भोपाल . मध्य विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्रनाथ सिंह (मम्मा) और कांग्रेस के आरिफ मसूद भास्कर दफ्तर में आमने-सामने हुए। दोनों ने एक दूसरे पर खूब आरोप लगाए। मसूद ने सुरेंद्रनाथ से कहा कि मम्मा, आप तो गुमठी माफिया हो गए हो। निगम के कर्मचारियों से मारपीट तक कर देते हो। सुरेंद्रनाथ ने जवाब दिया कि किसी गुमठी वाले या ठेले वाले का रोजगार छिनेगा तो मैं तो लडूंगा, यदि ये गलत है तो गलत ही सही।
सवाल : मसूद :मम्मा, आप गुमठी माफिया हो गए हैं। आपको गुमठी वालों की तो चिंता है, लेकिन शहरभर में गुमठियों से चौथ वसूली होती है, पर्चियां कटती हैं, इस पर क्या कहेंगे? खबरों में मैंने पढ़ा है कि आप गुमठी के लिए नगर निगम के कर्मचारियों से मारपीट तक कर देते हो, पर विधानसभा में आवाज नहीं उठाते।
जवाब : सुरेंद्रनाथ मुझे गुमठी माफिया कहना गलत है। मैंने किसी से मारपीट नहीं की। किसी गुमठी वाले की रोजी छिनेगी तो मैं तो लड़ूंगा, ये गलत है तो गलत ही सही। मैं ये नहीं कहता कि गुमठियां मत हटाओ, बस इतना कहता हूं कि पहले व्यवस्थापन करो, फिर हटाओ।
सवाल : मसूद मम्मा शहर खूबसूरत बने ऐसा सब चाहते हैं, लेकिन किसी का रोजगार नहीं छिने, इसके लिए आपने किया क्या?
जवाब : सुरेंद्रनाथ हॉर्कस जोन बनवा रहे हैं, भूमिपूजन हो गए हैं, जल्द ही बन जाएंगे।
सवाल : मसूद लेकिन मम्मा आप एक भी बड़ा अस्पताल क्षेत्र में नहीं बनवा पाए, बना बनाया बेनजीर कॉलेज शिफ्ट हो गया, चिकलोद रोड सालों से खराब पड़ी है। कीचड़ से मंडी की हालत खराब है।
जवाब : सुरेंद्रनाथ एम्स भोपाल में बन चुका, हमीदिया है, भोपाल मेमोरियल, जेपी है और कितने अस्पताल चाहिए।
सवाल : मसूद भोपाल मेमोरियल तो गैस पीड़ितों का है, जो अब बर्बाद है। एम्स के लिए आपने तो कुछ नहीं करा।
जवाब : सुरेंद्रनाथ एकाएक कोई चमत्कार नहीं हो सकता आरिफ भाई। मध्य क्षेत्र भोपाल से बाहर तो है नहीं और भोपाल में अस्पताल बहुत हैं, नए की जरूरत ही नहीं हैं।
सवाल : मसूद यही तो बात है मम्मा। क्या आपको पता है कि कलेक्ट्रेट में कितने लोग इलाज के लिए कार्ड बनवाने के लिए रोज लाइन में लगे रहते हैं। लोग इलाज के अभाव में मर रहे हैं, सस्ता और अच्छा इलाज मिल ही नहीं रहा।
जवाब :सुरेंद्रनाथ आरिफ भाई, एकदम सबकुछ ठीक नहीं हो सकता। धीरे-धीरे होगा।
सवाल : मसूद आप बताओ, कब आपने विधानसभा में नए अस्पताल या नए कॉलेज की मांग उठाई हो। बने बनाए बेनजीर को आप शिफ्ट होने से नहीं रोक पाए।
जवाब : सुरेंद्रनाथ बेनजीर की शिफ्टिंग मैंने ही रुकवाई है, मैं प्रयास नहीं करता तो कुछ नहीं होता। संबल योजना में हम गरीबों को सीधे मदद पहुंचा रहे हैं।
सवाल : मसूद सिर्फ कागजों पर ही बदलाव हुए हैं मम्मा, आपके प्रयास किसी काम के नहीं। बेनजीर तो शिफ्ट हो चुका है, नाम तक बदल गया, आप कुछ नहीं कर पाए।
कॉलोनियां हैंडओवर नहीं होने से उन्हें निगम की सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, आप कुछ नहीं करते?
जवाब : सुरेंद्रनाथ कौनसी कॉलोनी, मुझे तो नहीं पता।
सवाल : मसूद शाहपुरा की जी-1, जी-2, जी-3। तीन नाम तो मुझे ही पता है। 10 साल से कॉलोनी के लोग मांग कर रहे हैं। सफाई के लिए निजी कर्मचारी रखना पड़ते हैं।
जवाब : सुरेंद्रनाथ 10 साल नहीं, 30 साल कहो। सारी समस्याओं के लिए मैं ही जिम्मेदार नहीं हूं। 60 साल तो आपकी पार्टी की सरकार रही है, क्यों नहीं हुए काम?
सवाल : मसूद 15 साल बहुत होते हैं आपके लिए, इतने में तो आप भी कर लेते?
भास्कर का सवाल- स्लाटर हाउस के लिए आपने क्या किया..
सुरेंद्रनाथ: स्लाटर हाउस की शिफ्टिंग के लिए हमने प्रयास किया है। हम चाहते हैं कि स्लाटर हाउस हटना चाहिए।
मसूद: मैं कुछ नहीं कहूंगा, क्योंकि मामला एनजीटी में है। घूम फिर कर इसी पर बात क्यों होती है। शिक्षा व स्वास्थ्य पर क्यों बात नहीं करते आप।
आखिर में...
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