राजेश पांचाल, उज्जैन. जिले की घटि्टया विधानसभा हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू की वजह से चर्चा में है। उनके पुत्र अजीत बौरासी यहां से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। सभी की निगाहें गुड्डू के चुनावी मैनेजमेंट पर टिकी हैं। मुकाबला कांटे का इसलिए है, क्योंकि कांग्रेस से पूर्व विधायक रामलाल मालवीय मैदान में हैं।
वे 2008 में भाजपा की लहर के बावजूद जीते थे और पिछला चुनाव हारने के बावजूद वे पांच साल मैदान में ही रहे। घटि्टया उन सीटों में शामिल है, जहां भाजपा ने मौजूदा विधायक सतीश मालवीय का टिकट काटकर पहले अशोक मालवीय को प्रत्याशी बनाया फिर एेन वक्त पर छीन भी लिया। ऐसा अजीत बौरासी के लिए हुआ। घटि्टया में इस बार जलसंकट, बेरोजगारी की चर्चा हर चौराहे पर हो रही है। भाजपा प्रदेश सरकार की योजनाओं के सहारे कब्जा बरकरार रखने के प्रयास में जुटी है।
विधायक का टिकट कटने और देने के बाद वापस लेने के घटनाक्रम के बावजूद कहीं कोई जाहिर असंतोष नहीं है, लेकिन ऐन चुनावी बेला में यूरिया संकट खड़ा होने से किसानों के गुस्से का डर सता रहा है। कांग्रेस भी लगे हाथ इसका फायदा उठाने की कोशिश में है। कांग्रेस प्रत्याशी मालवीय को अपनी सक्रियता और जमीनी पकड़ पर भरोसा है। यह भरोसा कुछ हद तक सही भी है, लेकिन उन्हें अकेले के दम ही किला लड़ना पड़ रहा है।
घटि्टया सीट
मुद्दा...जलसंकट, स्वास्थ्य यहां के प्रमुख मुद्दे हैं।
समीकरण... घटि्टया में सबसे ज्यादा 50 हजार अजा वर्ग के वोटर हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा बलाई समाज के हैं। इसके बाद राजपूत, आंजना और ब्राह्मण मतदाता हैं। रामलाल मालवीय बलाई समाज से हैं।
वोट का गणित
Comment Now