Friday, 23rd May 2025

आज का पर्व / तुलसी विवाह का मुहुर्त और पूजा विधि, इस आसान तरीके से कर सकते हैं पूजा

Mon, Nov 19, 2018 7:48 PM

तुलसी विवाह के लिए कार्तिक शुक्लपक्ष की एकादशी यानी आज का दिन शुभ है। आज भगवान शालिग्राम के साथ तुलसीजी का विवाह किया जाएगा। जिस घर में बेटियां नहीं होतीं वहां तुलसी विवाह करके कन्यादान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसमें भगवान विष्णु को छल करने पर उन्ही की भक्त वृंदा ने श्राप देकर शालग्राम पत्थर बना दिया था। तब भगवान ने उस भक्त को वरदान दिया था कि हमारा विवाह तुलसी और शालग्राम रुप में होगा

 

  • विवाह का शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि 18 नवंबर को दोपहर लगभग 2 बजे से शुरू होकर 19 नवंबर को दोपहर लगभग  2:30 है। इसके बाद द्वादशी तिथि शुरू हो जाएगी, लेकिन एकादशी तिथि में सूर्योदय होने से तुलसी विवाह 19 नवंबर यानी आज होना चाहिए। इसके अलावा शाम को सूर्योदय के बाद यानी प्रदोष काल जिसे गोधूली वेला भी कहा जाता है। इस समय में तुलसी विवाह करना शुभ माना गया है।

 

  • इस तरह करें तुलसी और शालग्राम विवाह 
  • तुलसी के पौधे को सूर्यास्त के पहले ही आंगन या छत पर रख लें।
  • शुभ मुहूर्त में पौधे के उपर मंडप बनाएं।
  • एक थाली में शुद्ध जल, चंदन, कुमकुम, फूल, हल्दी, अबीर, गुलाल, चावल, कलावा और अन्य पूजा की सामग्री रखें।
  • पूजा से पहले तुलसी के गमले में शालग्राम जी का आवाहन कर के शालग्राम को गमले में स्थापित कर दें। 
  • पहले भगवान शालग्राम की पूजा करें। शालग्राम पर शुद्ध जल, चंदन, कलावा, वस्त्र, अबीर, गुलाल और फूल चढ़ाएं। इसके बाद भगवान शालग्राम को नैवेद्य के लिए मिठाई और अन्य चीजें चढ़ाएं।
  • इसके बाद तुलसी जी की पूजा करें।
  • तुलसी देवी पर पूजा और सुहाग सामग्री के साथ लाल चुनरी चढ़ाएं।
  • इसके बाद धूप-दीप दिखाकर नेवैद्य लगाएं।
  • फिर कपूर से आरती करें और 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें।
  • तुलसी पर चढ़ाया गया सुहाग का सामान और अन्य चीजें अगले दिन किसी सुहागिन को दान कर देना चाहिए।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery