भोपाल. भाजपा ने चुनावी कैंपेन का स्लोगन ‘माफ करो महाराज’ क्यों चुना, इसका राज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव प्रचार थमने के बाद बताया। भास्कर से विशेष बातचीत में उन्होंने उन सभी सवालों के जवाब दिए, जो सियासी गलियारों की चर्चा में हैं....
सवाल : आप ‘माफ करो महाराज’ क्यों लेकर आए। क्या सिंधिया आपके लिए कांग्रेस की तरफ से सबसे बड़ी चुनौती हैं?
जवाब: हमने ये स्लोगन कांग्रेस की सामंतवादी और दरबारी प्रवृत्ति को देखकर बनाया है। कांग्रेस में जो भी राजे-महाराजे हैं, ये उन्हें देखकर बनाया गया है। इसका किसी व्यक्ति से लेना-देना नहीं है। भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है, जिसमें किसान का बेटा मुख्यमंत्री और चायवाला प्रधानमंत्री बन सकता है। हम इस बात को बताना चाहते हैं।
सवाल : कांग्रेस का बदलाव का नारा काफी चल रहा है इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: कांग्रेस सिर्फ कुर्सी के लिए बदलाव चाहती है और हम बदलाव चाहते हैं जनता के लिए। देश-प्रदेश के विकास के लिए। मध्यप्रदेश को बदलने के लिए। देश को आगे ले जाने के लिए। उनकी नजर सिर्फ कुर्सी पर है। कुर्सी स्थाई नहीं होती है, लेकिन हम यदि जनता के जीवन में कुछ बदलाव ला सके तो हमारा सत्ता में रहना सार्थक होगा।
सवाल : आप चुनाव की घोषणा से अब तक 149 सभाएं कर चुके हैं। क्या एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर कम हो पाया?
जवाब: मुझे पूरे प्रदेश में प्रो-इंकम्बेंसी दिख रही है। पिछले दो चुनावों से ज्यादा जनसमर्थन और उत्साह मुझे देखने को मिला है। लोगों ने भाजपा सरकार के कामकाज का खुलकर समर्थन किया है।
सवाल : कमलनाथ जी कहते हैं कि भाजपा अब हर घंटे कमजोर हो रही है, आपको क्या लगता है?
जवाब: मुझे लगता है भाजपा हर घंटे मजबूत हो रही है। जब हमने प्रचार शुरू किया था, तब कांग्रेस कह रही थी कि भाजपा कमजोर है लेकिन जैसे-जैसे प्रचार आगे बढ़ा, वे भी मानने लगे कि भाजपा लगातार बढ़ रही है। हमारी जीत में कोई संदेह नहीं है।
सवाल : क्या कारण है कि आप भाजपा को प्लस मान रहे हैं?
जवाब: केन्द्र और राज्य सरकार के जमीनी स्तर के काम हमें फायदा पहुंचा रहे हैं। जमीन और आसमान का अंतर सभी को समझ मेें आता है। मेरा ध्यान सिर्फ अपने काम और योजनाएं बताने का था। प्रचार में लोगों को याद दिलाना पड़ता है कि हमने क्या काम किए हैं। हमारी सरकार ने राजनीति की दशा और दिशा बदल दी है। कांग्रेस के जमाने में वेलफेयर स्कीम्स नाममात्र की होती थीं। आज हर वर्ग के लिए हमारे पास योजनाएं हैं। चाहे वह लाड़ली लक्ष्मी हो या बेटियों को सरकारी नौकरियों में मौका देने की योजनाएं हो। हम हर किसान की जिंदगी बदलना चाहते हैं और उसे फसल का लाभकारी मूल्य देना चाहते हैं।
सवाल : किसानों के असंतोष को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं?
जवाब: किसानों का व्यापक जनसमर्थन हमें मिलेगा। एक साल में 32,700 करोड़ रुपए उन्हें दिए हैं। उनका हक मानकर दिए हैं। दाम अगर गिरे तो उसका कारण मांग और पूर्ति का सिद्धांत है जो सरकार के बस में नहीं है, लेकिन हमने इसमें भी किसानों को राहत देने की कोशिश की। लहसुन और प्याज के भाव के उदाहरण से समझें- हमने लहसुन के 800 रुपए क्विंटल प्याज को 400 रुपए क्विंटल दिए। गेहूं 2000 रुपए क्विंटल में खरीदा ताकि किसानी फायदे का काम बना रहे।
सवाल : आप कर्जमाफी के खिलाफ क्यों हैं?
जवाब: हम किसानों को कर्ज ही नहीं लेना देना चाहते है। उन्हें अलग-अलग स्कीमों में इतना पैसा देना चाहते हैं कि उन पर कर्ज ही ना बचे। जो किसान खेती मेें कर्जदार हो गए, उनके लिए हम ऋण समाधान योजना लेकर आए। जिसमें हमने तय किया कि कुछ कर्ज सरकार भरेगी, कुछ किसान का योगदान हाेगा। इसमें काफी सफलता मिली। किसान पसीने की कीमत चाहता है वो ऐसी खैरात नहीं चाहता इसलिए भाजपा ने किसानों के लिए जो किया है किसान उससे संतुष्ट हैं।
सवाल : इस बार बीजेपी से तुलनात्मक रूप से काफी ज्यादा बागी खड़े हो हुए हैं? क्या इसका नतीजे पर कोई फर्क पड़ेगा?
जवाब: बागी पहले भी खड़े होते थे। लेकिन इस बार एक-दो नाम बड़े थे, इसलिए चर्चा ज्यादा हो गई। बढ़ती हुई पार्टी और दिखती हुई जीत के कारण स्वाभाविक रूप से आकांक्षा जागती है। जितने लोग बागी खड़े होते है उनमें 99 प्रतिशत लोग मान जाते हैं एकाध पर्सेंट नहीं मानते। इसका कोई खास असर नहीं होता है।
किसान पसीने की कीमत चाहता है, खैरात नहीं। इसलिए भाजपा सरकार के काम से किसान संतुष्ट हैं।
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