अमृतसर/जालंधर/बठिंडा. राजासांसी के पास गांव अदलीवाल स्थित निरंकारी भवन बम कांड के पीछे पाकिस्तान में आईएसआई की शरण लिए हुए खालिस्तानी आतंकियों का हाथ होना बताया जा रहा है। इनमें आतंकी हरमीत सिंह पीएचडी का नाम भी शामिल है। करीब 40 साल का हरमीत ऐसा खालिस्तानी आतंकी है, जो राज्य में फिर आंतक फैलाने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू की मौत के बाद आईएसआई ने हरमीत को जिम्मेदारी सौंपी है कि वह राज्य में माहौल खराब करने के लिए अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करे। हरमीत भी अमृतसर के छेहर्टा का मूल निवासी है। खालिस्तान लहर से जुड़े युवा हरमीत के साथ हैं। सुरक्षा एजेंसियां इस दिशा में जांच कर रही हैं।
कश्मीर पैटर्न पर किया गया गया हमला
डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने आतंकी हमले की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि कश्मीर में भी इसी तरह के ही आतंकी हमले किए जाते हैं। माना जा रहा है कि हमले में इस्तेमाल ग्रेनेड भी जम्मू-कश्मीर से ही लाया गया था, क्योंकि इस तरह के ग्रेनेड आतंकी वहां आर्मी पर हमला करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। कश्मीर में भी आतंकियों के मददगार इस तरह के हमले कर भाग जाते हैं।
14 सितंबर को मकसूदां थाने पर भी आतंकी ग्रेनेड अटैक कर भागे थे। सत्संग भवन पर हमले का तरीका भी ऐसा ही है। कुछ दिन पहले आर्मी चीफ बिपिन रावत ने भी कहा था कि बाहरी ताकतों के जरिये पंजाब में फिर से आतंकवाद को जिंदा करने की साजिश रची जा रही है।
मोबाइल लोकेशन से सुराग की तलाश
सुरक्षा एजेंसियों ने बम कांड से एक घंटे पहले और बमकांड के बाद घटना स्थल के आसपास मौजूद मोबाइलों की टॉवर लोकेशन और कॉल डिटेल की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन पंजाब में मौजूद खालिस्तान समर्थकों को हर तरह की मदद उपलब्ध करा रहे हैं। इसके पीछे मकसद पंजाब में हिंसा फैलाने और कश्मीर को भारत से अलग करवाना है।
वॉन्टेड आतंकी बैठे हैं पाकिस्तान में
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इस समय पाक में सक्रिय आतंकी संगठन कश्मीर के आतंकियों और पंजाब में मौजूद खालिस्तान समर्थकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पंजाब में वॉन्टेड कई आतंकी जिनमें वधावा सिंह बब्बर, परमजीत सिंह पंजवाड़, हरमीत सिंह पीएचडी, लखबीर सिंह रोडे पाकिस्तान में आईएसआई की पनाह में बैठे हैं।
मूसा के एंगल पर चल रही जांच
इंटेलीजेंस ने कहा था कि अलकायदा के कश्मीरी आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद (एजीएच) के चीफ जाकिर रशीद भट्ट उर्फ मूसा के अमृतसर आने का इनपुट मिला है। ऐसे में मूसा के एंगल पर भी जांच चल रही है। निरंकारी भवन पर हुए हमले की ही तरह यहां 14 सितंबर को थाना मकसूदां पर भी चार हैंड ग्रेनेड फेंके गए थे। पुलिस ने इस मामले में शाहिद कय्यूम और फाजिल बशीर को गिरफ्तार किया था।
ग्रेनेड फेंकने में माहिर नहीं थे हमलावर
विशेषज्ञों के अनुसार, निरंकारी सत्संग भवन में हमलावरों ने घुसकर जिस तरह ग्रेनेड फेंका, उससे यह स्पष्ट है कि वे इस काम में माहिर नहीं थे। हमलावर ने ग्रेनेड 30-32 मीटर की दूरी से स्टेज की तरफ फेंका और वह जमीन पर गिरने के बाद फटा। इसके कारण आसपास के कुछ फीट की दूरी तक नुकसान हुआ। विशेषज्ञों के अनुसार, ग्रेनेड फेंकने के लिए खास ट्रेनिंग की जरूरत होती है। इसमें बताया जाता है कि 35 से 40 मीटर की दूरी से फेंकें। ग्रेनेड की रफ्तार इतनी रखी जाती है कि वह आठ से 11 सेकेंड में लक्ष्य तक पहुंच जाए, ताकि फटने के बाद उसके छर्रे 20 से 25 मीटर एरिया में असर दिखाएं।
चोरी हुईं मोटरसाइकिलों की डिटेल मांगी
चश्मदीदों के मुताबिक हमलावर काली पल्सर बाइक पर आए थे। पुलिस मान कर चल रही है कि यह बाइक चोरी की थी। ऐसे में हाल ही में चोरी हुई बाइक की डिटेल हर थाने से मांगी गई है। एसपी हरपाल सिंह ने बताया कि इलाके के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं।
कई दिनों से सक्रिय है स्लीपर सेल
इंटेलीजेंस विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब खासकर प्रदेश के बॉर्डर से लगते जिलों में आतंकियों ने पिछले कुछ वक्त से अपने स्लीपर सेल्स एक्टिव किए हैं। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि ये स्लीपर सेल्स इलाके में कुछ और हमले करने की तैयारी में हैं। आर्मी चीफ विपिन रावत भी कह चुके हैं कि पंजाब में आतंकी गतिविधियां काफी बढ़ रही है।
आतंकी जाकिर मूसा पर शक की वजह
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