मध्यप्रदेश की 15 वी विधान सभा के लिए इस साल होने जा रहे आम चुनाव में 250 महिला उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में है । महिला उम्मीदवारो की संख्या वर्ष 1985 के बाद सम्पन्न सात विधान सभा निर्वाचनों में सबसे अधिक है । तीस साल पहले 1985 में हुए विधानसभा चुनाव में मात्र 76 महिला उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा था, जबकि मप्र और छत्तीसगढ़ एक ही राज्य थे और विधानसभा सीटों की संख्या 320 थी । इसी तरह 1990 में 150, 1993 में 164, 1998 में 181, 2003 में 199, 2008 में 221 और 2013 में बढ़कर 200 हो गई । इसका मतलब है कि राजनीति में मध्यप्रदेश की महिलाओं की रुचि धीरे धीरे बढ़ती गई । इस बार के चुनाव में महिलाओं की भागीदारी न सिर्फ़ उम्मीदवारी में बढ़ी बल्कि मतदान में भी उनका प्रतिशत बढ़ने जा रहा है । जबकि 2013 के निर्वाचन में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 69.77 था ।यह भी पहली बार है कि प्रमुख राजनैतिक दलों से महिलाओं ने बढ़- चढ़कर टिकट माँगा । अब देखना यह है कि इनमें से कितनी महिलाएं जीतकर विधान सभा में सदन की आसन्दी यानी अपनी सीट तक पहुँचेंगी । वर्ष 2013 के चुनाव में भाजपा की 28 में से 22, कांग्रेस की 23 में से 6 , बसपा की 22 में से 2 महिला उम्मीदवार ने जीत का परचम लहराया था । हालांकि भाकपा से 1,एनसीपी से 14, अन्य दलों से 59 और 53 निर्दलीय महिलाओं ने चुनाव लड़ा लेकिन सफलता उनसे दूर रही ।
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