Thursday, 5th June 2025

होशंगाबाद सीट / सरताज के रूप में कांग्रेस को मिला मजबूत प्रत्याशी, भाजपा में भितरघात और अंतर्कलह

Wed, Nov 21, 2018 7:43 PM

 

  • पिछले 13 विधानसभा चुनाव में 7 बार कांग्रेस और 6 बार भाजपा जीती
  • ईमानदार छवि वाले सीतासरन के सामने उनके राजनीतिक गुरु और भाजपा के बागी सरताज सिंह

 

होशंगाबाद (सुधीर व्यास). टिकट बंटवारे के बाद मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही होशंगाबाद सीट पर कांटे की टक्कर है। भाजपा के ईमानदार छवि वाले सीतासरन शर्मा के सामने 78 वर्षीय उनके राजनीतिक गुरु व भाजपा के ही बागी सरताज सिंह हैं। हालांकि होशंगाबाद-इटारसी सीट भाजपा का गढ़ है। यहां 15 साल से पार्टी का विधायक है।

 

हालांकि, इस बार मुकाबला बराबरी पर दिख रहा है। क्योंकि सरताज बाहरी जरूर हैं, पर कमजोर नहीं। कांग्रेस हर बार कमजोर प्रत्याशी होने के कारण हार जाती थी। उसे भाजपा में भितरघात व अंतर्कलह का फायदा भी मिलता दिख रहा है। नामांकन के समय किसी को यह अंदाजा नहीं था कि यह सीट चर्चा में आ जाएगी।  

अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं प्रत्याशी

अब हालत यह है कि ऊंट किस करवट बैठेगा, यह दावे से कोई नहीं कह पा रहा। दोनों पार्टी के लोग जरूर अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं पर आम जनता इस समय मौन है। नामांकन के समय से जितनी भीड़ भाजपा के साथ थी, उतनी भीड़ कांग्रेस के साथ प्रचार के समय दिख रही है।

 

इसलिए ग्राउंड पर दोनों का मुकाबला बराबरी का है। दोनों पार्टियां और प्रत्याशी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। अब जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा वैसे-वैसे दोनों पार्टी के प्रत्याशी जनता को मनाने में लगे हैं। कोई मूलभूत सुविधाएं देने की बात कर रहा है तो कोई सरकार की कमियां गिना रहा है।

 

 

काम किया है, यही हमारी ताकत : 

 

भाजपा ने पिछले 15 साल में विकास किया है। इसलिए इस चुनाव में हम ही चुनाव जीतेंगे। कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा नहीं है। वे सिर्फ बातें ही कर रही हैं। यह जनता समझती है। जनता के बीच में हम अपनी बात मजबूती से रख रहे हैं।

डाॅ. सीतासरन शर्मा

 

विकास के नाम पर धोखा दिया :

 

भाजपा के शासन और सरकार से अब जनता परेशान हो गई है। 15 साल तक शासन करने के बाद भी लोगों को सरकार मकान नहीं दे पा रही। विकास के नाम पर जनता को धोखा दिया है। अब जनता इस चुनाव में अपना मत साफ कर  भाजपा को जवाब देगी।

सरताज सिंह

होशंगाबाद सीट पर एक नजर:

 

 

मुद्दा: रोजगार, बागी और बाहरी। कांग्रेस के पास यहां कार्यकर्ताओं की कमी तो भाजपा के पास गुटबाजी में फंसे नेताओं को एक सूत्र में बांधे रखने की चुनौती।

 

समीकरण: 61 साल के इतिहास में जातिगत समीकरण कभी नहीं चले। 13 में 12 चुनाव में ब्राह्मण विधायक बना। कांग्रेस-भाजपा से 6-6 बार ब्राह्मण जीते हैं। पहला चुनाव कांग्रेस के गैर ब्राह्मण प्रत्याशी ने जीता था।  

 

कुल वोटर 2,06,527
पुरुष 107915
महिला 98594

 

2013 के नतीजे: 

  • कुल वोट पड़े : 1424674 (72%) 
  • सीताराम शर्मा- 91760 (भाजपा)
  • रवि जायसवाल 42464 (कांग्रेस)
  • हार-जीत का अंतर 49296 वोट

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