अमनेश दुबे, रायपुर . स्टेशन के पास तेलघानी नाका चौक पर पुराना ओवरब्रिज कमजोर होने की वजह से सरकारी एजेंसियों ने नए ओवरब्रिज का प्लान फाइनल करके टेंडर वगैरह कर दिया। पुराना पुल 12 मीटर चौड़ा है, इसलिए तय हुआ कि नया पुल भी इतना ही होगा। लेकिन जैसे ही प्रक्रिया शुरू हुई, दर्जनभर से ज्यादा जमीन मालिकों के साथ विवाद हो गया।
उनमें से कई ने पुल के रास्ते में अपनी बाउंड्रीवॉल भी बना डाली। इस वजह से जमीन कम पड़ने लगी तो पुल की प्रस्तावित चौड़ाई ही 2 मीटर घटाकर 10 मीटर कर दी गई। इस तरह, यह राजधानी ही नहीं बल्कि प्रदेश का पहला ओवरब्रिज होगा, जिसकी चौड़ाई 25 साल पहले बने पुल से भी कम होगी। हालांकि पीडब्ल्यूडी अफसरों का दावा है कि जमीन मालिकों से बात चल रही है। ओवरब्रिज की चौड़ाई बढ़ा ली जाएगी।
भास्कर को पता चला है कि नए ओवरब्रिज के रास्ते में आने वाली कई प्लॉट के के मालिक अपनी जमीन लेने से मना कर रहे हैं। कई लोगों ने रास्ते पर ही बाउंड्रीवाल बना दी है। इससे पूरे प्लान पर ही अड़ंगा लग गया है। गौरतलब है, पहले ही ओवरब्रिज की चौड़ाई मौजूदा पुल के बमुश्किल बराबर आ रही थी, क्योंकि जमीन कम है। जमीन विवाद के बाद अब यह ओवरब्रिज किसी भी स्थिति में 10 मीटर से अधिक चौड़ा नहीं बन पाएगा। बताते हैं कि इसी हिसाब से नए पुल का डिजाइन भी फाइनल कर लिया गया। सिर्फ लंबाई में ही दोनों पुल बराबर रहेंगे।
14 लोगों की जमीन : पुल बनने वाले हिस्से में 14 लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। निजी जमीन वालों को मुआवजा दिया जाएगा। अफसरों का कहना है कि जमीन के हिसाब से ही पुल के ड्राइंग डिजाइन को फाइनल किया गया है। चौड़ाई भले ही कम होगी, लेकिन लंबाई वर्तमान पुल जितनी अर्थात 550 मीटर ही होगी। जिस हिस्से में ओवरब्रिज बनना फाइनल हुआ है, वहां पर्याप्त जगह नहीं है। इस वजह से पुल बनाने के डिजाइन में चौड़ाई को कम किया गया है।
35 करोड़ की लागत : नया ब्रिज बनाने के लिए 35 करोड़ की लागत तय की गई है। स्टेशन से आने में वर्तमान ब्रिज के बाईं तरफ के हिस्से में ब्रिज बनेगा। इस चौक पर ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए ओवरब्रिज के साथ ही एक अंडरब्रिज बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साढ़े 17 करोड़ की लागत से यहां 300 मी. लंबा अंडरब्रिज भी बनाया जा रहा है। आमापारा से अग्रसेन चौक होते हुए तेलघानी नाका तक जाने वाली सड़क इसी अंडरब्रिज से गुजरेगी। इससे ओवरब्रिज पर वाहनों का दबाव कम होगा।
भारी वाहन 7 माह से बैन : तेलघानी नाका का ब्रिज जर्जर हो गया है, इसलिए 7 माह से यहां से भारी वाहनों पर बैन है। फिलहाल इस पुल से रोजाना करीब सवा लाख वाहन गुजर रहे हैं। तेलघानी नाका चौक पर ट्रैफिक दबाव इतना है कि यहां हर 10 से 15 मिनट में जाम की स्थिति बनती है। रात 12 से सुबह 5 बजे तक नो इंट्री खुलने के दौरान यहां से बड़ी संख्या में भारी वाहन गुजरते हैं। इन सब स्थितियों के अध्ययन के बाद पीडब्ल्यूडी और रेलवे ने तय किया कि अब यहां एक नए ब्रिज की जरूरत है।
सुबह शाम पुल पर जाम : तेलघानी नाका अोवरब्रिज से कोटा, मोहबाबाजार, गुढ़ियारी से होते हुए गोंदवारा-गोगांव तक जाने वाला ट्रैफिक गुजरता है।इसलिए सुबह-शाम पुल पर ही जाम लग रहा है।
^मौजूदा ओवरब्रिज में फुटपाथ नहीं बना रहे हैं। इस वजह से ब्रिज की सड़क ज्यादा चौड़ी होगी क्योंकि पुराने ब्रिज पर फुटपाथ है। जमीन अधिग्रहण को लेकर विवाद लोगों से बातचीत कर जल्दी सुलझा लेंगे।
डीके अग्रवाल, सीई (ब्रिज) पीडब्ल्यूडी
Comment Now