेरी और कर्नाटक में सत्ता में है।


2013 में कांग्रेस को मिले थे 45% वोट 
2013 के चुनाव में कांग्रेस को 45%, एमएनएफ को 28% वोट मिले थे। जोराम पीपुल्स मूवमेंट(जेडपीएम) 7 क्षेत्रीय दलों को मिलाकर बनी है। इनमें से 2 दल ही ऐसे हैं, जिन्होंने 2013 में चुनाव लड़ा था। तब एमपीसी को 6% और जोराम नेशनलिस्ट पार्टी को 17% वोट मिले थे। जेडएनपी अध्यक्ष लालदुहावमा ही पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। खास बात है कि 2013 में भाजपा को राज्य में महज 0.37% वोट मिले थे। ये भाजपा का राज्य में सबसे कम वोट शेयर है। भाजपा यहां 1993 से चुनाव लड़ रही है। हालांकि, भाजपा इस बार कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रही है।

 

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