मुंबई. महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के जंगलों में बाघिन अवनि के शावक घूमते देखे गए हैं। वन विभाग की टीम पुनर्वास के लिए उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही है। 14 लोगों को शिकार बनाने वाली बाघिन को कुछ दिन पहले मार दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अवनि को मारने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। बाघिन के खात्मे को लेकर राजनीतिक दल और पर्यावरण कार्यकर्ता फडणवीस सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
वन विभाग के अधिकारी एके मिश्रा ने गुरुवार को बताया कि बाघिन के शावक जीवित और स्वस्थ्य हैं। विशेषज्ञ पता लगा रहे हैं कि कहीं इन्होंने मां के साथ इंसानी मांस का स्वाद तो नहीं चखा? शावक अवनि के साथ रहे, इसलिए वे नरभक्षी हो सकते हैं और नहीं भी। लेकिन उन्हें बचाने और पुनर्वास के इंतजाम किए जाएंगे।
अवनि ने जंगल के आसपास के इलाकों में 14 लोगों को शिकार बनाया था। उसकी तलाश में वन विभाग ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया। करीब 200 शिकारियों ने पैराग्लाइडर्स, इंफ्रारेड कैमरों से उस पर नजर रखी। शूटरों के जंगल में घूमने के लिए हाथियों बुलाए गए। इसके बाद देश के नामी शिकारी असगर अली खान ने बाघिन का खात्मा किया।
अवनि को बचाने के लिए वन्य प्राणियों के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने मुहिम चलाई थी। सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थीं। इनमें कहा गया था कि बाघिन आमतौर पर अपने शावकों की रक्षा करने के लिए हमला करती है। इन पर सितंबर में सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि अगर बाघिन को ट्रैन्क्यूलाइज करने में नाकाम रहें तो मार दिया जाए।
2014 की गणना के मुताबिक, देश में बाघों की संख्या 1500 से बढ़कर 2200 हो गई। जंगलों में शहरी घुसपैठ के चलते आए दिन बाघ और हाथी जैसे जानवरों से इंसानों का सामना हो जाता है। फिलहाल, देश में बाघ और हाथी के हमले मे हर दिन एक इंसान की जान जा रही है।
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